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किसान दम्पति उपजा रहे हैं सब्जी, फल और औषधि सहित 60 किस्म की फसलें, मुनाफ़ा कुई गुना बढ़ा

अपने कार्य से प्रेरणा बन जाना हमेशा हीं खास होता है चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो ! भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ की आधे से अधिक जनसंख्या कृषि पर आधारित है ऐसे में कृषि के क्षेत्र में पराकाष्ठा स्थापित करना यहाँ के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है ! इसी क्रम में आज बात एक ऐसे किसान दम्पति संजय सिंह और उनकी पत्नी दमयंती की जिन्होंने सूखे से ग्रस्त अपने क्षेत्र में अपनी मेहनत और सूझ-बूझ का ऐसा बीज बोया जिसने अपने उत्पाद के जरिए कृषि की सफलता की इबारत लिख डाली ! आईए जानते हैं उनके बारे में….

बुन्देलखंड में सूखे की मार और जलसंकट से सभी लोग अवगत हैं ! वहाँ पानी के बिना लोगों की जिंदगी दूभर हो जाती है ! सहजीय कल्पना की जा सकती है कि जब पीने के लिए पानी कोसों दूर से लाया जाता है तो खेती के लिए पानी कहाँ से आएगा ! ऐसी विकट परिस्थिति में संजय सिंह और उनकी पत्नी दमयंती ने जैविक खेती से अपने परिदृश्य को बदल डाला और लोगों के लिए भी प्रेरणा का संचार किया !

संजय सिंह और उनकी पत्नी के द्वारा छतरपुर स्थित गाँधी स्मारक निधि के खेतों में जैविक खेती के जरिए फल , खाद्यान्न और औषधियों के करीब 60 किस्मों की खेती की जा रही है ! वहाँ पर वे देशी बीज का संवर्धन कार्य , सब्जियों, फलों का उत्पादन किया जा रहा है ! यहाँ जैविक खाद का उत्पादन भी बेहतर ढंग से और अधिक मात्रा में किया जाता है ! अपने इस खेती में वे रसायनिक उर्वरक और कीटनाशक का तनिक भी प्रयोग नहीं करते हैं ! उनकी सारी खेती पूर्ण रूप से जैविक विधि द्वारा की जाती है !

इस तरह करते हैं जैविक खाद और अर्क का निर्माण

जहाँ खर पतवार को लोग अपशिष्ट समझकर उसे खेत से निकाल फेकते हैं वहीं संजय बताते हैं कि हर एक खर पतवार उपयोगी है ! बरगद के पत्तों , गाजर का घास, केले के पत्तों , छोले के पत्तों , अरबी के पत्तों आदि का इस्तेमाल जैविक खाद बनाने में करते हैं तथा नीम , लहसुन , धतूरा , सीताफल , मिर्च , आक जैसे पौधों के प्रयोग से कीटनाशक अर्क बनाया जाता है ! संजय जी के इस जैविक खेती में केंचुआ खाद का भी प्रयोग किया जाता है जिसे वे खुद तैयार करते हैं ! इस खाद के इस्तेमाल से मिट्टी कीं अधिक उपजाऊ हो जाती है ! अमृत मिट्टी और अमृत जल के प्रयोग से मिट्टी में जीवाणुओं की संख्या में बढोतरी हो जाती है जो मिट्टी को भूरभूरा बना देती है !

नहीं होता पालों का असर

ठंड के दिनों में जब फसलों को पाले के कारण खूब नुकसान होता है उस समय संजय जी द्वारा तैयार किए जा रहे फसलों पर पाले का कोई भी असर नहीं होता ! दस वर्ष से भी अधिक का समय बीत चुका उनके अरहर और अन्य फसलों पर पाले का असर हुए ! जब अन्य किसानों की उपज पर ठंड और पाले का साया होता है और फलस्वरूप उत्पादन में भारी कमी आती है वहीं संजय और उनकी पत्नी द्वारा तैयार किए जा रहे फसल सर्दियों में भी वर्षों से लहलहा रहे हैं ! इसकी वजह पूछने पर वे बताते हैं कि ऑर्गेनिक कार्बन होने के कारण मिट्टी में जल धारण क्षमता बढ जाती है तथा गोबर और गोमूत्र फसल पर पाला को हावी होने से रोक देता है !

भारी मात्रा में करते हैं उत्पादन

संजय सिंह और उनकी पत्नी अपनी जैविक विधि की खेती और सूझ-बूझ से भारी मात्रा में फसल का उत्पादन कर रहे हैं ! अधिक उत्पादकता इसी बात से आँकी जा सकती है कि संजय जी प्रति एकड़ में 12 क्विंटल अरहर का उत्पादन कर रहे हैं ! इसी तर्ज पर अन्य फसलों का भी खूब उत्पादन होता है ! देशी सब्जियों , फलों और कई प्रकार के औषधियों का भी उत्पादन कर रहे हैं !

किसानों को देते हैं कृषि प्रशिक्षण

कृषि में सफलता पाने वाले संजय और उनकी पत्नी अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं ! कृषि से जुड़े हुए कई लोग उनसे मिलकर कृषि के गुर सीखना चाहते हैं ! छतरपुर के छत्रसाल चौक में स्थित इस केन्द्र में जैविक खेती का प्रयोग भी किया जाता है साथ में किसानों को प्रशिक्षित भी किया जाता है ! इसके लिए 4 कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं ! संजय बताते हैं कि अबतर करीब 1000 किसान यहाँ से प्रशिक्षण ले चुके हैं ! अमृत जल व मिट्टी , केंचुआ खाद , जीवामृत , संजीवक , पंचगव्य आदि के उत्पादन के साथ प्रशिक्षण भी दिया जाता है !

संजय और उनकी पत्नी दमयंती से सम्पर्क

यूं तो छतरपुर में अपने सफल कृषि से अलग पहचान बना चुके हैं संजय और उनकी धर्मपत्नी दमयंती ने ! वहां कोई भी इनके बारे में बता सकता है या उन तक पहुँचा सकता है ! लेकिन संजय और उनकी पत्नी ने खुद तक पहुँचने के लिए सोशल साईट्स पर अपने नम्बर भी साझा किए हैं ! मोबाइल नं: 9926658469 पर फोन कर उनसे सम्पर्क साधा जा सकता है !

अपने कठिन परिश्रम और सूझबूझ से खेती में सूखे और पाले की मार सरीखी समस्या को भेदते हुए संजय और उनकी पत्नी दमयंती ने कृषि के क्षेत्र में जो अपार सफलता हासिल की है वह बेहद हीं प्रेरणादायक है ! The Logically उनके प्रयास की खूब प्रशंसा करता है तथा उन्हें उनकी सफलता हेतु बधाईयाँ भी देता है !

Vinayak is a true sense of humanity. Hailing from Bihar , he did his education from government institution. He loves to work on community issues like education and environment. He looks 'Stories' as source of enlightened and energy. Through his positive writings , he is bringing stories of all super heroes who are changing society.

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