यह आवश्यक नहीं कि जो व्यक्ति अधिक पढ़े-लिखे हो वही साइंटिस्ट बन सकते हैं या किसी चीज का निर्माण कर सकते हैं, जो हमारे पर्यावरण के लिए बहुत लाभदायक हो।
हालांकि कुछ ऐसे बाल वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए चिता की राख द्वारा जैविक उर्वरक का निर्माण किया है ताकि पर्यावरण संरक्षण हो सके एवं जल का प्रदूषण कम हो सके।
बाल वैज्ञानिकों की सफलता
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) डिस्ट्रिक्ट के सरकारी हायर सेकंडरी विद्यालय के बच्चों ने एक बहुत बड़ी सफलता प्राप्त की है। इन बाल वैज्ञानिकों ने चिता की राख द्वारा जैविक उर्वरक का निर्माण किया है। विद्यालय के अटल टिंकरिंग लैब में ही “मोक्षा मशीन” को निर्मित किया जा चुका है। इस मोक्षा मशीन द्वारा ही चिता की राख से उर्वरक का निर्माण हो रहा है। इसका नाम मोक्षा बाल वैज्ञानिकों ने ही दिया है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मात्र एक चिता की राख द्वारा बाल वैज्ञानिकों लगभग 10-12 किलोग्राम तक की खाद बना रहे हैं। (Organic Fertilizer)
पौधों के लिए है बहुत ही लाभदायक
इस मोक्षा मशीन में राख को परिष्कृत करने के लिए फिटकरी युक्त पानी को मिलाया जा रहा है, जिसे सुखाने के उपरांत पैकिंग किया जा रहा है। इस उर्वरक में लगभग 22 प्रकार के प्राकृतिक तत्व शामिल है, जो पौधों के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार चिता की राख स्कूल के लाइब्रेरी में नगर निगम के द्वारा लाए जा रहे हैं। (Organic Fertilizer)
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मिल चुका है रोबॉटिक्स पुरस्कार
ATL के प्रभारी डॉ धनंजय ने यह जानकारी दिया है कि मोक्षा मशीन द्वारा निर्मित की गई है। यह उर्वरक फिलहाल उद्यानिकी विभाग को ही दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2019 में मोक्षा मशीन ने दुबई में आयोजित किए गए अंतरराष्ट्रीय रोबॉटिक्स चैंपियन में प्रथम स्थान ग्रहण किया। मोक्षा मशीन के द्वारा निर्मित उर्वरक की जांच करने के लिए एक कतार में कुछ पौधों को लगाकर साधारण उर्वरक डाले गए और दूसरों में चिता के उर्वरक। जो पौधे मोक्षा द्वारा तैयार किए गए, उनकी उपज अधिक हुई और जो नॉर्मल उर्वरक से तैयार किए गए उनकी उपज कम हुई। (Organic Fertilizer)
नदियों से दूर होगा प्रदूषण
हम सभी जानते हैं कि अंतिम संस्कार के उपरांत चिता राख को नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। जिससे नदी का जल प्रदूषित होता है, लेकिन अब मोक्षा उर्वरक द्वारा हमारे नदियों का प्रदूषण भी कम होगा। (Organic Fertilizer)