किसी के कार्य को देखकर हम उसके अंदर छुपे टैलेंट और उसके हिम्मत को नहीं आंक सकते। कुछ लोग भले ही साधारण काम करते हैं परंतु उनके अंदर कुछ बड़ा करने का जज्बा होता है। आज हम नीतू दहिया (Nitu Dhaiya) की बात करेगें, जो कभी एक साधारण सी हाउसवाइफ हुआ करती थीं और आज वह गरीब बच्चों की जिंदगी सवार रही हैं। नीतू शुरु से ही गरीब लोगों और पर्यावरण के लिए कुछ करना चाहती थीं, बस जरुरत थी तो एक मौके की। – Neetu Dhaiya and Ravi Dhaiya from Haryana do organic farming to protect the environment.
प्रदूषण की वजह से हुई नीतू के बच्चे की तबीयत खराब
हरियाणा की रहने वाली नीतू दहिया (Nitu Dhaiya) अपने पति रवि दहिया (Ravi Dhaiya) और पूरे परिवार के साथ दिल्ली में रहती थीं क्योंकि उनके पति की नौकरी दिल्ली में थी। नीतू बचपन से ही गरीब बच्चों को शिक्षित करना चाहती थी और इस क्षेत्र में काम करने के लिए उन्होंने कई एनजीओ भी ज्वॉइन किया। नीतू लोगों की मदद करती थी और अपने परिवार के साथ एक साधारण सा जीवन बीता रही थीं। उनके जीवन में बदलाव तब आया जब उनके छोटे से बच्चे को दिल्ली के प्रदूषण की वजह से फेफड़ों की परेशानी हुई।
टाइगर्स एंड टेम्पल नाम के रिजोर्ट की हुई शुरुआत
प्रदूषण से जब नीतू के बच्चे की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें एहसास हुआ कि पर्यावरण के लिए कदम उठाना कितना जरूरी है और वह अपने पति के साथ मध्यप्रदेश के खजुराहों के पास ‘टाइगर्स एंड टेम्पल’ नाम के रिजोर्ट की शुरुआत किए। बता दें कि यह रिजोर्ट ऐसा जगह खोला गया जहां पूरे साल टूरिस्टों की भीड़ लगी रहती है। नीतू और उनके पति रवि यह तय कर चुके थे कि अब वह ऐसा काम करेंगे जिससे समाज और पर्यावरण का भला हो सके। – Neetu Dhaiya and Ravi Dhaiya from Haryana do organic farming to protect the environment.
पर्यावरण संरक्षण हेतु नौकरी छोड़ खोलें रिजॉर्ट
नौकरी छोड़ रिजॉर्ट खोलने के पीछे भी नीतू और रवि का लक्ष्य पर्यावरण के हित में ही काम करना था। इस दिशा में काम करने के लिए उन्होंने बुंदेलखंड जाने का फैसला किया और वहां जाकर 22 एकड़ जमीन खरीदे। रिजॉर्ट खोल कर वह वहां हर चीज आर्गेनिक तरीके से करना चाहते थे और उन्हें इसमें सफलता मिल भी गई। एक हादसे ने नीतू और रवि की जिंदगी पूरी तरह बदल गई, जो नीतू कभी हाउसवाइफ थी और घर की जिम्मेदारी संभालती थी आज वह एक सफल बिजनस वूमेन बन चुकी हैं।
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रिजॉट में करते हैं ऑर्गेनिक फार्मिंग
नीतू और रवि अपने रिजॉर्ट में ऐसे कोई भी वस्तु का इस्तेमाल नहीं करते, जिसका प्रकृति पर बुरा असर पड़े और उसे कोई नुकसान पहुंचे। बता दें कि रिजोर्ट में ही यह कपल फार्मिंग करते हैं, जिसमें सब्जियां, फल, फूल उगाई जाती है। फार्मिंग के लिए वह किसी भी प्रकार का रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करते, जिसका असर पौधे या उसके फल पर पड़े। आर्गेनिक फार्मिंग के लिए वह गोबर और रिजोर्ट के किचन से निकलने वाले कचरे से खाद बनाते हैं। नीतू और उनके पति रवि का यह कदम पर्यावरण के लिए बेहद लाभदायक है। – Neetu Dhaiya and Ravi Dhaiya from Haryana do organic farming to protect the environment.