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पेशे से इंजीनियर दो दोस्तों ने Lockdown में शुरू किया जैविक खेती और 40 लाख का कारोबार किये

जैविक खेती कर शुद्व फलों और सब्जियों का सेवन करना हर किसी को पसन्द है। हमारे देश के अधिक व्यक्ति इस क्षेत्र में कार्यरत्त हैं। कोरोना काल के दौरान हर व्यक्ति परेशानियों से जूझ रहा है। लोगों को खाने-पीने, रहने के लिए उचित आवास, और रोजी-रोटी के लिए रोजगार नहीं मिल पा रहें हैं। वहीं कुछ दोस्तों ने इस संकट के समय में भी लाखों का मुनाफा कमाया है। कपिल और अक्षय दो दोस्तों ने मिलकर अपना कारोबार स्थापित किया है। आज की यह दो दोस्तों की है जो इस लॉकडाउन में लाखों का कारोबार स्थापित किया है। यह देश के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

कपिल सोरठिया और अक्षय गजेरा

कपिल एक इंजीनियर हैं लेकिन यह इन सब से अलग होकर अपना नाम बनना चाहते थे। इसलिए इन्होंने अपने दोस्त अक्षय के साथ मिलकर एक व्यवसायिक कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी का नाम “एके ब्रदर” रखा गया। इस कम्पनी के माध्यम से हाई क़्वालिटी के केसर और आम, जो जैविक खाद द्वारा निर्मित है उनकी आपूर्ति कनाडा, भारत और ब्रिटेन जैसे देशों में की जाती है।

कपिल का जन्म सिंपल फैमिली में हुआ

कपिल गुजरात (Gujrat) में स्थित मंदोर्ना गांव के किसान परिवार में जन्मे हैं। इन्होंने स्कूली शिक्षा ग्रहण कर राजकोट इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए गए। वहां इन्होंने अपनी कामयाबी के झण्डे गाड़े और इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर ली। आगे इन्होंने एक IT कंपनी में सुबह के 9 बजे से शाम के 5 बजे तक की नौकरी करनी शुरू कर दी। इन्हें यह समय बहुत उबाऊ लगता था। इसलिए यह सोंचते रहते की मैं खुद की एक कम्पनी स्थापित करूंगा। इन्होंने IT कंपनी में काम कर अच्छी जानकारी हासिल की। निर्यात क्षेत्र में नौकरी कर इसमें भी प्रचुर मात्रा में जानकारी हासिल की। फिर ये नौकरी छोड़ दियें। अब इनका जुनून था खुद के लिए कारोबार स्थापित करना।

Source- Kenefolios

खुद की जमीन पर किये खेती की शुरुआत

कपिल अपने गांव लौट आएं। इन्हें पता था कि इनके पिता के पास अपनी जमीन है और वह उस जमीन पर आम और केसर की खेती करते हैं। लेकिन इस खेती से इन्हें मुनाफ़ा बहुत कम हुआ करता था। यह देख कपिल ने अपने पिता से बात कर जमीन पर जैविक खेती करने की बात कही और अपने एक दोस्त अक्षय के साथ जैविक खेती की शुरुआत कर दी। कपिल IT और डिजिटल मार्केटिंग के बारे में बखूबी जानते थे। इसलिए इस कारोबार को शुरू कियें। इस जैविक खेती में हाई क़्वालिटी के आम और केसर उगायें जाने लगे। शुरुआती दौर में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन इन्होंने अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुये कार्य करते रहें।

प्रत्येक वर्ष बनते है अधिक ग्राहक

एके बद्रर नामक यह कंपनी अपने ग्राहकों का बहुत ही
ध्यान रखती है। अगर कोई ग्राहक फल खरीद रहा है और वह खराब निकल गया तो वह ग्राहक को नया फल उसी कीमत में देता है। इनकी अच्छी गुणवत्ता और स्वाद में हिट होने के कारण प्रत्येक वर्ष इनके ग्राहक 50% बढ़ते हैं। इनकी कम्पनी के बारे में हर कोई जाने इसलिए कपिल ने SEO और सोशल मीडिया की सहायता ली। SEO की मदद से अगर कोई व्यक्ति अपने देश या विदेश से आम या केसर को ढूंढता है तो एके ब्रदर के फल सर्च इंजन में सबसे पहले आपको दिखेंगे। इस कारण इनको विदेशों से भी फलों के आर्डर मिलते हैं।

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कोरोना काल मे भी कमाया 40 लाख

यह सुनकर आश्चर्यजनक होगा कि इस लॉकडाउन में भी कपिल ने लगभग 40 लाख की आमदनी अपने फलों के निर्यात से प्राप्त की है। कपिल अब आगे के लिए भारत मे किसानों के एक दल के साथ मिलकर अच्छी गुणवत्ता के आम और केसर उगाकर हर क्षेत्र में यह उपलब्ध कराना चाहते हैं। साथ ही विदेशों में भी अधिक मात्रा में फलों का निर्यात करना चाहते है

एक इंजीनियर होने के बावजूद भी अपने भूमि से प्यार कर उसमें जैविक खेती कर कपिल ने मिसाल कायम किया है। The Logically इनके कर्यों की सराहना करते हुए कपिल को सलाम करता है।

Khushboo loves to read and write on different issues. She hails from rural Bihar and interacting with different girls on their basic problems. In pursuit of learning stories of mankind , she talks to different people and bring their stories to mainstream.

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