आये दिन हमें सुनने मिलता है कि किसी सरकारी या निजी संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। यदि कोई किसी जमीन को अवैध रूप से जो कब्जा करता है तो उसे हम भूमाफिया के नाम से जानते हैं। इन भुमाफियायों के वजह से कई लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
जनता की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुये मुजफ्फरनगर के DM ने एक ऐसा सॉफ़्टवेयर बनवाया है जिससे 24 घंटे भुमाफियाओं पर नज़र रखा जा सकता है।
IAS सेल्वा कुमारी जयराजन
सेल्वा कुमारी जयराजन वेस्ट युपी के मुजफ्फरनगर जिले की DM हैं। सेल्वा 2006 बैच की IAS ऑफिसर हैं। मुजफ्फरनगर की डीएम बनने से पूर्व वह अन्य कई जगह डीएम के पद पर कार्य कर चुकी हैं और वहां के भुमाफियओं के खिलाफ कड़ी कारवाई भी की हैं।
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मुजफ्फरनगर डीएम ने भुमाफियों के खिलाफ लॉन्च किया सॉफ़्टवेयर
भुमाफियओं पर निगरानी रखने के लिये बनाये गये सॉफ़्टवेयर का नाम ‘धरा’ है। धरा नामक इस सॉफ़्टवेयर को जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी ने मकर संक्रांति के दिन अधिकारिक रूप से लॉन्च किया है। उनके अनुसार यह सॉफ़्टवेयर GIS पर आधारित है। अब इस सॉफ़्टवेयर में गूगल मैपिंग के जरिए खाली पड़ी ज़मीन के साथ ही ग्राम समाज की जमीन, तालाब और चारागाहों का पूरा बयौरा अपलोड किया जाएगा। इसके अलावा इस धरा नाम के सॉफ़्टवेयर में ज़मीन और उसके मालिकाना हक की भी पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी।
डीएम का दावा भुमाफियओं की नज़र से खाली पड़ी जमीनों की सुरक्षा
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी ने यह दावा किया है कि इस सॉफ़्टवेयर की मदद से खाली पड़ी जमीन को भूमाफिया की नजर से बचाया जा सकता है तथा इसके साथ ही भू माफियाओं द्वारा अवैध कब्जे वाले जमीन को छुड़ाने में भी सहायता मिलेगी। इस सॉफ्टवेयर में विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान भी दर्ज हो सकेंगे तथा इस सॉफ़्टवेयर के जरिए इस बात की जानकारी भी हासिल की जा सकती है कि कौन से जमीन पर निर्माण हो सकता है। किसी भी भूमाफियाओं द्वारा सरकारी संपत्ति या ग्राम समाज की संपत्ति को बेचने की कोशिश करने पर यह सॉफ्टवेयर राजस्व विभाग को अलर्ट दिखाएगा और ऐसे में फौरन ही उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी।
सभी जिलों में लागू हो सकता है ‘धरा’ सॉफ़्टवेयर
मुजफ्फरपुर नगर के जिलाधिकारी द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर को यूपी सरकार अब पूरे जिलो में लागू करने पर विचार कर रही है। इसकी सहायता से यूपी सरकार पूरे जिलों की ज़मीन की जियो टैगिंग करा सकती है।