अगर हम किसी भी काम को करने की ठान लें तो वह काम आखिरकार सफल हो ही जाता है। हमें किसी भी काम को करने के लिए उसने अपना कीमती समय देना पड़ता है। मेहनत और लगन के साथ अगर कोई काम किया जाए तो उसने अंततः सफलता जरुर हासिल होती है।
आज हम आपको एक ऐसे एक इंजीनियर के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के साथ साथ अपना कीमती समय देकर के घर में ही हवाई जहाज बना दिए। उन्होंने उसे ऐसे तैयार किया कि उस हवाई यात्रा की कीमत मात्र कार के खर्च के बराबर है। इसके साथ-साथ इस हवाई जहाज बनाने के बाद इन्होंने अपने पूरे परिवार के साथ इसकी यात्रा भी की जो बेहद ही खूबसूरत पल था। तो आईए जानते हैं उस इंजीनियर के बारे में जिन्होंने अपने घर में ही हवाई जहाज बना दिया।
अशोक एलीसेरील (Ashoka eliceryl):-
अशोक केरल (Kerala) के रहने वाले हैं और यह पेशे से मेकेनिकल इंजीनियर हैं। वह फोर्ड मोटर कंपनी (Ford Motor Company) में जॉब करते हैं। वह अपनी पत्नी अभिलाषा दुबे (Abhilasha Dubey) और अपनी दो बेटियों के साथ लंदन (London) में रहते हैं। परंतु इस समय वह अपने पूरे परिवार के साथ अपने ससुराल इंदौर (Indore) आए हुए हैं। जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की वजह से जूझ रहा था उसी समय अशोक को प्लेन बनाने की आईडिया आया था।
अशोक (Ashok) बताते हैं कि जब मैं और मेरी पत्नी, हम सिर्फ दो लोग थे तब हमें घूमने के लिए प्राइवेट प्लेन किराए पर ले कर जाना पड़ता था। लेकिन धीरे-धीरे हमारा परिवार बढ़ने लगा और हम 2 से 4 हो गए। हमारी दो बेटी तारा और दिया है। जब हम लोग चार हो गए तो अब हमें घूमने के लिए चार सीटर प्लेन की जरुरत पड़ने लगी परंतु चार सीटर वाली प्लेन किराए पर नहीं मिला जिसके बाद मैंने ठान लिया कि मैं चार सीटर वाली प्लेन बनाऊंगा।
प्लेन बनाने का आया आईडिया
इंजीनियर अशोक बताते हैं कि जब करोना महामारी के कारण पूरी दुनिया में लॉकडॉन लगी हुई थी। तो उसी समय हमें प्लेन बनाने का आईडिया आया। जिसके बाद मैंने साउथ अफ्रीका की कंपनी से मिलकर के जोहांसबर्ग से एक एयरक्राफ्ट की कंपनी से प्लेन की सारी कीट खरीदा और मैंने प्लेन बनाने का काम शुरु कर दिया। मेरी कड़ी मेहनत और लगन के साथ काम करने के बाद यह प्लेन 18 महीने में तैयार हो गया। मैंने यह प्लेन चार सीटर में तैयार किया। क्योंकि मेरे परिवार में चार लोग हैं।
इस प्लेन को बनाने में मेरी लगभग 2 साल की कमाई लग गई। इस प्लेन में लगभग 1 करोड़ 75 लाख रुपए की लागत आई है। और मेरा प्लेन बन करके तैयार हो गया। अशोक बताते हैं कि यह प्लेन नई टेक्नोलॉजी से बनकर तैयार किया गया है। इसमें काफी नई-नई चीजों का इस्तेमाल किया गया है। जिसके बाद मैंने इस प्लेन का नाम अपनी बेटी के नाम पर रखा। जब मेरा यह प्लेन बन करके तैयार हो गया तो मैं और मेरी पत्नी और मेरी दोनों बेटियां चारों मिलकर के इस प्लेन से घूमने की योजना बनाई।
प्लेन का लाइसेंस बनाने में लगा समय
इंजीनियर अशोक बताते हैं कि जब मेरी प्लेन तैयार हो गई तो इसे उड़ाने के लिए लाइसेंस की जरुरत होती है। बिना लाइसेंस के प्लेन नहीं उड़ा सकते। इसीलिए हमने लाइसेंस बनवाने के लिए फॉर्म अप्लाई किया। जिसके बाद मुझे 1 साल में 9 एग्जाम देने पड़े। इसके साथ-साथ हमें 45 घंटे की उड़ान भी भरनी पड़ी तब जाकर के मुझे प्लेन उड़ने की लाइसेंस मिल गई। लाइसेंस मिलने के बाद मैं अब अपने परिवार के साथ घूमने का प्लान तैयार करने लगा।
एक कार के खर्च के बराबर है इसकी कीमत
अशोक बताते हैं कि इस प्लेन चार सीटर वाली प्लेन को उड़ने में एक कार के खर्च के कीमत के बराबर है। जब मैं इस प्लेन को उड़ाया तो यह 1 घंटे में 25 लीटर पेट्रोल की खपत होती है। जो 250 किलोमीटर तक की उड़ान भरता है। यह चार सीटर प्लेन को उड़ाने में काफी कम खर्च आती है।
यूरोप सहित चार राज्यों का किया भ्रमण
अशोक बताते हैं कि जब मेरा प्लेन बनकर तैयार हो गया और मेरा लाइसेंस बन गया तब अपने परिवार के साथ छुटियां मनाने के लिए घुमने निकल गया। मैंने अपनी पहली उड़ान साल 2022 में लंदन से भरी। इसके साथ-साथ अपनी बेटियों के साथ में जर्मनी और ऑस्ट्रिया का भी भ्रमण किया है। इसके साथ-साथ वे अपने इस प्लेन से पूरा यूरोप सहित चार अलग-अलग राज्यों का भी भ्रमण किए हैं।
प्रेरणा
इंजीनियर अशोक से हम लोगों को यह प्रेरणा मिलती है कि अगर हम किसी भी काम को करने ठान लें तो वह काम असंभव नहीं होता है और आखिरकार सफलता जरुर हासिल होती है।