Nalanda University: खिलजी द्वारा तहस नहस होने के बाद फिर खड़ा हुआ नालन्दा विश्वविद्यालय, तस्वीरें मन मोह लेंगी

    खिलजी द्वारा जला कर राख किया गया ये फेमस विश्वविद्यालय एक बार फिर लौटा जाने इसके बारे में

    जब भी हम दुनिया के सबसे पुराने शिक्षण संस्थानों की बात करते है तो नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) का नाम सबसे टॉप पर आता है। आज भी आप बिहार की राजधानी पटना से करीब 120 किलोमीटर दक्षिण-उत्तर में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) के अवशेष देख सकते हैं। इतिहासकारों का कहना है की यह भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विश्वविख्यात केंद्र हुआ करता था।

    बिहार के नालंदा में स्थित इस विश्वविद्यालय में आठवीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी के बीच दुनिया के कई देशों से छात्र पढ़ने आया करते थे। बताया जाता है कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, फ्रांस और तुर्की जैसी जगहों से छात्र इस विश्वविद्यालय में पढ़ने आते थे। पर आज वो विश्वविद्यालय खंडहर में तब्दील हो गया है।

    क्यों बना विश्वविद्यालय खंडहर

    सन् 1199 में तुर्क आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने इस विश्वविद्यालय को जला कर पूरी तरह से तहस नहस कर दिया था। कुछ इतिहासकार का कहना हैं कि, इस विश्वविद्यालय में इतनी किताबें हुआ करती थीं कि पूरे तीन महीने तक आग धधकती रही थी। नालंदा विश्वविधालय के अतीत और उसके गौरवशाली इतिहास सभी को जानना चाहिए।

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    नालंदा विश्वविधालय के वापस लाने का प्रयास

    लोगों ने ख्वाबों में भी नहीं सोचा होगा कि वह सबसे पुराना नालंदा विश्वविधालय को कभी वापस भी देख पाएंगे। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच और प्रयास के कारण यह सपना सच में साकार हो गया। सीएम नीतीश कुमार ने जब बिहार की सत्ता को संभाला शुरू किया तब उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के साथ मिलकर के नालंदा विश्वविद्यालय को जीवित करने का प्रयास किया था। इ जिसका परिणाम आज यह हुआ कि आज यह विश्वविद्यालय अपने नए अस्तित्व में वापस लौट आया है।

    नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ-साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अहम योगदान दिया है। बता दें कि नालंदा विश्वविद्यालय बेहद ही सुंदर और भव्य तरीके से बनाया गया है। नालंदा विश्वविद्यालय के मेन गेट से अंदर आते ही कैंपस के खूबसूरत नजारे से आपकी मुलाकात होगी। सड़क के दोनों ओर आती फूलों की खुशबू और सामने पहाड़ियों का नजारा आपके मन को पूरी तरीके से मोह लेगा।

    शानदार कैंपस आपका मन मोह लेगा

    बता दे की साल 2007 में आयोजित पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में इस विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने के फैसले को समर्थन मिला था। नालंदा विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक कार्यक्रम और पाठ्यक्रम स्कूल और केंद्र के अल्पकालिक कार्यक्रम छात्रों की छात्रवृत्ति स्वास्थ्य केंद्र, विश्वविद्यालय का बुनियादी ढांचा, विकास नीतिगत की पहल,आंतरिक और बाहरी लेखा परीक्षा प्रणाली, दो सौ से अधिक संरचनाओं के साथ एक पूर्ण स्थाई परिसर के साथ नालंदा विश्वविद्यालय लगातार प्रगति की ग्राफ पर बढ़ता नज़र आ रहा है। यह विश्वविद्यालय एक बार फिर से विश्व स्तर पर अपनी दावेदारी पेश कर सकता है।

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    मेघना कानपुर की रहने वाली हैं, इन्होंने पत्रकारिता में 3 साल का डिप्लोमा कोर्स किया है। पत्रकारिता में रुचि होने के कारण इन्होंने शुरू से ही इस क्षेत्र में अपनी सहभागिता बरकरार रखने की कोशिश की और पिछले 1 वर्षों से बतौर कंटेंट राइटर काम कर रही हैं। The Logically के माध्यम से वह समाजिक मुद्दों को परोसने की कोशिश कर रही हैं।

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