जैसे-जैसे लॉक डाउन की अवधि बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे लोगों की जेब भी खाली होती जा रही है। लोगों के पास कोई काम धंधा नहीं है और उनकी बचत भी धीरे-धीरे खत्म हो रही है।
ऐसे में मददगार बने श्याम गोस्वामी।
स्थिति ऐसी आ चुकी है कि बहुत सारे मध्यमवर्गीय परिवार भी दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहै हैं। यहां तक कि फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले बहुत सारे छोटे-छोटे कामगार भी आज सोशल मीडिया के जरिए मदद की गुहार लगा रहे हैं। आलम यह है कि किसी का पैसा खत्म है, किसी का राशन खत्म है या किसी के पास गैस नहीं है। इस स्थिति को देखते हुए मुंबई के भयंदर इलाके के निवासी श्याम गोस्वामी करीब 2 महीने से लोगों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं। इनका भंडारा केवल गरीबों तक ही सीमित नहीं है बल्कि वैसे मध्यमवर्गीय परिवार जो स्वयं भोजन का उपाय करने में असमर्थ हैं, वो भी इनके कम्युनिटी किचन का लाभ ले रहे हैं। एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इनके यहां कतार में तमाम ऐसे लोग खड़े थे जो न तो मजदूर थे, न ही प्रवासी और न ही ऐसे लोग जिनके पास हरदम खाने की कमी रहती हो। ये वो लोग थे, जिनके घरों में किसी वजह से रोज खाना नहीं बन पाता है। ये लोग यहां पर आते हैं और परिवार के प्रत्येक व्यक्ति के लिए खाना लेकर जाते हैं।
मित्र कुलदीप सिंह भी देते हैं साथ
रोज शाम को 5:00 बजे श्याम गोस्वामी एवं उनके मित्र कुलदीप सिंह भयंदर में अपने कम्युनिटी किचन के पास खड़े हो जाते हैं और माइक से बुला-बुला कर तमाम लोगों को भोजन उपलब्ध कराते हैं। पैसे से रियल स्टेट एजेंट श्याम कहते हैं कि जब तक लॉक डाउन पूरी तरीके से खत्म नहीं हो जाता, तब तक वह इसी तरह लोगों को खाना खिलाते रहेंगे, फिर चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े। श्याम आगे कहते हैं कि जैसे ही बरसात का मौसम आ जाएगा और यदि लोग डाउन चलता रहा तो लोगों को बहुत सारी समस्याओं से रूबरू होना पड़ेगा। इसलिए वह अपना यह कम्युनिटी किचन बरसात के मौसम में भी चालू रखेंगे।
सोनू सूद भी कर रहे हैं मदद
गौरतलब है कि मुंबई में ही सोनू सूद एक तरफ प्रवासी मजदूरों को सकुशल अपने घर तक पहुंचाने की कवायद कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में श्याम गोस्वामी जी का यह पहल सचमुच में काफी प्रेरणादाई है। लॉजिकली श्याम गोस्वामी एवं उनके मित्र कुलदीप सिंह को इस नेक काम के लिए धन्यवाद एवं शुभकामनाएं देता है।