गरीबी और मजबूरी इन्सान से क्या कुछ नहीं करवा देती है। यह दोनों (गरीबी और मजबूरी) इन्सान से कुछ अच्छे काम करवा सकते हैं या फिर कुछ बुरा काम करवा देती हैं। कुछ लोग गरीबी से सबक लेकर कुछ अलग नया काम कर देते है तो वहीं कुछ लोग गरीबी से परेशान होकर कुछ गलत कदम उठा लेते है जिससे उनको और भी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पर जाता हैं।
ऐसे ही एक युवा है बाली मोहम्मद जो मध्यप्रदेश बुंदेलखंड के छतरपुर जिले के बड़ामलहरा के रहने वाले है। यह ज्यादा पढ़े लिखे तो नहीं है लेकिन कहा जाता है न की मजबूरी कुछ भी करवा सकती हैं। बाली मोहम्मद के खेत और कुएं में बिजली नहीं हैं। बिजली ना होने के कारण वह अपने पुराने डीजल पम्प से खेतों की सिंचाई करते थे।लेकिन कुछ दिन बाद वह डीजल पम्प भी खराब हो गया, पंम्प खराब होने के वजह से बाली मोहम्मद बहुत परेशान हो गये। गरीबी एक ऐसी मजबूरी हो गयी उनकी जिसके वजह से वह नया डीजल पंम्प नहीं खरीद सकते थे। उनके पास एक पुराना मोटरसाइकिल था जो खेत में आने-जाने के काम में और सामान ढोने के काम में आता था।
उन्होनें इस बारे में बहुत सोचा फिर उनके दिमाग में एक तकनीक आयी और वह इस तकनीक को पूरा करने मे जुट गये। मोहम्मद ने अपने पुराने मोटरसाइकिल के इंजन के बगल में लगे मैग्नेट बॉक्स को खोला और उसके अन्दर बोल्ट कस कर उसमें थ्रेसर के बोल्ट को काटकर एक सिरा कस दिया और दुसरी ओर पम्प के फैन की पुल्ली में कस दिया और सेक्शन लगाकर बाइक स्टार्ट कर दिया जिससे बाइक के साथ-साथ पम्प का फैन भी घूम गया और चलने लगा, इस तरह मोहम्मद बाली इस नए प्रयोग की मदद से कुएं से पानी निकालने में सक्षम हो गए। इस तरह मोहम्मद बाली की दिमागी तकनीक सफल हो गयी जिसे देखकर वह बहुत खुश हुए।
अब बाली अपने मोटरसाइकिल से रोज का काम और खेतिबारी का काम भी करते हैं।
बाली का कहना है कि उनकी बाइक 30 रुपये के पैट्रोल में एक घंटा पानी देती है जो डीजल पंम्प से बहुत सस्ता हैं। लोगों ने इस बाइक को देशी जुगाड़ नाम दिया है। इस तकनीक को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं और इसकी जानकारी भी लेते हैं।
The Logically ऐसे आविष्कार और आविष्कार करने वाले मोहम्मद बाली को सलाम करता हैं।
The Logically के लिए इस कहानी को शिखा सिंह द्वारा लिखा गया है। शिखा एक छात्रा हैं जो पर्यावरण की संजीदगी को समझते हुए उनसे जुड़े तथ्यों को अवाम तक पहुंचाने का प्रयास करती हैं।