कहते हैं जिस कार्य में हमें दिलचस्पी हो हमें वही कार्य करना चाहिए क्योंकि वह काम हम बेहतर तरीके से कर सकते हैं। इसका उदाहरण हैं हरियाणा की रहने वाली नेहा साहू (Neha Sahu)। कई बार आप कुड़ी पटाखा’, ‘आय एम नॉट फैट, आय एम पांडा’, हैप्पी सोल, बी हैप्पी, ह्युमन पांडा जैसा लाईन सुनते हैं, लेकिन बहुत से लोगों को यह नहीं पता होगा कि यह लाईन कहां से आया है। आपको बता दें कि यह डिजाइन की हुई जूतियों पर लिखे शब्द हैं। ‘फन’ का संदेश देने वाली नेहा जूतों में अपने हाथों से डिजाइन करती हैं। – Neha Sahu left the job of professor and started the business of shoe design, now the annual turnover is 1 crore.
नेहा एमटेक की गोल्ड मेडलिस्ट हैं
हरियाणा के रोहतक की रहने वाली नेहा बताती हैं कि ‘बीटेक, एमटेक करने के बाद कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी और पीएचडी छोड़कर जब जूतियों का बिजनेस शुरू की तो कोई भी उनसे सहमत नहीं था। एमटेक की गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी नेहा के लिए वेलपेड का नौकरी छोड़ना बिल्कुल आसान नहीं था। इस दौरान उनकी करीबी लोग भी उनके फैसले में साथ नहीं थे, परंतु वह अपने फैसले पर अटल रही।
नेहा प्रोफेसर की नौकरी से नहीं थी संतुष्ट
नेहा रोज कॉलेज तो जाती थी, लेकिन उन्हें इस के दौरान खाली-खाली महसूस होता था। नेहा को बचपन से ही पेंटिंग, हैंड एंब्रोडरी और पॉटरी में दिलचस्पी रही है। हालांकि एक समय ऐसा भी था, जब लोग पेटिंग में करियर को अपनाते नहीं थे और क्रिएटिव फील्ड में नौकरी के बहुत विकल्प उपलब्ध नहीं थे तथा एक्सपोजर भी नहीं था। ऐसे में नेहा ऐसी नौकरी ढूंढ़ती थी, जिससे घर आराम से चल जाए और इसलिए उन्होंने टीचिंग का अपना प्रोफेशन बनाया।
नौकरी के दौरान शुरू की बिजनेस
नेहा कॉलेज में पढ़ाने के साथ ही साल 2016 में हेली नाम की एक कंपनी शुरू की, जिसमें दस हजार की जूतियां खरीदकर लाई और उन पर खुद से फूल, बग्स, पत्तियां बनाकर तथा अच्छे-अच्छे मैसेज लिखकर फेसबुक पर पोस्ट करने लगी। लोगों को नेहा का यह काम बेहद पसंद आया। शुरूआत में उन्होंने इस कार्य को पार्ट टाइम रखा क्योंकि वह खुद आश्वस्त नहीं थी कि यह बिजनेस कैसा होगा और कब तक चल पाएगा। काम आगे बढ़ाने के लिए नेहा एग्जीबिशन भी लगाई, जिससे उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स मिला।
कपड़ों के काम में होती थी परेशानी
नेहा जूती से पहले कपड़ों का काम शुरू की थी, लेकिन वह काम को ज्यादा दिन तक कर नहीं पाईं क्योंकि एक ऑर्डर आता तो उसके लिए अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग मेहनत करनी पड़ती। इसमें कपड़ा कहीं से लाती, तो सिलवाना कहीं पड़ता, ऊपर डिजाइन बताना। एक ऑर्डर को पूरा करने में लंबा प्रोसेस झेलना पड़ता था। नेहा तीन महीने तक यह काम करने के बाद उसे बंद कर दी। उसके बाद उन्होंने जूतियों का काम शुरू किया, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली। – Neha Sahu left the job of professor and started the business of shoe design, now the annual turnover is 1 crore.
हेली नामक ब्रांड की शुरूआत
10 हजार की लागत से नेहा ने जूतियों का यह काम घर पर शुरू किया। नेहा अपने ब्रांड का नाम ‘हेली’ रखा। दरअसल हरियाणा में पुश्तैनी घरों को हवेली कहा जाता और उसी तर्ज पर उन्होंने अपने ब्रांड का नाम हेली रख दिया। इसके पीछे नेहा का उदेश्य अपने पुश्तैनी कल्चर को बचाए रखना था। हेली शुरू करने के बाद पहले साल में पेंटर और वर्कर ढूंढ़ने शुरू किए, लेकिन कर्मचारियों को ढूंढ़ना बहुत मुश्किल था क्योंकि लोग इस कंपनी को जानते तक नहीं थे।
सोनाक्षी सिन्हा ने पहना नेहा द्वारा डिजाइन की गई जूती
साल 2017 में नेहा कंसीव की प्रेग्नेंसी के दौरान, कॉलेज, पीएचडी, बिजनेस, एंप्लॉयर ढूंढ़ना सब साथ-साथ करना मुश्किल तो था, लेकिन वह रुकी नहीं। प्रेग्नेंसी के बाद जब उन्हें मटेरनिटी लीव मिली तो उन्होंने बिजनेस प्लान किया। पांच साल तक प्रोफेसर की नौकरी करने के बाद साल 2018 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। नेहा बताती हैं कि मेरी मेहनत उस दिन रंग लाई जब मेरी जूतियां अभिनेत्री सुनाक्षी सिन्हा ने पहनीं।
इंस्टाग्राम से बिजनेस को आगे बढ़ाने में मिली मदद
नेहा अपनी जुतियो का फोटोज अपने इंस्टाग्राम पर डाली, जिससे उन्हें अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिली। जब नेहा नौकरी छोड़ फुल टाइम बिजनेस करने लगी तो उन्हें लगातार काम मिलने लगा। इसी बीच लॉकडाउन लगा, जिससे एंप्लॉइज अपने घर चले गए और काम रुक गया। ऐसे में नेहा तीन महीने तक खुद जूतियां पेंट कीं। उसके बाद साल 2020 में उन्होंने साड़ी लॉन्च कर दिया। इन साड़ियों पर भी मस्ती भरे डिजाइन होते थे, ताकि इसे पहनने वाली महिला के चेहरे पर खुशी रहे।
1 करोड़ का हैं टर्नओवर
नेहा द्वारा डिजाइन की गई एक साड़ी अभिनेत्री विद्या बालन ने पहनी, जिससे साड़ियों के बिजनेस अच्छा चलने लगा। अब रवीना टंडन से लेकर सारा अली तक हमारे ब्रांड से चीजें खरीदते हैं। 10 हजार से शुरू की गई बिजनेस का टर्नओवर अब 1 करोड़ के आकड़े को पाड़ कर चुका हैं। नेहा हिंदुस्तान की हर महिला से यह कहना चाहती हैं कि खुद की खुशी किसी दूसरे पर निर्भर न रखें बल्कि खुद के लिए खुद पर भरोसा करें। इससे आपको आपके कार्य में सफलता जरूर मिलेगी।- Neha Sahu left the job of professor and started the business of shoe design, now the annual turnover is 1 crore.