यूपीएससी या किसी पीसीएस का रिजल्ट आते ही कई सफल छात्रों के संघर्षों की कहानी भी सामने निकलकर आती है जिसे पढ़कर या सुनकर मन से हारे हुए व्यक्ति के अंदर भी फिर से नई उर्जा का प्रवाह होने लगता है। आज का यह आर्टिकल भी कुछ ऐसा ही है जिसमें एक बेटी ने 6 बार असफलता हाथ लगने के बाद अधिकारी बनकर मिसाल पेश किया है।
इसी कड़ी में चलिए जानते हैं उस बेटी के बारें में जिसने लोगों के लिए अपनी सफलता से मिसाल पेश की है।
कौन है वह बेटी?
हम बात कर रहे हैं शिखा शर्मा (Shikha Sharma) की, जो मेरठ (Meerut) की रहनेवाली हैं। उनके पिता का नाम शंकरदत्त शर्मा उर्फ गोपाल है जो चाय की दुकान चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं।और उनकी माता का नाम पुष्पा शर्मा है। शिखा ने मेहनत करके पीसीएस की परीक्षा पास करके अधिकारी बनी और अपने पिता का नाम रोशन किया।
शिखा शर्मा की पढ़ाई
शिखा शर्मा (Shikha Sharma) ने महावीर शिक्षा सदन से हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए बीके महेश्वरी में दाखिला लिया। उसके बाद उन्होंने 2013 में बीएससी और 2015 में मॉडर्न हिस्ट्री से MA की पढ़ाई पूरी की। पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा हासिल करने के बाद पीसीएस की परीक्षा की तैयारी करने का मन बनाया और उसमें लग गई।
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6 बार मिली असफलता लेकिन नहीं मानी हार
शिखा पूरी लगन के साथ पीसीएस की परीक्षा की तैयारी करती रही लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगती। 6 बार असफलता हाथ लगने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और परे जोश के साथ तैयारी करती रहीं। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने UPPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की। इस परीक्षा को पास करने के बाद शिखा को जिला दिव्यांगजन कल्याण सशक्तीकरण अधिकारी के पद पर पोस्टिंग हुई।
माता-पिता ने दिया साथ
शिखा शर्मा बताती है कि लगातार असफलता मिलने के बाद एक समय के लिए उनका मनोबल कम हो गया और पढ़ाई छोड़ने का मन बनाया। लेकिन उनके माता-पिता और परिवारवालों ने उनका साथ दिया औए तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया। आज शिखा की सफलता पर उनके पिता का कहना है कि यदि हर कोई अपनी बेटियों पर भरोसा कर आगे बढ़ने देंगे तो रिजल्ट ऐसा ही आएगा।