Home Environment

91 वर्ष की उम्र और पूरे बदन में दर्द, फिर भी हर सुबह उठकर पौधों को पानी देने निकल पड़ते हैं गुड़गांव के बाबा

old man give water to plants

पर्यावरण के संजीदगी को समझना सभी के लिये बेहद आवश्यक है। एक स्वस्थ जीवन जीने के लिये स्वच्छ वातावरण में रहना अनिवार्य है। लेकिन इस बात को बहुत ही कम लोग समझते हैं। अधिकांश लोग तो समझने के बाद भी अनदेखा कर देते हैं। अंधाधुंध पेड़ो की कटाई हो रही है। तरह-तरह के प्रदूषण फैल रहें हैं, जिससे दिन प्रतिदिन हमारा वातावरण दूषित हो रहा है। मनुष्य, जीव-जानवरो सभी में अनेकों प्रकार की घातक बीमारियां फैल रही हैं। पेड़-पौधे और पर्यावरण के महत्त्व के प्रति सभी को जागरुक होने की बेहद जरुरत है। क्यूंकि यदि ऐसे ही चलता रहा तो जीवन बहुत ही जल्द समाप्त या दुर्लभ हो जायेगा।

91 वर्षीय बुजुर्ग सड़क किनारे लगे पौधों में रोजाना देते हैं पानी, IAS ऑफिसर नीतिन सांगवान ने शेयर किया वीडियो

पर्यावरण के संजीदगी को समझते और समझाते हुए सोशल मिडिया पर बहुत तेजी से एक विडियो वायरल हो रहा है। उसमें दिखाया जा रहा है कि एक 91 वर्ष के बुजुर्ग सुबह 4 बजे सड़को पर लगे पौधों में नियमित रूप से पानी देने का कार्य करते हैं। यह वीडियो एक IAS ऑफिसर नीतिन सांगवान के द्वारा शेयर किया गया है। इस वीडियो को शयेर करते हुए नीतिन ने कैप्शन लिखा है, “आपकी उम्र 91 वर्ष है, कमर में दर्द रहता है। फिर भी, गुडगाँव में रोजाना सुबह के 4 बजे पब्लिक रोड पर पौधें को पानी देने पहुंच जाते है। आपको दिल से सलाम।”

पीठ दर्द से पीड़ित, फिर भी रोजाना 4 से 5 बजे उठकर स्ट्रीट प्लांट्स को देते हैं पानी

विडियो के अनुसार वह 91 वर्ष के बुजुर्ग व्यक्ति बिना किसी दिक्कत के सुबह स्ट्रीट प्लांट्स को रोजाना पानी देने का कार्य करतें है, चाहे उनके पीठ और कमर में दर्द ही क्यूं न हो। इस वीडियो में यह देखा जा सकता है कि कैसे यह बुजुर्ग आदमी मग के साथ पौधे को पानी दे रहें हैं। वायरल वीडियो को शूट करने वाला मनुष्य उस 91 वर्षीय बूढ़े बाबा का परिचय देते हुए कहता है कि प्रतिदिन बाबा पौधे को पानी देने के लिये सुबह 4 बजे से 5 बजे उठते हैं। वह शख्स यह भी बताता है कि बाबा पीठ के दर्द से पीड़ित है उसके बावजूद भी वे प्रतिदिन पौधें को पानी डालते हैं।

वीडियो बनाने वाला शख्स कहता है कि बाबा रोजाना उठकर पौधे को पानी देते हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी पर्यावरण को लेकर सक्रिय रहना लोगों का काफी दिल जीत रहा है। लोग बाबा की काफी तारिफ कर रहें हैं।

वाकई बाबा का संकल्प बेहद सराहनीय है। इस उम्र में इतनी शारिरीक दिक्कतो को सहने के बाद भी वे देश और समाज के हित के बारें में सोच रहें हैं। बाबा आज के सभी युवा वर्ग के लिये एक प्रेरणा हैं। हम सभी को उनसे सीख लेनी चाहिए और पर्यावरण के महत्त्व को समझते हुए उसकी रक्षा करनी चाहिए। बाबा ने हमें यह सोचने पर मजबुर कर दिया है कि जब वे इस उम्र में यह काम कर सकते है तो हम क्यों नहीं।

The Logically 91 वर्षीय उस बुजुर्ग के दृढ़ संकल्प को शत-शत नमन करता है। बाबा अपनी सेहत के बारे में न सोचकर वातावरण के बारे में सोच रहें हैं। यह काबिल-ए-तारिफ है।

Exit mobile version