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लॉकडाउन की बेबसी : लकड़ी से गाड़ी बनाकर प्रेग्नेंट बीवी और बच्चे को 800 KM खींचकर अपने घर पहुंचा मजदूर

कोरोना संक्रमण के इस विकट परिस्थिति में देश में लागू लॉकडाउन की स्थिति के कारण यातायात की सभी साधनें बंद हैं ! ऐसे में प्रवासी मजदूरों द्वारा अपने घर को जाने का सिलसिला जारी है जिसके लिए वे तरह-तरह के जुगत में लगे हैं ! कोई पैदल , कोई साईकिल ,कोई रिक्शा तो कोई ठेले से अपने घर को पहुँच जाना चाहते हैं !

इसी क्रम में एक ऐसी जुगत जिसने सबको मार्मिकता से भर दिया ! बालघाट का रहने वाला रामू नाम का मजदूर हैदराबाद में काम करता था , वहीं पर अपने परिवार के साथ रहकर जिंदगी बिता रहा था ! लॉकडाउन की स्थिति ने उसे बुरी तरह प्रभावित किया , उसके सामने घर जाने के अलावा कोई साधन ना था , हैदराबाद से उसके घर की दूरी 800 किलोमीटर के करीब है ! इतना दुर्गम होने के बावजूद भी वह अपनी पत्नी और दो साल के मासूम बच्चे के साथ पैदल हीं घर के लिए रवाना हो गया ! रास्ता लंबा होने के कारण वह कुछ हीं दूरी तय करने के पश्चात हाथ से एक लकड़ी की गाड़ी बनाई और हैदराबाद से लगभग 800 किलोमीटर दूर स्थित गांव को अपने गर्भवती पत्नी और 2 साल की बेटी को उस गाड़ी पर बिठाकर उसे खींचता हुआ 17 दिन बाद तपती दोपहरी में बालाघाट पहुँच गया ! जिले के रजेगांव सीमा पर तैनात जवानों ने रामू को आते देखा ! रामू और उसके परिवार की उस समय की स्थिति बेहद दर्दनाक थी ! उसके बेटी के पास चप्पल तक नहीं थे ! जवानों ने उसे चप्पल और खाने के लिए बिस्कुट देकर एक निजी गाड़ी से रामू को सपरिवार उसके गाँव तक भेज दिया ! लांजी के एसडीपीओ नितेश भार्गव ने कहा “हमें बालाघाट की सीमा पर यह मजदूर मिला जो हैदराबाद से पैदल हीं चला आ रहा था ! अपनी बीबी और बच्चे को लकड़ी की गाड़ी में बिठाकर उसे 800 किलोमीटर खींचते हुए यहाँ तक पहुँचा ! हमने उनके बेटी को पहनने के लिए चप्पल और खाने के लिए बिस्कुट दिए और सीमा से लगे उनके गांव तक एक निजी वाहन से भेज दिया” !

कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन की स्थिति में उन श्रमिकों के पास ना तो खाने का सामान है , ना हीं रोजगार है और ना हीं घर आने का कोई साधन ! ऐसी विषम परिस्थिति में वे लाचारी और विवशता की हद झेल रहे हैं ! घर आना हीं एकमात्र विकल्प होने के कारण वे सैकड़ों-हजारों किलोमीटर की दूरी कष्टप्रद तय करने को मजबूर हैं !

Vinayak is a true sense of humanity. Hailing from Bihar , he did his education from government institution. He loves to work on community issues like education and environment. He looks 'Stories' as source of enlightened and energy. Through his positive writings , he is bringing stories of all super heroes who are changing society.

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