हाल ही में द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) भारत की 14 वीं और पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनी हैं जो मुर्मू आदिवासी समुदाय (Murmu Tribal Community) से ताल्लुल रखती हैं। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद से ही मुर्मू समाज काफी चर्चा में आ गया है। हालांकि, आदिवासी समुदायों के विकास के लिए हर राज्य सरकारें कोशिश करती रहती हैं। लेकिन उनके विकास के लिए सिर्फ राज्य सरकारें ही नहीं एक स्टार्टअप भी है जो इस क्षेत्र में अग्रसर है।
दरअसल, धीरांकुर अपनी पत्नी के साथ मिलकर “द बेस्ट इंडिया कंपनी” (The Best India Company) नाम से शहद का बिजनेस (Honey Business) करते हैं। उस शहद को मुर्मू आदिवासी जंगलों से निकालकर लाते हैं। बता दें कि ये शहद एकदम शुद्ध होता है। इस बिजनेस के माध्यम से मुर्मू आदिवासियों की बहुत सहायता हो जाती है।
महज 25 हजार रुपये की लागत से शुरु किया शहद का बिजनेस
मुम्बई (Mumbai) के रहनेवाले धीरांकुर उपासक (Dhirankur Upasak) 20 वर्षों तक मीडिया एंड एडवर्टाईजिंग कम्पनियों में काम कर चुके हैं जबकी उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट अमृता शर्मा (lieutenant Amrita Sharma) सेना में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। धीरांकुर और अमृता ने मिलकर कोरोना महामारी में उस समय शहद का बिजनेस शुरु किया जब सभी अपने रोजगार से हाथ धो बैठे थे और रोजगार की जरिया तलाश रहे थे। उन्होंने साल 2020 के दिसंबर महीने में 25 हजार रुपये की लागत से शहद के बिजनेस (Forest Honey Business) की नींव रखी और आज उसी व्यवसाय से प्रति माह 5 लाख रुपये का टर्नओवर हो रहा है।
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मुर्मू आदिवासियों की सहायता फल-फुल रहा है व्यवसाय
मूलरूप से बिहार (Bihar) के बोधगया में जन्में धीरांकुर की कम्पनी के सफलता के पीछे मुर्मू आदिवासी समुदाय का हाथ है। इसके अलावा कूच बिहार के मुर्मू समुदायों को भी जो सहायता आज द बेस्ट इंडिया कम्पनी से मिल रही है वह भी नहीं मिलती। क्योंकि मुर्मू समाज कई वर्षों से जंगल से शहद निकालकर उसे बेचने का काम कर रहे थे लेकिन उन्हें इस काम के लिए न तो कोई प्लेटफॉर्म मिल रहा था और न ही अच्छी आमदनी थी।
ऐसे में धीरांकुर की कम्पनी उनके लिए वरदान साबित हुई। मुर्मू आदिवासियों को अपनी शहद बेचने के लिए यह प्लेटफॉर्म मिल गया जिसके जरिए उनकी पहुंच का विस्तार हुआ। परिणामस्वरुप “द बेस्ट इंडिया कम्पनी” (The Best India Company) और मुर्मू समुदाय एक दूसरे के लिए मददगार साबित हुए। वर्तमान में धीरांकुर की कम्पनी जंगलों से निकाले गए शुद्ध शहद देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम कर रहा है।
कैसे आया शहद का व्यवसाय शुरु करने का विचार?
दरअसल, कोरोना लॉकडाउन में लोगों का घर से बाहर निकलना बन्द हो गया था। ऐसे में सभी लोग अपने चाहने वालों से वीडियो कॉल या वॉइस कॉल के जरिए बातचीत करके हालचाल पूछते थें। धीरांकुर भी अपनी छोटी बहन और जीजा से वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे तभी उनकी नजर किचन के शेल्फ पर रखी शहद के जार पर गई। उस शहद के बारें में पूछने पर को उनकी बहन और जीजा ने बताया कि उन्होंने हासिमारा के जंगलों में रहनेवाले मुर्मू आदिवासियों से खरीदा है।
बहन के घर शहद देखने के बाद धीरांकुर ने अपने लिए भी उस शहद को मंगवाया, जिसका स्वाद चखते ही वे उसके प्रति आकर्षित हो गए। उन्हें उस शहद की क्वालिटी और स्वाद काफी बेहतर लगा। यही वह समय था जहां से उन्हें शहद के बिजनेस करने का विचार आया।
हालांकि, इस बिजनेस (Forest Honey Business) को शुरु करने से पहले इसके बारें में अन्य लोगों का रिस्पोंस देखना जरुरी था। ऐसे में उन्होंने सबसे पहले कुछ शहद मंगवाकर अपने दोस्तों और रिशतेदारों को दिया जिसका स्वाद चखने के बाद सभी ने बेहद तारिफ की। फिर क्या था उन्होंने साल 2020 में अपने बिजनेस की शुरूआत की।
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पिता से मिली कुछ अलग करने की प्रेरणा
धीरांकुर के पिता एक NGO से जुड़े से थे जो शिक्षा के लिए काम करता था। उसी सिलसिले में वह बिहार के धोंगेस्वरी क्षेत्र में विद्यालय बनाने का काम चल रहा था जिससे उन्हें कई बार वहां रुकना भी पड़ता था। ऐसे में धीरांकुर महज 11-12 वर्ष के थे तो उन्हें अपने पिता के लिए लगभग 20 किलोमीटर दूर खाना पहुंचाने जाना पड़ता था। उसी दौरान उन्होंने अपने पिता से पूछा कि इतनी दूर काम करने की क्या जरुरत है? इस प्रश्न के जवाब में उनके पिता ने कहा कि जब हमारे जीवन के कुछ पल ही बचे हो उस समय हमारे पास कुछ होना चाहिये जिसपर हमें गर्व हो सके। पिता की इस बात से वे काफी प्रभावित हुए।
अलग-अलग स्वाद में मौजूद हैं शहद
बता दें कि धीरांकुर की कम्पनी द बेस्ट इंडिया कम्पनी कई प्रकार के स्वाद वाले शहद की मार्केटिंग करती है जिसमें आम से लेकर सरसों तक का स्वाद शामिल है। आप सोच रहे होंगे कि ये सब शहद में मिलाया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। जी हां, इन सभी स्वादो में प्राकृतिक रुप से शहद मिलते हैं। इसके लिए आवश्यक होता है कि मधुमक्खियों ने शहद को किस फूल से इकट्ठा किया। इस प्रकार जब मधुमक्खी आम, सरसों के फूल या किसी अन्य प्रकार के फूलों से शहद लेती हैं तो उसका स्वाद उसी के अनुसार होता है।
कहां से खरीद सकते हैं शहद?
बता दें कि, The Best India Company मुर्मू आदिवासियों द्वारा जंगल से लाए गए अलग-अलग फ्लेवर के शहद को ई कॉमर्स वेबसाइट Amazon पर बेचती है। साथ ही कम्पनी की खुद की भी वेबसाइट (tbic.in) है जहां से शहद की बिक्री करती है। यहां से आप अपने पसंद के अनुसार वाले फ्लेवर के शहद खरीद सकते हैं।