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जानिए पद्मश्री से सम्मानित इन अद्भुत किसानों की कहानी, खेती करने के नायाब तरीके हैं इनके पास

हर वर्ष गणतंत्र दिवस के दौरान देश के सज्जन व्यक्ति को सम्मानित किया जाता है। आज का यह लेख उन्हीं हस्तियों के बारे में हैं, जिन्हें पद्मश्री विभूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
ऐसा नहीं है कि यह सम्मान देश के बड़े लोगों को मिलता है, बल्कि जिन व्यक्तियों ने अपने हुनर से अपनी पहचान बनाई है, उन्हें यह सम्मान दिया जाता है। ऐसे ही 6 किसान हैं, जिन्हें पद्मश्री सम्मान मिला है।

  1. सुंडाराम वर्मा किसान

सुंडाराम वर्मा (Sundaram Varma) राजस्थान (Rajasthan) के सीकर (Sikar) से नाता रखते हैं। उन्होंने अपनी काबिलियत और तेज दिमाग के बदौलत कम पानी में खेती कर अनाज उत्पादन किया है। इस कारण उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री मिला है। वह मात्र 1 लीटर पानी में ही पौधों को विकसित कर लेते हैं। उन्होंने लगभग एक हेक्टेयर भूमि में 20 लाख लीटर वर्षा का जल संग्रहित कर 15 फसलों की लगभग 7 सौ प्रजातियां विकसित किया है। उन्होंने लगभग 50 हज़ार पौधे लगाएं हैं। वह सभी किसानों को यह जानकारी देते हैं कि उन्हें किस तरह कम पानी मे खेती करना है। ऐसा नहीं ऊ कि उन्हें सिर्फ पद्मश्री सम्मान मिला है, बल्कि उन्हें वन पंडित पुरस्कार, एग्रो बायोडायवर्सिटी पुरस्कार और जगजीवन राम किसान सम्मान भी प्राप्त है।

Padmshree honour to farmers
  1. चिन्तला वेंकट रेड्डी किसान

चिन्तला वेंकट रेड्डी (Chintla Venkat Reddy) तेलंगाना (Telangana) से ताल्लुक रखते हैं। उनकी पहचान बीज रहित अंगूर की खेती के लिए है। वह अपना रिसर्च सेंटर और अंगूर की खेती कुंदपल्ली में करते हैं। उनकी गणना अपने ज़िले के मॉर्डन किसानों में होती है। उन्होंने अपने ज्ञान और तकनीक के द्वारा 84 टन बीज रहित अंगूर का उत्पादन किया करते है। साथ ही अन्य प्रकार के फसलों को जैविक खेती द्वारा उत्पादित करते हैं। मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और अपने पेटेंट के द्वारा आविष्कार करने के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान प्राप्त है।

  1. राहीबाई सोमा पोपेर किसान

राहीबाई सोमा पोपेर (Rahibai Soma Poper) को सभी बीज माता कहकर बुलाते हैं। वह महाराष्ट्र (Maharastra) से सम्बद्ध रखतीं हैं। उन्हें देशी बीज के संरक्षण के लिए पद्मश्री सम्मान प्राप्त है। वह सभी किसानों को यह सिखातीं हैं कि उन्हें किस तरह रासायन मुक्त खेती करना और बीजों को संरक्षित कर रखना है। वह लगभग 35 हज़ार किसानों के साथ कार्य करती हैं। शुरुआती दौर में जब उन्होंने बीजों को संरक्षण प्रारंभ किया, तब उन्हें लोगों के ताने सुनने को मिले लेकिन आज इस कार्य के लिए वह सम्मानित हो चुकी हैं। उन्हें विश्व के प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं के श्रेणी में स्थान प्राप्त है।

4.त्रिनिति सावो किसान

त्रिनिति सावो (Triniti Savo) मेघालय (Meghalya) पश्चिम जयन्तिया हिल्स से हैं। वह एक आदिवासी महिला किसान हैं, जो जैविक हल्दी की खेती करती हैं। जैविक खेती द्वारा उगाये गए हल्दी से आय की बढ़ोतरी हुई और अन्य सभी किसानों से अपनाया। उन्हें इस कार्य के लिए पद्मश्री सम्मान मिला है। उनके संगठन द्वारा लगभग 100 महिला किसान जुड़ी है और 800 किसान लोकादोंग किस्म को अपनाकर खेती कर रहें हैं। उनके द्वारा उगाई गई हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा 2-5% होती है। इसका उपयोग दवा निर्माण में होता है।

  1. राधा मोहन और साबरमती

राधामोहन (Radha Mohan) और साबरमती (Sabarmati) ओडिशा (Odisa) से ताल्लुक रखते हैं। राधामोहन की सुपुत्री का नाम साबरमती है और वह दोनों पिता और सुपुत्री संरक्षण मॉडल द्वारा किसानों की मदद करती हैं। उनका एक रिसोर्स सेंटर है, जहां सभी को जैविक खेती के गुड़ बताए जाते हैं, और विलुप्त हो रही फसलों को फिर से उभारने की कोशिश करते हैं। उन्होंने लगभग 36 एकड़ बंजर ज़मीन पर फलों, मसालों और अन्य फसलों को उगाया है। उस स्थान को सभी फूड फॉरेस्ट के नाम से पहचानते हैं। अपने इस कार्य के लिए उन्हें भी पद्मश्री सम्मान प्राप्त है।

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