“खाई के पान बनारस वाला,
खुल जाए बंद अकल का ताला”
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने डॉन फिल्म के इस सुप्रसिद्ध गाने की ये पंक्तियाँ न सुनी हों, लेकिन क्या कभी किसी ने ये सुना है कि 1985 में बिहार में जन्मा और बनारस यूनिवर्सिटी से यूडीएम एमबीए प्रोग्राम (UDM MBA PROGRAM) करने वाला एक छात्र पी. एन. ठाकुर पान के बिजनैस को नेशनली फेमस करने के लिए इस क्षेत्र में एक एन्टरप्रीन्योर के रुप में उभर कर सामने आएगा । जी हां, गाज़ियाबाद के मशहूर “मस्त बनारसी पान: द रियल डिलाइट “ के संस्थापक पी. एन. ठाकुर जिन्होनें साल 2015 में अपना बिजनैस स्टार्टअप करते हुए भारत में पान व्यवसाय को एक व्यापक रुप दिया उनकी स्ट्रैगलिंग और सक्सैस स्टोरी को The Logically अपनें पाठकों के साथ साझा कर रहा है !
पान के व्यवसाय को दिया एक व्यवस्थित रुप
पीएन कहते हैं – “बनारस ही नही हैदराबाद में रहते हुए भी मैनें ये बात नोटिस की कि भले ही लोग यहां पान को खाना तो पसंद करते हैं लेकिन भारत में ये व्यवसाय बिखरा हुआ है मतलब एक आर्गेनाइड वे में काम नही करता है।“
पीएन कैसे हुए इस दिशा में इंस्पायर
The Logically से हुई बातचीत में पीएन ठाकुर बताते है कि – बनारस विश्वविधालय से एमबीए करने के बाद जब वह हैदराबाद में हिंदुस्तान टाइम्स के Shine. Com डिपार्टमैंट में अपनी इंटर्नशिप के लिए गए वहां एक सेमीनार के दौरान प्रोफेशनलस् द्वारा कही गई ये बात “ making things unorganized into organized, that is called business” यानि ‘अव्यवस्थित चीज़ों को व्यवस्थित करना ही बिजनैस है’ से प्रेरित होकर उन्होनें भारत में पान के व्यवसाय को एक व्यवस्थित ढ़ांचा देने की दिशा में कदम उठाया।
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फैमिली पान के रुप में किया प्रैज़ेन्ट
पीएन बताते हैं – “भारत में पान के संबंध में लोगों की यह सोच रही है कि पान खाना एक बुरी लत है, ये केवल तंबाकू बेस्ड होता है और केवल पुरुष ही इसका आनंद ले सकते हैं, ऐसे में मैनें लोगों की सोच में बदलाव लाते हुए और बनारसी पान के प्रोजेक्टस् और रैसिपी को अपनाते हुए उसे एक फैमली पान यानि महिलाएं और बच्चें भी जिसका स्वाद ले सकें इस दिशा में बदलाव लाने का प्रयास किया। इतना ही नही, मैनें इसे एक हाईजिनीक एन्वायरमैंट और इन्प्रास्ट्रक्चर के साथ इसे प्रजैन्ट किया। यदि हम स्वास्थ्य की नज़र से भी देखें तो पान हाई ब्लडप्रैशर से लेकर पाचन तक के लिए आयुर्वैदिक रुप से लाभप्रद माना जाता रहा है।“
‘मस्त बनारसी पान’ नाम रखने के पीछे की कहानी
‘मस्त बनारसी पान’ नाम रखने के पीछे की रोचक कहानी बताते हुए पीएन कहते हैं कि – बनारस में हर चीज़ में ‘मस्त’ शब्द ज़रुर इस्तेमाल होता है चाहे दोस्त एक दूसरे का हाल ही क्यों न ले रहे हों। विशेषकर पान की दुकान पर जा कर तो यही फरमाइश की जाती है कि ‘एक मस्त बनारसी पान तो बनाओ’, बस वहीं से ये डोमेन (Domain) लेकर उन्होनें अपने व्यवसाय को ये नाम दिया। अपने प्लान को साकार करने के लिए पीएन ने 15000 रुपये से शुरुआत की।
