Monday, December 11, 2023

पद्मश्री से सम्मानित किसान ने शुरू किया हल्दी की खेती, पशु नुकसान नही पहुंचाते इसलिए फसल की गारंटी है

कोरोना महामारी के चलते कृषि पर काफी असर पड़ा है। इस महामारी के चलते किसानों को कृषि उपज में काफी समस्या आई है। किसान के चेहरे पर मायूसी के अलावा उम्मीद की कोई झलक नहीं दिख रही है। इसी कोरोना काल में विख्यात मत्स्य पालक और पद्मश्री सुलतान सिंह ने अपने कार्यों से हल्दी की खेती में नए प्रयोग किया जो कोरोना वायरस जैसे महामारी में काफी कारगर होगा और किसानों को रोजगार भी मिलेगा।

सुलतान सिंह हरियाणा के करनाल के बुटाना से हैं। सुलतान सिंह पिछले कई वर्षों से मत्स्य पालन कर रहे हैं। उन्होंने अपने नए प्रयोग और शोध से मछलियों के कई प्रजातियां विकसित की हैं। इन सब मछलियों के प्रजातियों में एक प्रजाति चीतल मछली की भी शामिल है। देशभर में पहली बार किसी हैचरी ब्रीडिंग का करिश्मा भी सुलतान सिंह ने कर दिखाया।

sultan Singh turmeric farming

सुलतान सिंह बताते हैं कि इस कोरोना महामारी में किसानों को फसलों के उत्पादन में काफी दिक्कतें आई। जिससे किसानों की हालत बहुत खराब हो गई। इसी सब चीजों को देखते हुए सुलतान सिंह ने अपने फार्म में एक गुणकारी हल्दी के प्रयोग में जुटे थे। सुलतान सिंह तकरीबन दो साल से इस गुणकारी हल्दी के प्रयोग में जुटे थे। सुलतान सिंह कहते हैं कि यह हल्दी हमारे स्वास्थ्य के लिए ही नहीं है बल्कि यह हमें अच्छा मुनाफा भी देती है। हरियाणा के किसानों ने हल्दी की खेती पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन उन्हें यकीन है कि उनके इस प्रयोग से उपजाए जाने वाले हल्दी को किसान अपनाएं जिससे किसानों को काफी फायदा होगा।

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सुलतान सिंह कहते हैं कि यह एक खास प्रकार की औषधीय गुणयुक्त हल्दी है। इसमें लगभग चार- पांच प्रतिशत करक्यूमिन होगा। इससे हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स हटाने में काफी कारगर होगा। सुलतान सिंह बताते हैं कि इस नए प्रयोग से हल्दी में काफी मात्रा में एंटी ऑक्सिडेंट, एंटी बायोटिक और एंटी वायरल गुणों का समावेश है जिससे कोरोना वायरस जैसी महामारी और अन्य बीमारियों से लडने में हमें काफी सहायता मिलेगी। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलती है।

सुलतान सिंह चीन में हुई रिसर्च का हवाला देते हुए बताते हैं कि यह वायरस सेल को संक्रमित करने से पहले ही मार देती है। वे कहते हैं कि जिका वायरस, डेंगू और हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियों में इसकी भूमिका काफी दमदार रही है। इन सभी बातों को देखते हुए हल्दी की मांग बाजारों में काफी बढ़ी है। पिछले साल इस हल्दी की कीमत 20-25 रुपए प्रतिकिलो तक रही थी लेकिन इस बार यही हल्दी 50-60 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रही है।

turmeric farming

पद्मश्री सुलतान सिंह के बेटे नीरज भी इस हल्दी की खेती में उनका हाथ बटाते हैं। उसके लिए सुलतान सिंह के बेटे नीरज भी इस काम में काफी सक्रिय हैं। वे बताते हैं कि फार्मर फर्स्ट योजना के तहत सरकार भी हल्दी की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इसलिए सुलतान सिंह ने अपने फार्म में हल्दी की खेती को नई गति दी। किसान इस फसल को विविधीकरण योजना के जरिए अपना सकते हैं। इसके बीज की भी बाजारों में अच्छी मांग है। वे बताते हैं कि सब्जी के दुकानों पर भी लोग हल्दी बेचते हैं। और हल्दी के पाउडर से चिप्स भी तैयार किए जा रहे हैं। इन्हीं सभी चीजों को देखते हुए सुलतान सिंह ने हल्दी उत्पादन के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी करेंगे।

कोरोना महामारी के दौरान हल्दी की खेती में ने प्रयोग कर बेहतर उत्पादन करने और लोगों को हल्दी की खेती के लिए गुर सिखाने के लिए The Logically सुलतान सिंह की खूब प्रशंसा करता है।