हमारे देश की सरकार ने किन्नर समुदाय को सम्मान और इज्जत के साथ जीने के लिए उन्हें पहचान दिलाने का प्रयास कर रही है। लेकिन अभी भी हमारे समाज में ट्रांसजेंडर को एक अलग दृष्टि से देखा जाता है जिस वजह से लोग उन्हें सम्मान भी नहीं दे पाते हैं। इसके बावजूद भी किन्नर समुदाय के लोग अपनी कामयाबी से पूरे देश के नागरिकों को सबक दे रहे हैं कि उन्हें भी बाकियों की तरह सम्मान के साथ जीने का अधिकार है।
आज किन्नर समुदाय (Transgender Community) के लोग भी अलग-अलग क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहे हैं जैसे कोई वकील, कोई पायलट तो कोई शिक्षक बनकर लोगों की जिंदगी में बदलाव ला रहे हैं। इसी बीच एक अन्य ट्रांसजेंडर ने भी अपने कार्य से साबित कर दिया है कि वे भी आम जनता की तरह जीवन जीने का हक रखते हैं और वे दूसरों की मदद कर सकते हैं।
झुग्गी के बच्चों को पढ़ाकर मिसाल पेश कर रही हैं आलिया
आमतौर पर ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को ट्रेनों या रेलवे स्टेशनों पर लोगों के सामने हाथ फैलाते हुए देखा जाता है लेकिन अब समय बदल रहा है। अब वे भी दूसरों के सामने बाथ फैलाने के बजाय इज्जत के साथ जीने के लिए पढ़ाई-लिखाई करके नौकरी की हासिल कर रहे हैं तो कुछ खुद का बिजनेस शुरु कर रहे हैं। इसी बीच किन्नर समाज की आलिया मिलिंद पवार झुग्गी के बच्चों में शिक्षा की लौ जलाकर मिसाल पेश कर रही हैं।
#SunshineStory: @mid_day’s report on #transperson Alia Milind Pawar’s efforts to educate #slum_kids in #Vasai #helps her land a job at tahsildar’s office. Pawar said her community members are excited over her #transformation.https://t.co/gv4uChKw2d #transgender pic.twitter.com/hox8lCXCcI
— Diwakar Sharma (@DiwakarSharmaa) October 20, 2022
मुफ्त में झुग्गियों के बच्चों में जला रही हैं शिक्षा की लौ
आलिया मिलिंद पवार, मुंबई (Mumbai) के वसई (Vasai) क्षेत्र की रहनेवाली हैं और विज्ञान विषय से स्नातक की डिग्री भी हासिल की है। हालांकि, स्नातक की पढ़ाई पूरी करने की राह आसान नहीं थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई पीरियड में अनेकों समस्याओं का सामना लेकिन हार नहीं मानी और अन्ततः अपनी पढ़ाई पूरी की। ऐसे में वह हमेशा से चाहती हैं कि जिन दिक्कतों का सामना उन्हें करना पड़ा वो अब किसी और को न करना पड़ा।
आलिया (Transgender Alia Milind Pawar) इसी सोच के साथ समाज सेवा की भावना लिए पिछ्ले कुछ सालों से समाज में बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं और इसके लिए वह झुग्गियों में रहनेवाले गरीब तबके के बच्चों को बिना किसी शुल्क के मुफ्त में शिक्षा प्रदान करने की मुहिम शुरु की है। शिक्षा की इस लौ से कई बच्चों के जीवन में रौशनी आएगी। Mumbai’s transgender Aaliya Milind Pawar is giving free education to the slum childrens.
यह भी पढ़ें:- रतन टाटा द्वारा मुंह मांगी रकम के ऑफर को ठुकराया, मांगी नौकरी, दिल जीत लेगी इस पेंटर की कहानी
नौकरी नहीं मिली तो शुरु किया फ्री में झुग्गियों के बच्चों को पढ़ाने की मुहीम
हमारे समाज में किन्नरों को खुद से अलग माना जाता है जिस वजह से उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आलिया के साथ भी ऐसा ही हुआ। चूंकि, वह किन्नर समाज से हैं इसलिए स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद भी जब उनके बारें में पता चलता तो उन्हें नौकरी नहीं दी जाती थी। लेकिन आलिया अपने साथ हो रहे भेदभाव से हार नहीं मानी। Mumbai’s transgender Aaliya Milind Pawar is giving free education to the slum childrens.
किन्नर होने के कारण जब आलिया (Alia Milind Pawar) को नौकरी नहीं मिली तब उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान झुग्गियों के बच्चों को शिक्षित करने का फैसला किया। हालांकि, इस मुहीम की शुरूआत उन्होंने महज 2 बच्चों से की थी, लेकिन आज यह सन्ख्या दो से बढ़कर 30 हो गई है। वह इन बच्चों को बिल्कुल फ्री में शिक्षा मुहैया करा रही हैं, ताकि उनके जीवन में शिक्षा रूपी प्रकाश फैल सके।
Alia Milind Pawar depends on begging and blessing people for her own subsistence but ensures free tuition to 30 kids in her Vasai slum https://t.co/0uWuKzU8Xh
— LGBTQ India News (@LgbtqIndia) July 29, 2022
सामाजिक कार्यों से प्रभावित होकर स्थानीय तहसीलदार ने दिया नौकरी
समाज सेवा से जुड़कर समाज की बेहतरी के कार्य ने आलिया को एक नई पहचान दी। आलिया के समाज की बेहतरी के लिए किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर वसई के स्थानीय तहसीलदार कार्यालय की तरफ से उन्हें सम्मानित किया गया है। इसके अलावा तहसीलदार उज्ज्वला भगत ने उन्हें ऑफिस में कम्प्यूटर ओपरेटर की नौकरी भी दी है जिससे आलिया बेहद प्रसन्न हैं। बता दें कि, नौकरी मिलने के बाद भी आलिया झुग्गियों को पढ़ाने की मुहीम को जारी रखा है और अभी भी बिल्कुल मुफ्त में उन्हें शिक्षा दे रही हैं।
हमारे समाज के लोगों को अब अपनी सोच बदलने की जरुरत है क्योंकि किन्नर अपने आप से किन्नर नहीं बनते हैं। उन्हें भी आम लोगों की तरह इश्वर ने ही बनाया है। ऐसे में आम लोगों की तरह उन्हें भी समाज में इज्ज्त से जीने का अधिकार है। इसलिए उनके साथ भेदभाव या उनसे नफरत न करके समाज में स्थान देने की जरुरत है। Mumbai’s transgender Aaliya Milind Pawar is giving free education to the slum childrens.
The Logically किन्नर आलिया मिलिंद पवार (Transgender Alia Milind Pawar) की समाज सेवा की भावना की बेहद प्रशंशा करता है