मॉर्डन जेनरेशन में अब हर चीज़ में बदलाव सम्भव है। पहले किसी सामाग्री को बेचने के लिए मार्केट जाना पड़ता था, या घर-घर घुमकर सामग्रियों को बेचना पड़ता था लेकिन अब जमाना डिजिटल हो चुका है। अब हम घर बैठे किसी भी सामग्री की ऑनलाइन डिलीवरी कर सकते हैं। – Organic Farming
यह कहानी एक ऐसे किसान की है, जिन्होंने कुछ खास पढ़ाई भले नहीं की लेकिन अपनी मेहनत से लाखों कमा रहे हैं। वह मात्र 9वीं पास हैं लेकिन सोशल मीडिया द्वारा अपने खेतों के उत्पादों को बेचते हैं।
राजपाल सिंह श्योराण
60 वर्षीय राजपाल सिंह श्योराण (Rajpal Singh Shyoran) दिल्ली (Delhi) के हिसार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने मात्र 9वीं कक्षा तक ही शिक्षा प्राप्त की है, लेकिन अगर आप उसने मिलकर खेतों से किस तरह मुनाफा कमाया जाए यह जानना चाहते हैं, तो वह आपको हर चीज़ बता सकते हैं। वह अपने खेतों से निर्मित उत्पादों से बहुत ही लाभ कमाते हैं। -Organic Farming
अपने उत्पादों का मूल्य स्वयं किया है तय
राजपाल के खेतों में सरसों उगाया जाता है। उससे वह तेल का निर्माण कर उसे बेचते हैं। वही जौ एवं बाजरे से वह बिस्किट भी बनाते हैं। उन्होंने गाय और भैंस भी रखी है, जिसका वह घी बेचते हैं। उनके द्वारा निर्मित उत्पादों का मूल्य उन्होंने स्वयं ही तय किया है। उनके घी का मूल्य लगभग 12 सौ 2000 रुपए प्रति किलोग्राम एवं तेल का मूल्य 220 रुपए प्रति किलोग्राम है। उन्होंने बताया कि जब तक उन्हें ऑर्डर नहीं मिल जाता, तब तक वह कोई भी सामाग्री अपने ग्राहकों को नहीं देते। -Organic Farming
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5 वर्षों से कर रहे जैविक खेती
उन्होंने यह जानकारी दिया कि मैं लगभग 5 वर्षों से ऑर्गेनिक फार्मिंग कर रहा हूं। मैं पहले सरसों को मार्केट में लेकर जाया करता था जिसका उचित मूल्य नहीं मिल रहा था। तब मैंने कोल्हू द्वारा तेल पीड़वाकर बेचा जिससे मुझे अधिक लाभ हुआ। तब मैंने स्वयं अपने उत्पादों को निर्मित कर उन्हें सोशल साइट्स की मदद से बेचने लगा। उनके उत्पाद सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बिक़ते हैं। -Organic Farming
मिला है खेती के लिए लाइसेंस भी
उन्होंने यह जानकारी दिया कि हमारे यहां अधिक मात्रा में कपास की खेती होती है। जिसमें रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है, जिससे मिट्टी को हानि पहुंचती है। उन्होंने अपने खेतों का जैविक प्रमाणीकरण भी करवाया है। उन्हें फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा लाइसेंस भी प्राप्त है। वह हमेशा ही कुछ नया सीखने की ललक रखते है, इसलिए वह कृषि विश्वविद्यालय में प्रारंभ हुए एग्रो स्टार्टप कोर्स में अपना नामांकन करा रहे हैं। -Organic Farming by Rajpal Singh Shyoran