अगर आपको एक स्वस्थ जीवनशैली की तलाश है तो आप गार्डेनिंग प्रारंभ कर दीजिए। इससे आपको ऑर्गेनिक पद्धति द्वारा उगाई हुई फल तथा सब्जियों का सेवन करने को मिलेगा और साथ ही ऑक्सीजन भी भरपूर मात्रा में मिलेगी। इन्हीं सारी कारणों के वजह से आज गार्डेनिंग का प्रचलन लोगों में काफी फैलते जा रहा है।
आज के हमारे इस लेख में हम आपको एक ऐसे पति-पत्नी और परिवार से मिलाएंगे जिन्होंने अपने छत पर गार्डेनिंग की शुरुआत की और इसमें बड़ी सफलता भी हासिल की। ये परिवार छत को ऐसे बगीचे में तब्दील कर दिया है जिसे उन्हें मार्केट जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
मिथलेश कुमार (Mithlesh Kumar) अपने परिवार के साथ दिल्ली (Delhi) के ओम विहार में रहते हैं। मिथलेश का मूलप्रांत यूपी का बलिया है। परंतु वह दिल्ली में एप डेवलपर के पोस्ट पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सम्पन्न करने के बाद कंप्यूटर साइंस से पढ़ाई की और अब एप डेवलपर का जॉब करते हैं। वह जॉब करने के साथ इस बात पर काफी ध्यान रखते हैं कि उनका परिवार किस तरह स्वस्थ जीवन शैली अपनाए। -Mithlesh kumar From Delhi by Roof garden
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इंटरनेट तथा यूट्यूब की ली मदद
इसीलिए उन्होंने गार्डेनिंग करने का प्लान बनाया और इसे शुरू किया। उन्होंने यूट्यूब तथा इंटरनेट की सहायता से काफी शोध किया और अपने छत पर पौधों को लगाना आरंभ कर दिया। वहीं छत आज एक गार्डन में तब्दील हो चुका है और उनका परिवार इसका ध्यान रखता है। वैसे तो गार्डेनिंग की शुरुआत तो उन्होंने की परंतु आज उनके गार्डन में उनके परिवार का हर एक सदस्य हाथ बंटाता है। -Mithlesh kumar From Delhi by Roof garden
जैविक खाद का करते हैं उपयोग
वह अपने पौधों के ग्रोथ के लिए ऑर्गेनिक उर्वरक का उपयोग करते हैं। उन्होंने अपने पौधों को लगाने के लिए घर की बेकार पड़ी चीजों का उपयोग किया है, जैसे दूध की कैरेट जैसे कई चीजे जिन्हें यूज करके फेंक दिया जाता है। उनके गार्डन में आपको सिर्फ सब्जियां ही नहीं बल्कि मौसम के सब्जियों के साथ औषधीय पौधे भी मिलेंगे। -Mithlesh kumar From Delhi by Roof garden
लोगों ने कहा भला-बुरा
वह बताते हैं कि जब उन्होंने शुरुआती दौर लोगों ने उन्हें बहुत कुछ कहा और गार्डेनिंग के निर्णय को गलत भी ठहराया। परंतु जब वह सफल हो गए तो लोगों ने स्वयं अपने छत पर उनके तरह गार्डेनिंग शुरू कर दी। आज उनके पास बहुत से लोग सलाह के लिए कॉल भी करते हैं। उनका मानना है कि कोई भी व्यक्ति बेहद आसान तरीके से इसकी शुरुआत कर सकता है। वह अपने अनुसार ही पहले छोटी गार्डेनिंग की शुरुआत करें और फिर आगे इसे अलग स्वरूप दे सकता है। -Mithlesh kumar From Delhi by Roof garden
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बच्चे करते हैं मदद
वे कहते हैं कि अक्सर मैं ऑफिस से आने के बाद थक जाता हूं और सोचता हूं कि थोड़ा आराम करूं। परंतु मैं अपने गार्डन को लेकर काफी उत्सुक रहता हूं और उसमें समय बिताना चाहता हूं। ऐसा नहीं है कि मैं अकेले अपने गार्डेनिंग का देखभाल करता हूं बल्कि मेरे बच्चे भी इसमें मदद करते है। वे नियमित तौर से पौधों का निरीक्षण करने का देखभाल करते हैं। उन्होंने अपने छत पर लहसुन, लौकी, तोरी, पालक, भिंडी तथा टमाटर आदि पौधे लगाए हैं और इनसे उन्हें फल भी मिलता है जिसके लिए उन्हें मार्केट जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। -Mithlesh kumar From Delhi by Roof garden
वह कहते हैं कि अगर आप अपने हेल्थ को मेंटेन रखना चाहते हैं तो इसके लिए गार्डेनिंग बेहद आवश्यक है। इससे आपको अनेकों प्रकार के लाभ मिल सकते हैं। एक तो आप विषैले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचेंगे जिससे आपके शरीर को हानि नहीं होगी और आपके घर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा हमेशा प्रवेश करेगी। -Mithlesh kumar From Delhi by Roof garden