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बिना पैसे लिए घर घर जाकर पहुंचा रहे ऑक्सीजन सिलेंडर, पटना के गौरव को मिली ऑक्सीजन मैन की उपाधि

कोरोना वायरस (Covid-19) से संक्रमित लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। खबरों की मानें तो पहले के मुकाबले इस साल करोना से मरने वाले की संख्या ज्यादा है। वही राजधानी दिल्ली से लेकर बाकी कई राज्यों में ऑक्सीजन (Oxygen Cylinder) और बेड की किल्लत हो गई है। लोगों को हॉस्पिटल के बाहर घंटों इंतज़ार करना पड़ रहा है। अगर बिहार में देखा जाए तो यहां की भी हालात कुछ ऐसे ही है। बिहार के पटना में भी ऑक्सीजन की भारी कमी है। कुछ लोगों को तो एंबुलेंस की सेवा भी नहीं मिल पा रही है। यह ऐसा समय है जब सरकार और प्रशासन भी बेबस दिखाई पर रहे हैं। वहां कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो संक्रमित व्यक्तियों के लिए एक मसीहा बनकर सामने आ रहे हैं। जी हां, पटना के रहने वाले एक ऐसे व्यक्ति जिन्हें लोग ‘ऑक्सीजन मैन’ (Oxygen Man Of Patna) कहके बुलाते है।

Oxygen Man Of Patna Gaurav Ray

आइए जानते है ‘ऑक्सीजन मैन’ कौन है?

‘ऑक्सीजन मैन’ नाम से प्रसिद्ध व्यक्ति जो पटना के रहने वाले है। इनका नाम गौरव राय (Gaurav Ray) है, जो मरीजों से ऑक्सीजन दिलवाने में दिन-रात लगे हुए हैं। NBT की एक रिपोर्ट की माने तो, गौरव अपने दिन की शुरुआत सुबह 5 बजे करते हैं। वह अपनी वैगनआर कार में एक कॉलोनी से दूसरी कॉलोनी तक खुद ऑक्सीजन पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं वह इसका एक भी पैसा नहीं लेते है। गौरव इस कार्य को पिछले एक साल से कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने एक दिन भी काम बंद नहीं किया। अब तक उन्होंने करीब 950 से ज्यादा लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) दे चुके हैं।

खुद पर पड़ी, तो शुरू की दूसरों की मदद करना

पिछले वर्ष जुलाई में गौरव भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उनके इलाज के लिए जब उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया, तो वहां उनके लिए बेड ही नहीं मिला। इतना ही नहीं वहां ऑक्सीजन लेवल (Oxygen Cylinder) भी कम था। गौरव मजबूर थे और वह अपने आप ही सीढियां चढ़ कर वार्ड पहुंचे। वहा कोई ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) मौजूद नहीं था। उनकी पत्नी ने करीब 5 घंटे बाद ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) की व्यवस्था की। यह समय उनके लिए काफी नाजुक था। वह जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे थे, पर वह कहते हैं न कि जाको राखे साइयां, मार सके न कोय। जब गौरव पूरी तरह से स्वस्थ हो गए, तब उन्होंने ठान लिया कि वह जरूरतमंद लोगों के घर तक ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) पहुंचाने का कार्य करेंगे और तब से लेकर आज तक उनका इंसानियत का कार्य चल रहा है।

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प्रतिदिन 4000 फोन कॉल आते हैं मदद के लिए

गौरव के इस नेक कार्य के बारे में पूरे शहर को मालूम हो चुका है। लोगों को इन पर इतना भरोसा है कि वह सरकार के पास जाने से पहले इनको कॉल करते हैं। गौरव कहते हैं कि वह सरकार के इस व्यवस्था से बहुत दुःखी है।

गौरव ने टीवी9 हिंदी से बात करते हुए कहा कि वह सरकार के इस व्यवस्था से बहुत दुःखी हैं। ऐसा लगता है कि सरकार को इसके बारे में कुछ जानकारी ही नहीं है। उन्होंने बताया कि जैसे हम समाज के हित में कार्य कर रहे हैं, तो हमारा यह फ़र्ज़ बनता है कि हम सरकार से इस बारे में सवाल करें। वह साफ तौर पर यह कहते हैं कि यह के सिस्टम ही खराब है। उन्होंने सरकार पर कई तरह के आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों की मृत्यु दर केवल ऑक्सीजन (Oxygen Cylinder) की कमी के कारण ही बढ़ रही है और सरकार केवल दावे पर दावे कर रही है।

गौरव ने बताया कि हम जितना कर सकते हैं, उतना हम लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।

ऐसे हालात में गौरव जिस तरह का कार्य कर रहे हैं वह वाकई सराहनीय है। गौरव के इस कार्य को लोग हमेशा याद रखेंगे।

बिहार सरकार ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए कुछ वॉलिंटियर्स की डिटेल्स अपनी वेबसाइट biharfoundation.bihar.gov.in पर डाली है। अगर आप बिहार से हैं और ऑक्सीजन (Oxygen Cylinder) की जरूरत है, तो इन इलाकों में इन सभी लोगों से संपर्क कर सकते हैं।

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