शुरु में ही आई 45 इंनक्वायरी
The Logically को पीएन ठाकुर बताते हैं कि- जब मैने R&D के लिए इसे वेबसाइट पर डाला तो 45 इनक्वायरीज़ बिना कोई डिजिटल प्रोमोशन के ही इस संबंध मुझे मिली । यही सब देखते हुए और पान के व्यवसाय को लेकर लोगों की सोच को अनदेखा करके रिस्क लेते हुए मैनें अपनी नौकरी छोड़ दी और वापस बनारस आकर इसी क्षेत्र में आगे काम करने की ठान ली।
अनुभवी लोगों से ली सलाह
बनारस में ही इस व्यवसाय में 25 से 45 साल तक का अनुभव रखने वालों से संपर्क साधते हुए पीएन ये जानें कि उनकी प्लानिंग और इम्पलीमैंट सपोर्ट सिस्टम क्या होना चाहिए। वर्तमान में, पार्टनर को इंफास्ट्रक्चर तैयार करवाने के लिए मैन पावर, रॉ मैटेरियल से लेकर डिजिटल प्रोमोशन कंपनी की तरफ से ही प्रोवाइड किया जाता है।
‘मस्त बनारसी पान’ के 200 से अधिक आउटलेट्स हैं
पीएन कहते हैं कि – वर्तमान में ‘मस्त बनारसी पान’ के 200 से अधिक आउटलेट्स हैं जिनमें नेपाल, अंडमान-निकोबार, बिहार, झारखण्ड, दिल्ली, यू.पी. भी शामिल हैं। ‘मस्त बनारसी पान’ का कॉरर्पोरेट ऑफिस गाज़ियाबाद और बनारस में ऑपरेशनल ऑफिस है। जहां 350 से अधिक वर्कर्स काम कर रहे हैं।
‘मस्त बनारसी पान’ की वैराइटी
आज ‘मस्त बनारसी पान’ पर पूरी तरह तंबाकू – फ्री पान मिलता है इतना ही नही जो आपने सोचे भी नही होंगें उससे अधिक तरह के फ्लेवर्ड पान मिलते हैं जिनमें मीठा पान, फायर पान, मस्त स्ट्राबैरी पान, मस्त चॉकलेट पान, मस्त आइसक्रीम पान, ड्राई फ्रूट पान, मस्त बनारसी पान खीर और मस्त बनारसी पान शेक को मिलाकर 100 से भी ज़्यादा वैराइटी मिलती हैं जिन्हें उम्रदराज़ लोगों से लेकर छोटे बच्चे तक खा सके।
बिजनैस स्टार्टअप में पत्नी ने खास भूमिका निभाई
पीएन ठाकुर कहते हैं- “भारत में पहली बार पान का फ्रंचाइज़ी मैनें ही किया लेकिन मुझे इस बात पर गर्व है कि जब शुरुआत में मुझे इन सब बातों की ज़्यादा जानकारी नही थी ऐसे में मेरी पत्नी माया कुमारी जो कि खुद एक पोस्ट ग्रेजुएट हैं ने मुझे न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि मेरे लिए एक सपोर्ट सिस्टम और गाइड के रुप में काम किया। वर्तमान में मेरा कंपीटीशन तंबाकू और गुटखा कंपनियों से है कि लोग अपनी सेहत पर ध्यान देते हुए उन्हें छोड़ अलग-अलग वैराइटी के पान खाएं“
पीएन की तमाम सफलता के पीछे की स्ट्रैगलिंग स्टोरी
पीएन की तमाम सफलता के पीछे एक स्ट्रैगलिंग स्टोरी भी है। दरअसल, पीएन एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं। जिसमें उस समय उनके ऊपर अपनी छः अविवाहित बहनों की जिम्मेदारी भी थी। आर्थिक अभाव के चलते परिवार में शिक्षा की कमी के कारण उन्हें कोई गाइड करने वाला भी नही था। इन तमाम हालातों में न केवल उन्होनें अपनी पढ़ाई लोन लेकर पूरी की बल्कि बिज़नेस की शुरुआत में खुद से ट्रेन के ज़रिये सामान