सकलेंटस नर्सरी के वह छोटे-छोटे पौधे जिन्हें देखते ही वह आपका मन मोह लेते हैं। उन्हें देखते ही उन्हें घर ले आने की ख्वाहिश होती है। हम इन्हें खरीद का घर तो ले आते हैं लेकिन कुछ ही दिनों में यह काले होने लगते हैं और खराब हो जाते हैं। चाहे हम कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन इन्हें बचा नहीं पाते।
तो आज हम सकलेनट्स की देखभाल करना सीखेंगे और साथ ही साथ यह भी जानेंगे कि आपके इलाके में कौन से पौधे अच्छे रहेंगे।
एलोवेरा
एलोवेरा के पौधों में जेल भरा होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुछ पौधे जो कम पानी में उपजते है उनमें एक अलग प्रकार का अडॉप्टेशन होता है। यह पौधे अपनी पत्तियों में पानी जमा करके रखते हैं। इसलिए इन पौधों को ज्यादा पानी नहीं पसंद है। हम अक्सर इन्हें ज्यादा पानी देखकर मार देते हैं।
इनकी देखभाल कैसे करें
इन पौधों को कम से कम पानी दे। इन्हें उगाने के लिए सेंड या कोकोपीट का इस्तेमाल करें ताकि ज्यादा देर तक इनमें पानी ना रुके। क्योंकि इन पौधों को खरा पानी पसंद नहीं आता है।
सूरज की रोशनी
सकलेन स्कोर उगाने के लिए सबसे खास बात होती है सूरज की रोशनी। सकलेट हमेशा ही सूखे इलाकों में उगते हैं चाहे वह गर्म इलाका हो या ठंडा। धूप सारे हि सकलेंट को पसंद आती है। हर्षा सकलेंट को 3 से 4 घंटे की धूप चाहिए होती है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है तापमान। एजोवेरिया और सीडम जैसे सकलेंट को इंडियन ट्रॉपिकल टेंपरेचर पसंद नहीं आता। इसका मतलब यह है कि यह हमारे यहां की गर्मी झेल नहीं पाते। इंडिया में सबसे अच्छा उगने वाला सकलेंट है एलोवेरा और कैक्टस।
सकलेंटस की सुरक्षा
सकलेन स्कोर सही तरीके से उगने के लिए इनमें पानी तभी डालें जब आपको लगे कि मिट्टी पूरी तरीके से सूख चुकी है। ज्यादातर सकलेंट स्कोर गाने के लिए इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल करना चाहिए। एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जो जल्दी नहीं मरता। इसकी देखभाल के लिए इनकी पत्तियों पर गौर करना चाहिए। अगर एलोवेरा की पत्तियां लाल हो चुकी है तो इसका मतलब है कि आप कम पानी डाल रहे हैं और अगर इनकी पत्तियां काली हो जाए तो इसका मतलब है कि आपने जरूरत से ज्यादा पानी डाल दिया है।