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सबसे बड़े दानवीर बने अज़ीम प्रेमजी, हर दिन 22 करोड़ रुपये दान किये: पेश किए मानवता का मिशाल

दान मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है। किसी ने सच ही कहा है, “दान धर्म की पूर्णता और उसका श्रृंगार है।” आम तौर पर हम मानते भी हैं, “दान से वस्तु घटती नहीं बल्कि बढ़ती है।” इसलिए हर मनुष्य को अपने स्तर से दान करना चाहिये। आज हम एक ऐसे ही पुरुष के बारे में बात करेंगे जो कि इस वर्ष भारत की परोपकारियों की सूची में पहला स्थान प्राप्त किए हैं।

अज़ीम प्रेमजी (Azim Premji)

अज़ीम प्रेमजी सूचना तकनीक कंपनी विप्रो के संस्थापक हैं। प्रेमजी को परोपकारियों की सूची में पहला स्थान मिला हैं। वह हर-रोज़ 22 करोड़ रुपये और सालाना 7904 करोड़ रुपये दान कर के इस वर्ष यानी 2020 के सबसे दानवीर भारतीय बन गए हैं। एचसीएल टेक्नोलॉजी के शिव नाडर जो कि प्रेमजी से पहले परोपकारियों की सूची में प्रथम थे। अज़ीम प्रेमजी ने उन्हें बहुत अंतर मे पीछे छोड़ दिया है।

 Azim Premji

शिव नाडर की तुलना में अज़ीम प्रेमजी ने परोपकार पर किया ज्यादा खर्च

शिव नाडर ने इस वर्ष यानी 2020 में 795 करोड़ रुपये दान किए जबकि अजीम प्रेमजी ने अपने दान से भारतीय उद्यमियों की तरफ से किए गए कुल दान के आंकड़े को 12,050 करोड़ रुपये कर दिया है। पिछले वर्ष यानी 2019 में शिव नाडर ने 826 करोड़ रुपये का दान किया जबकि अज़ीम प्रेमजी ने 2018-19 में महज 426 करोड़ रुपये दान पर खर्च किए। अजीम प्रेमजी एंडोमेंट फंड के पास विप्रो के प्रमोटर्स में करीब 13.6 फीसदी की हिस्सेदारी है और ये फंड प्रमोटर के हिस्से के तौर पर पूरा रकम ले सकते हैं।

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इंफोसिस के संस्थापक भी परोपकारियों की सूची में शामिल हैं

विप्रो कंपनी की प्रतिद्वंद्वी इंफोसिस के तीनों संस्थापक भी इस सूची में आते हैं। इनमें से एक नंदन नीलेकणि हैं जो 159 करोड़ रुपये, जबकि गोपाल कृष्णन ने 50 करोड़ रुपये और एसडी शिबूलाल ने 32 करोड़ रुपये दान पर खर्च किए हैं। भारत के सबसे अमीर व्यक्ति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी परोपकारियों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं। उन्होंने पिछले सत्र 2018-19 में 402 करोड़ रुपये दान दिये थे और इस वर्ष 2020 में उन्होंने 402 करोड़ रुपये परोपकार पर खर्च किया है।

‌कोरो’ना वायरस के इस संकट भरे समय में भी भारत के बहुत सारे उद्यमी सामने आये और परोपकारी होने का मार्ग चुना। इस हालात में टाटा संस ने 1500 करोड़ रुपये का दान करके सभी को पीछे छोड़ दिया। उनके बाद दूसरे पैदान पर प्रेमजी हैं उन्होंने 1125 करोड़ रुपये का दान किया हैं, उनके बाद अडानी ने 510 करोड़ रुपये का दान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर गठित पीएम-केयर्स फंड में भी बहुत से उद्यमियों ने दान दिया जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 500 करोड़ रुपये, तो टाटा संस ने 500 करोड़ रुपये और आदित्य बिड़ला ग्रुप ने 400 करोड़ रुपये का दान दिया हैं। इस दान का सबसे ज्यादा फायदा शिक्षा के क्षेत्र को हुआ है।

प्रेमजी और नाडर ने इस कार्य को आगे बढ़ते हुए अपने नेतृत्व में 90 परोपकारियों ने 9324 करोड़ रुपये का दान दिया। 84 परोपकारियों ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तो वहीं 41 दानदाताओं ने आपदा राहत व पुनर्वास कार्यक्रम के लिए दान दिया। इन सभी का कार्य बहुत ही सरहानीय है।

The logically अज़ीम प्रेमजी के इस कार्य की सराहना करता है।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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