सप्लाई करने का काम तक किया। दिल्ली के पीतमपुरा के एक अविकसित इलाके में रहते हुए कईं ऐसे मौके भी आये जब एक ऑफिस के अभाव में उन्हें कईं बिजनेस अवसरों से हाथ धोना पड़ा। पीएन बताते हैं कि शुरु में उन्होनें कंपनी के प्रोफिट से ज़्यादा कंपनी के विस्तार पर ध्यान दिया जिसमें उन्होनें बिहार और यूपी से कईं युवाओं को एक अच्छी मासिक आय पर रहने खाने की तमाम सुविधाओं के साथ नौकरियां दीं। वर्तमान में उनके चचेरे भाई भी उनके साथ इस बिजनेस में सहायक हैं।
शुरुआत में वर्कर्स मिलने भी हुई दिक्कत
पीएन की मानें तो अपने बिजनैस सैटअप करने में उन्हें फाइनैन्शियल के साथ-साथ जो सोशल चैलेंज जैसे एक MBA छात्र पान का व्यवसाय करे भी झेलने पड़े थे इसी तरह के चैलेंज से सामना वर्कर्स मिलने के समय भी हुआ क्योकिं ऐसे लड़कों के माता-पिता ये नही चाहते थे कि उनका बेटा किसी पान की दुकान पर काम करे। लेकिन अब लड़के यहां काम करना पंसद करते हैं जहां उन्हे नौकरी के दौरान 15 दिन की ट्रेनिंग के साथ 9-10 हज़ार मासिक तनख़्वाह और रहने-खाने, कपड़े की व्यवस्था मुहैया कराई जाती है।
अबॉउट ‘मस्त बनारसी पान’ फ्रंचाइज़ी
बिना किसी दफ्तर और बिना किसी बैंक खाते के एक मास्टर प्लान और सेल्फ कांफिडैंस के बल पर पान व्यवसाय के क्षेत्र में अच्छे भविष्य को लेकर न केवल पीएन ने अपने बेहतरीन काम के ज़रिये भरोसा देकर लोगों को फ्रंचाइज़ी दी। आज पूरे देश में उनकी 150 से अधिक फ्रंचाइज़ी हैं। इस व्यवसाय में फ्रंचाइजी को लेकर एक स्कीम के बारे में बताते हुए पीएन कहते हैं कि वर्तमान में आर्मी और महिलाओं द्वारा मस्त बनारसी पान की फ्रंचाइज़ी लेने पर 15 प्रतिशत की छूट तक का प्रबंध है।
युवाओं को संदेश
युवाओं के लिए पीएन कहते हैं कि कुछ बनने के लिए न केवल सपने देखना बल्कि उनको पूरा करने के लिए दिन–रात एक करना बेहद ज़रुरी है क्योंकि अगर आप सपने नही देखोगे तो भटक कर रह जाओगे।
‘युवापथ’ के ज़रिये करते हैं पथ प्रदर्शन
गाजियाबाद में ही साल 2019 से पीएन ठाकुर ‘युवापथ’ नामक एक एनजीओ भी चलाते हैं जिसमें इच्छुक और इस क्षेत्रों में प्रत्यनशील युवाओं को वर्तमान आर्मी अफसरों और सिविल सेवा अधिकारियों द्वारा उनके क्षेत्र संबधी करियर गाइडलाइन्स और काउंसलिंग साथ ही बिजनेस स्टार्टअप संबंधी गाइडलाइंस भी प्रोवाइड कराई जाती है।
पीएन ने लॉकडाउन में भी स्टाफ की मदद की
लॉकडाउन जैसी परिस्थिति में भी पीएन ने अपने स्टाफ को हटाया नही, आधी सैलरी पर ही उनकी नौकरी बनाए रखी और लॉकडाउन हटने के बाद उन्हें सैलरी इन्क्रीमैंट भी दिया। इतना ही नही, उन्होनें अपने पार्टनरस् से भी वर्कर्स के इन विषम क्षणों में साथ देने की रिर्क्वैस्ट की। The Logically पीएन ठाकुर की इस नई सोच की सराहना करता है।
Mast Banarsi Paan का आनंद लेने के लिए आप 9810272631 या email id – pn.thakur@mastbanarsipaan.com या panchu.ambition@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं