तपती धूप हो, कड़ाके की ठंड हो या फिर झमाझमाता बारिश हो, हमारे देश के किसान किसी भी परिस्थिति में खेती करने से पीछे नहीं हटते। वे बंजर पड़ी जमीन को भी सोना उगलने लायक बना देते हैं सिर्फ अपने परिश्रम के बदौलत। आज हम आपको एक ऐसे शख़्स की कहानी बताएंगे जिन्होंने बंजर पड़ी भूमि में खेती प्रारंभ किया और आज वह इसमें खजूर के पौधों को लगाकर इससे कमाई कर रहे हैं।
किसी भी कार्य के शुरुआती दौर में परेशानी निश्चित है। लेकिन अगर उस परेशानी से लड़ते हुए अपने मार्ग पर चलना प्रारंभ हो गया तो सफलता भी निश्चित है। गुजरात (Gujrat) के पाटन जिले से ताल्लुक रखने वाले एक किसान ने ऐसा कार्य किया है जिससे वह लोगों के उदाहरण बन रहे हैं। -Nirmal Vaghela of Gujarat grew dates in barren land, today he is earning 35 lac rupees every year
मिला 10 वर्षों के परिश्रम का फल
उन्होंने बंजर पड़ी जमीन में अपनी मेहनत के बदौलत वो सफलता हासिल की है जो सबके लिए प्रेरणास्रोत है। वह किसान निर्मल सिंह वाघेला (Nirmal Singh Vaghela) हैं। उन्होंने 10 वर्षों तक कठिन परिश्रम के बाद वो कार्य किया है जो सबके वश की बात नहीं। उन्होंने आज से 10 वर्ष पूर्व अपने बंजर पड़ी जमीन पर खजूर के पौधों को लगाया था जो आज फल दे रहे हैं। -Nirmal Vaghela of Gujarat grew dates in barren land, today he is earning 35 lac rupees every year
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प्रत्येक वर्ष होती है 35 लाख की आमदनी
आज वह अपने खेती से प्रत्येक वर्ष 35 लाख रुपए कमा रहे हैं। उन्होंने खजूर के बेहतर उत्पादन के लिए खेतो में केमिकल युक्त उर्वरक नहीं बल्कि ऑर्गेनिक उर्वरक का छिड़काव किया है। जैविक खाद द्वारा निर्मित ये फल बेहद मीठा एवं लाभदायक है। -Nirmal Vaghela of Gujarat grew dates in barren land, today he is earning 35 lac rupees every year
खजूर में कैल्शियम, आयरन तथा पोटैशियम प्रचुर मात्रा में समाहित होते हैं जो हमारे लिए स्वास्थ्यवर्धक है। खजूर में पाए जाने वाले पौष्टिकता के कारण मार्केट में भी इसका खूब डिमांड है। -Nirmal Vaghela of Gujarat grew dates in barren land, today he is earning 35 lac rupees every year
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