Wednesday, December 13, 2023

भारत में संस्कृत की पढ़ाई करके स्पेन की मारिया बनी गोल्ड मेडलिस्ट,अन्य भाषाओं की भी हैं जानकर

हम सभी संस्कृत भाषा से भलीभांति परिचित हैं। संस्कृत भाषा का इतिहास बहुत ही पुराना है। इसे देव भाषा भी कहते हैं। आज भी हिंदू धर्म में यज्ञ और पूजा करते समय संस्कृत मंत्र का ही उपयोग किया जाता हैं, मगर क्या आज के समय में भी सभी भारतीय संस्कृत भाषा को पढ़ते या समझते हैं? अगर देखा जाए तो 100 में 90% लोगों का उत्तर ‘नहीं’ होता है क्योंकि संस्कृत भाषा में बहुत कम लोगों की रुचि होती है। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि भारत में लोग अपनी सभ्यता और संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। एक तरफ जहां भारत में संस्कृत भाषा का प्रयोग कम होते जा रहा है, वही दूसरी ओर विदेशों में इसकी भाषा सुनने को मिल रही है।

जी हां यह सुनकर विश्वास करना मुश्किल है लेकिन आज हम एक एक ऐसी ही विदेशी महिला मारिया रूईस के बारे में बताने जा रहे हैं , जो केवल संस्कृत भाषा बोलती ही नहीं हैं बल्कि कुछ समय पहले ही उन्हें संस्कृत विषय में टॉप करने के लिए सम्मानित भी किया गया है।

Maria Ruis from becomes Gold Medalist in Sanskrit in India

कहा से मिली संस्कृत की शिक्षा

‘मारिया रूईस’ मुख्य रूप से स्पेन (Spain) की रहने वाली हैं। मारिया ने विदेश में रहने के बावजूद संस्कृत (Sanskrit) विषय से शिक्षा ग्रहण किया। उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (sampurnanand Sanskrit vishwavidyalay) जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में है, वही से संस्कृत विषय में टॉप किया और इसके साथ ही आचार्य की डिग्री भी हासिल की। इतना ही नहीं उन्होंने संस्कृत के पूर्वमीमांसा विषय में भी टॉप किया और गोल्ड मेडल भी जीता। आपको बता दें कि मारिया ने शास्त्री की डिग्री भी हासिल किया।

Maria Ruis from becomes Gold Medalist in Sanskrit in India

किया गया सम्मानित

विश्वविद्यालय में कुछ समय पहले ही 38वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया था, जिसमें राज्य की राज्यपाल आनंदी पटेल ने मारिया को प्रमाण पत्र के साथ ही गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया था। मारिया एक मात्र ऐसी महिला थीं, जिन्हें विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में सम्मानित किया गया था। मारिया सम्मानित होने के बाद एक मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान बताया कि आगे वह संस्कृत विषय में ही PhD (पीएचडी) करने वाली है।

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बचपन से ही कुछ अलग करने का शौक

मारिया रूईस को बचपन से ही दूसरे देशों के भाषाओं को पढ़ने और जानने में काफी दिलचस्पी रहा हैं। उन्हें अपनी मातृभाषा स्पेनिश के साथ अन्य भाषाओं में काफी जानकारी है। जैसे- हिंदी, जर्मन, इटालियन और अंग्रेजी। खबरों की मानें तो मारिया ने संस्कृत विषय पढ़ने के लिए पहले ऋषिकेश गईं उसके बाद वह वाराणसी गईं।

Maria Ruis from becomes Gold Medalist in Sanskrit in India

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय

समापूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी। अपको बता दें कि यहां पर प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में विदेशी छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। इस विश्वविद्यालय में संस्कृत के अलावा फ्रेंच, जर्मन, नेपाली, तिब्बती, रूसी आदि विषयों की शिक्षा दी जाती है। मारिया ने वर्ष 2012 में संस्कृत विषय की शिक्षा लेने के लिए काशी आई थीं।

विदेश की होने के बावजूद मारिया रूईस को संस्कृत विषय में गोल्ड मेडल मिलना वाकई सराहनीय है।