इंसान की काबिलियत और रूचि जिस कार्य को करने में हो और इंसान चाहे उससे इतर हटकर कुछ भी कर ले उसका मन-मानस उसे हर वक्त अंदर हीं अंदर उसके रूचि से संबंधित कार्य को करने के लिए प्रेरित करता रहता है ! इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण हैं प्रतीक ! एक निजी कम्पनी में बड़े ओहदे पर पहुँचकर , लाखों की सैलरी प्राप्त करने वाले प्रतीक ने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपनी रूचि के अनुसार जैविक खेती करनी शुरू कर दी ! आईए जानते हैं आखिर क्यूँ अपनाया उन्होंने जैविक खेती और कैसे गढ रहे हैं सफलता की इबारत !
प्रतीक मध्यप्रदेश में भोपाल के रहने वाले हैं ! पुणे से एमबीए की पढाई पूरी करने के बाद उन्हें एक बैंक में नौकरी मिली !वहाँ अपने बेहतर काम की वजह से इन्हें पदोन्नति मिली और इन्हें प्रोडक्ट मैनेजर बना दिया गया ! 15.5 लाख का पैकेज हर तरीके से बेहतर था ! शहर में रहकर इतने पैसे कमाने के बावजूद प्रतीक का मन वहां नहीं लग रहा था ! अंदर हीं अंदर व्याकुलता सी उठती रहती थी ! इसके बाद वे ट्रांसफर लेकर चण्डीगढ़ आए लेकिन यहाँ भी उनका मन उस नौकरी और शहरी वातावरण में जम नहीं पाया !
इस तरह हुई खेती की शुरुआत
अपने 6-7 वर्ष के नौकरी के कार्यकाल में हीं प्रतीक का मन नौकरी से भर गया ! शहर में रहना अब उन्हें काटने लगा ! चूकि वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं तो अंदर हीं अंदर उनमें कृषि के विचार उभरना लाजिमी था ! अपनी नौकरी के दौरान हीं 2015 में उन्होंने खेती में हाथ आजमाया ! गाँव के एक एकड़ जमीन पर उन्होंने पॉली हाउस बनवाया जिसमें 45-50 लाख का खर्च आया ! उनका यह प्रयोग बिल्कुल विफल रहा ! और वे खेती करने के उद्देश्य से नौकरी छोड़ दी और गाँव आ गए !
यह भी पढ़े :-
दो बहनों ने शहरी जिंदगी छोङ अपनाया गांव, जैविक खेती से खोले लोगों हेतु तरक्की के रास्ते !
जैविक खेती का आया विचार
अपने पॉली हाउस की विफलता ने प्रतीक को गहरी चोट पहुँचाई लेकिन फिर भी वह हार मानने वालों में से नहीं हैं ! उन्होंने इस पर मनन करना शुरू किया ! खेती के बिजनेस में खुद के मार्केटिंग स्किल का इस्तेमाल करना शुरू किया ! इसी बीच उन्हें जैविक खेती का विचार आया ! उन्हें लगा कि जैविक खेती स्वास्थ्य के लिए फलदायक है ! जैविक खाद खुद से तैयार हो जाएगा ! इस खाद से उत्पादन भी बेहतर होगा जिससे प्रोडक्शन कीमत कम आएगी और बाजारों में इसके उत्पादों की कीमत हम खुद तय कर सकते हैं ! इसके उत्पाद सीधा उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जा सकता है जिससे बिचौलिये का कमीशन भी खत्म हो जाएगा ! इन सभी बातों का पर गहराई से मनन करने के बाद प्रतीक नौकरी छोड़कर गाँव आ गए और जैविक खेती की शुरुआत की !
जैविक खेती से कमा रहे लाखों रूपये
प्रतीक बताते हैं कि जैविक खेती के फायदे तो कई है हीं लेकिन इसका स्कोप भी बहुत ज्यादा है ! वे अपने खेतों में सब्जियाँ उगाकर प्रति एकड़ डेढ लाख रूपये की सलाना बचत कर रहे हैं ! मेढ पर फलों के वृक्ष लगाकर भी कमाई हो रही है ! आगे वे बताते हैं कि मिक्स क्रॉपिंग या लेयर फार्मिंग के जरिए भी अगले 3-4 सालों में प्रति एकड़ 4 लाख तक का मुनाफा कमाया जा सकता है !
ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में अपने संघर्ष से सफलता की कहानी लिखने वाले प्रतीक अब अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं ! उनके पास हर सप्ताह 8-10 फोन आते हैं जिनमें से अधिकतर नौकरी करने वाले लोग होते हैं ! वे प्रतीक से जैविक खेती करने और सीखने की अपनी इच्छा बताते हैं ! प्रतीक कहते हैं कि इसे मैं एक बेहतर ट्रेंड मानता हूँ ! गाँवों में रिवर्स माइग्रेशन बहुत जरूरी है !
प्रतीक ने अपनी शहरी जिंदगी को छोड़कर जिस तरह गाँव को अपनाया और जैविक खेती शुरू की वह ना सिर्फ युवाओं के लिए , ना सिर्फ किसानों के लिए बल्कि उनलोगों के लिए भी बृहद प्रेरणा है जो गाँव छोड़कर अपने जीविकोपार्जन के लिए शहर को बेहतर मानते हैं ! Logically प्रतीक के कार्यों की खूब सराहना करता है !