हम सभी ने कई बार यह सुना है कि यह कलियुग है। यहां कोई सगा नहीं होता लेकिन अभी भी इस धरती पर ऐसे लोग हैं, जो बड़े भाई को पिता समान मानते हैं और बड़े भाई भी अपने छोटे भाई-बहनों को एक पिता के जैसा ही प्यार-दुलार देते हैं।
यह कहानी भी एक ऐसे ही भाई कि है, जिसने छोटे भाई के भविष्य बेहतर की पूरी जिम्मेदारी ले ली और छोटे भाई ने इंडियन आर्मी (Indian Army) में ऑफिसर बनकर बड़े भाई की मेहनत को सफल बना दिया।
14 वर्ष की उम्र में सिर से उठा पिता का साया
हरियाणा (Haryana) मीठापुर के निवासी नरेंद्र सिंह (Narendra Singh) लंबे संघर्ष के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट (Lieutenant) के पद पर काबिज हुए हैं। नरेंद्र जब 14 वर्ष के थे तब उनके पिता ने अन्तिम सांसे ली थी। उस वक्त उनके बड़े भाई की उम्र महज 16 वर्ष थी।
बड़े भाई ने छोड़ी अपनी पढ़ाई
पिता के जाने के बाद परिवार की जिम्मेदारी नरेंद्र के बड़े भाई ओंकार सिंह (Omkar Singh) के कंधों पर आ गई। छोटे भाई की शिक्षा में कोई बाधा ना आए इसलिए ओंकार सिंह ने 10वीं की पढ़ाई छोड़कर मेहनत-मजदूरी करने लगे। नरेंद्र की 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा की पढ़ाई समलेहड़ी के सरकारी स्कूल से पूरी हुई।
घर की आर्थिक मदद के लिए ट्यूशन पढ़ाते थे
नरेंद्र बताते हैं कि उनके भाई टेम्पो चलाते थे। आगे की पढ़ाई के लिए बड़े भाई ने ही पंजाब टेक्नीकल यूनिवर्सिटी जलंधर भेजा। जहां उन्होंने एयरोनोटिकल में दाखिला लिया और स्कॉलरशिप भी मिली।
वर्ष 2018 में 81% मार्क्स के साथ बीटेक पास करने के बाद परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए नरेंद्र वापस आकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे। इसके अलावा नरेंद्र ने अम्बाला में बतौर ग्रामीण डाक सेवक भी काम किया। साथ ही डिफेंस की तैयारी भी करते रहे।
रिटायर्ड कर्नल ने मेंटर की तरह गाइड किया
नरेंद्र कहते हैं कि वर्ष 2018 से 2020 तक उन्होंने 12 बार इंडियन नेवी और इंडियन आर्मी के अलग-अलग पोस्ट के लिए परीक्षाएं दी। वे बताते हैं कि जब वे इंग्लिश स्पोकिंग कोर्स कर रहे थे, तब उन्हें रिटायर्ड कर्नल राज किशन गुप्ता के बारे में पता चला था। उसके बाद उन्होंने उनसे कांटैक्ट किया था और अपने परिवार की सारी परेशानियां बताई थी। साथ ही उन्हें बताया था कि वे डिफेंस की तैयारी भी कर रहे हैं। उसके बाद ही राज किशन गुप्ता ने मेंटर की तरह उनका मार्गदर्शन किया था।
वर्ष 2021 में लेफ्टिनेंट के लिए हुआ सलेक्शन
उन्होंने वर्ष 2020 में 12वीं पीजीसी का इंटरव्यू दिया था, जिसमें वे सफल रहे थे और इंडियन मिलिट्री अकेडमी के लिए उनका चयनित हुआ था। उसी वर्ष जुलाई में उनकी ट्रेनिंग भी शुरु हो गई थी। वर्ष 2021 में 12 जून को लेफ्टिनेंट (Lieutenant) पद के लिए उनका चयन किया गया हुआ था।
बड़े भाई को दिया सफलता का श्रेय
अपनी सफलता का श्रेय अपने बड़े भाई को देते हुए उन्होंने कहा कि बड़े भाई की मेहनत के दम पर ही मैं यहां तक पहुंचा हूं। उन्हें मेहनत करता देखकर मुझे और मेहनत करने की हिम्मत मिलती थी।
The Logically नरेंद्र सिंह को उनकी सफलता के लिए बधाई देता है।