शहरों में जगह के अभाव के कारण ज्यादातर लोग अपने घरों के छत पर खेती या बागवानी करते हैं, परंतु आज हम एक ऐसे इंजीनियर कि बात करेंगे, जिसने बेंगलुरु जैसे शहर में रहते हुए अपने घर को ही जंगल में तब्दील कर दिया। इंजीनियर नटराज उपाध्याय (Natraj Upadhyay) ने अपने घर के छत और आंगन को अर्बन जंगल में तब्दील कर दिया है, जिसे उन्होंने ‘आश्रम गार्डन्स अर्बन एवरग्रीन जंगल’ का नाम दिया है।
गर्मी से राहत पाने के लिए लगाए 1700 पेड़-पौधे
नटराज के इस जंगल में करीबन 1700 से ज़्यादा पेड़-पौधे हैं। नटराज एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। उन्होंने भारत के साथ-साथ 10 साल अमेरिका में भी काम किया है, परंतु पत्नी की तबीयत ज़्यादा ख़राब होने के वजह साल 2008 में उन्होंने स्वेच्छा से रिटायरमेंट ले लिया। उसके बाद उन्होंने बेंगलुरु जैसे मॉडरेट तापमान वाले शहर में रहते हुए गर्मियों में कूलर कि व्यवस्था करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने अपने घर के छत पर बागवानी करने का फैसला किया।
चावल के खाली पैकेट से की शुरूआत
साल 2009-2010 तक वह अपने इस प्लान को आगे बढ़ाने लगे। नटराज उपाध्याय (Natraj Upadhyay) बताते हैं कि इसकी शुरुआत उन्होंने चावल के खाली पैकेट से किया। वह इसका इस्तेमाल पेड़-पौधे लगाने के लिए करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने फल, फूल, सब्जियां तथा औषधीय पौधे लगाना शुरू किया। उसके बाद नटराज ने अपने बगीचे को जंगल के रूप में विकसित करने का फैसला किया। आज नटराज का यह जंगल तीन हिस्सों में फैला हुआ है।
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नटराज के घर में कई किस्म के पेड़ हैं
नटराज उपाध्याय (Natraj Upadhyay) की छत 1500 वर्ग फीट में है। उनके घर का आंगन 400 वर्ग फीट और उनके घर के बाहर की खाली जगह 200 वर्ग फीट है। उन्होंने अपने छत पर पुराने 55 लीटर के ड्रमों का इस्तेमाल किया है। उनके अर्बन जंगल में कई किस्म के पेड़ हैं। जैसे पपीता, केला, बांस, मलबरी, अंजीर, इमली, मोरिंगा, कोरल वाइन, और मेक्सिकन सूरजमुखी।
नटराज के इस ग्रीन स्पेस को जंगल इसलिए कहते हैं क्योंकि यहां कई प्रकार की तितलियां और पक्षी देखे जा सकते हैं। अक्सर नटराज उन जंतुओं कि वीडियो अपने Youtube चैनल पर डालते रहते हैं।
Youtube और फेसबक के जरिए दे रहे खेती के टिप्स
नटराज ने अपने छत पर इस जंगल को बनाने में हर तरह के जैविक तरीकों का इस्तेमाल किया है। जैसे- खाद बनाने के लिए उन्होंने अपने घर के गीले कचरे और अपने जंगल के सूखे पत्तों तथा टहनियों का इस्तेमाल किया है। उनके घर से कोई भी जैविक कचरा बाहर नहीं जाता है। नटराज उसे इकाठ्ठा कर उससे घर में ही खाद बनाते है। साथ वह गोबर और पानी के घोल के छिड़काव से पेड़ों को पोषण भी देते हैं। नटराज उपाध्याय (Natraj Upadhyay) चाहते हैं कि अन्य लोग भी इस तरह से बागवानी करे इसके लिए वह Youtube चैनल तथा फेसबक ग्रुप पर लोगों को खेती सिखाते हैं और टिप्स भी शेयर करते हैं।