आमतौर पर अधिकांश महिलाएं शादी के बाद घर-परिवार के बंधनों में बंध जाती हैं और अपनी मंजिल तक पहुंचने का ख्याल छोड़ देती हैं। लेकिन यदि मन में दृढ़ संकल्प और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी बाधा लक्ष्य को हासिल करने से नहीं रोक सकती है।
उपर्युक्त कथन को एक बार फिर से 3 बच्चों की मां ने सही साबित कर दिखया है। महिला ने शादी के 10 सालों बाद पुन: पढ़ाई शुरु किया और उच्च मध्य विद्यालय में 93.4% अंक लाकर सभी के लिए प्रेरणा की मिसाल पेश कर दी। Mother of 3 Children Sabrina Khalik From Kashmir Passed 10th Class Board Exam with 93% Marks.
कौन है वह महिला?
कई बार महिलाएं घर-परिवार सम्भालने में ही अपना जीवन गुजार देती हैं लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो परिवार और बच्चों की जिम्मेदारियों को निभाते हुए भी अपने खुद के लिए कुछ करना चाहती हैं। उन्हीं महिलाओं में से एक हैं सबरीना खालिक (Sabrina Khalik), जो काश्मीर (Kashmir) के कुपवाड़ा जिले की रहनेवाली हैं।
यह भी पढ़ें:- दिव्यांगता के कारण 11 सालों तक बेड पर रही, आज व्हीलचेयर पर बैठ फ़ूड डिलीवरी कर बनी प्रेरणा की मिसाल
पढ़ाई छूटने के बाद भी मन में थी कसक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2012 में सबरीना खालिक (Sabrina Khalik) शादी के बंधन में बंध गई जिस वजह से उनकी पढ़ाई बीच में ही छुट गई। वे अपने पति, सास-ससुर, तीन ननद और खुद के तीन बच्चों के साथ ससुराल में ही रहती हैं। उनकी एक बेटी की उम्र 8 वर्ष और एक बेटी की उम्र 6 वर्ष है जबकी एक बेटा अभी छोटा है।शादी के बाद इन सब जिम्मेदारियों के बढ़ जाने के बाद भी उनके मन में पढ़ाई के प्रति हमेशा एक चिराग जलती थी।
शादी के 10 सालों बाद जिम्मेदारियां संभालते हुए किया आगे पढ़ने का फैसला
आखिरकार, शादी के बाद वे अपने 3 बच्चों को घर को संभालते हुए 10 वर्षों के बाद दोबारा से पढ़ाई करने का निर्णय लिया जो बहुत ही हिम्मत की बात है। उन्होंने बीच में छोड़ी पढ़ाई को दोबारा से शुरु करने के हाइस्कूल में दाखिला लिया। आप समझ सकते हैं कि पूरे ससुराल और 3 बच्चों की जिम्मेदारी संभालते हुए पढ़ाई करना कितना मुश्किल काम है। लेकिन सबरीना ने हिम्मत नहीं हारी और अपने सभी कर्तव्यों को निभाते हुए पढ़ाई जारी रखी।
यह भी पढ़ें:- बच्चों की पढ़ाई के लिए मां ने कभी मजदूरी की तो कभी पालतू पशु बेचा, आज बेटों ने अधिकारी बनकर मां की मेहनत को किया सफल
10 वीं हासिल किया 93.4% अंक
सबरीना खालिक (Sabrina Khalik) की पढ़ाई के प्रति कठिन मेहनत और लगन ने उन्हें बेहतर नम्बरों से पास कराया। उन्होंने 10 वीं कक्षा की परीक्षा में 500 नम्बरो में से 456 नम्बर अर्थात 93.4% अंकों के साथ सफलता हासिल की है। 10 वीं कक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद जब उनका रिजल्ट देखा गया तो किसी को भी इस बात का विश्वास नहीं हो रहा था। लेकिन सबरीना ने बाजी मारी और अन्य महिलाओं के लिए मिसाल कायम कर दिया।
मजबूत इरादों के लिए उम्र महज एक संख्या है…
किसी ने सही कहा है, उम्र महज एक संख्या है। इन्सान चाहे तो किसी भी उम्र में मजबूत इरादों के साथ बुलंदियों को छू सकता है। सबरीना खालिक की तरह अन्य कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने उस उम्र में भी अपनी पहचान बनाई है जिस उम्र में डॉक्टर आराम करने की सलाह देते हैं। The Logically सबरीना के साथ-साथ उन सभी महिलाओं को सलाम करता है।