आजकल किसान खेतों में अधिक उत्पादन और अधिक लाभ हेतु फसलों पर केमिकल युक्त कीटनाशक का छिड़काव करते हैं। जिसका हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ हीं ये हमारे मिट्टी के लिए भी हानिकारक होते हैं क्योंकि इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता घटती जाती है।
ऐसे में अगर हम मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने तथा जीवनशैली को स्वस्थ बनाने की बात करें तो “पंचगव्य” काफी कारगर सिद्ध हो रहा है। अब आपके मन में ये ख्याल आ रहा होगा कि ये पंचगव्य क्या है??? ये जानने के लिए बस आप थोड़ी तसल्ली बनाए रखें क्योंकि इस लेख द्वारा आपको पंचगव्य के निर्माण तथा उसके फायदे के बारे में कृषि विज्ञान केंद्र परसौनी के वैज्ञानिक द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
क्या है पंचगव्य
पंचगव्य एक जैविक उर्वरक होता है जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और साथ ही फसलों के उत्पादन में भी इजाफा होता है। वर्षों पूर्व हमारे बुजुर्ग अपने खेतों में बेहतर उत्पादन के लिए पंचगव्य का उपयोग करते थे लेकिन धीरे-धीरे तकनीकी विकास के कारण लोग उससे दूर होते गए और कुछ बुरी आदतें अपना ली। इसके उपयोग से पौधों को कीट परेशान नहीं करते और अगर कीट लग चुके हैं तो वो नष्ट भी हो जाते हैं। -Panchagavya is very necessary for crop and soil
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कैसे बनता है पंचगव्य
जिस तरह इसका नाम है पंचगव्य (यानि पंच मतलब पांच और गव्य मतलब गौ माता की चीज़ें) ठीक उसी प्रकार इसका काम भी है। इसके निर्माण के लिए आपको गौ माता की पांच चीजें लेनी पड़ती हैं, जो है गोमूत्र, दही, घी, गोबर और दूध। अब इसे अच्छी तरह मिश्रित कर दिया जाता है जो पंचगव्य का रूप ले लेती है। यह पूरी तरह प्रकृति द्वारा निर्मित की जाती है इसीलिए यह उत्पादन शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ मिट्टी के सेहत के लिए भी काफी लाभदायक होती है। -Panchagavya is very necessary for crop and soil
पंचगव्य के निम्न लाभ
• अगर आप अपने खेतों में पंचगव्य का उपयोग करते हैं तो इससे खेतो में मौजूद सारे सूक्ष्म कीट नष्ट हो जाते हैं जिससे खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है।
• पंचगव्य के उपयोग से खेतों में मौजूद पौधों में होने वाले रोग खत्म होते हैं जिससे पौधे की उम्र लंबी होती है।
• अगर आप अपने खेतों में नमी बनाए रखना चाहते हैं तो पंचगव्य का उपयोग अवश्य करें। इससे खेतों में जल की जरूरत कम पड़ती है और नमी के कारण पौधे लंबी अवधि तक ठीक रहते हैं।
• यह पौधों के लिए तो सही होता ही है साथ ही हम सभी के लिए भी काफी लाभदायक होता है। इससे उत्पादित किए गए फसलों के सेवन से हमारे शरीर को कोई क्षति नहीं पहुंची और साथ ही सकारात्मकता बनी रहती है।
पंचगव्य के लिए निर्माण के लिए निम्न सामग्रियां
आप भी अपने घर पर पंचगव्य का निर्माण कर सकते हैं। इसके लिए आपको 10 किलोग्राम देशी गाय का ताजा गोबर चाहिए। ताजा मूत्र जिसकी मात्रा लगभग 4 से 5 लीटर, आगे आपको एक से 2 लीटर कच्चा दूध लेना है एवं 1 से 2 लीटर दही भी लेनी है। आप 500 ग्राम घी एवं 1 से 2 किलोग्राम मीठा ले और फिर इसे मिश्रित कर लें। -Panchagavya is very necessary for crop and soil
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पंचगव्य के निर्माण की पूरी जानकारी
सबसे पहले आप अपने उपयोग अनुसार गोबर, गोमूत्र तथा भी ले और फिर उसे टंकी में एकत्रित कर लें। आप चाहे तो किसी प्लास्टिक के कंटेनर का भी उपयोग कर सकते हैं। अब इसमें दही दूध एवं मीठा डालकर किसी लकड़ी या फिर डंडे की मदद से अच्छी तरह मिलाए। यह काम आपको तीन-चार दिनों तक करना है। अब आप इसमें पानी डालें और इसे बंद कर दें और किसी धूप ना लगने वाले जगह पर रखें। अब आप सुबह एवं शाम के दौरान एक दो बार इसे अच्छी तरह चला दें। -Panchagavya is very necessary for crop and soil
20 दिनों में आपका पंचगव्य बनकर तैयार हो जाएगा और अब आप देख सकते हैं कि इससे सुंगध आ रही होगी। अब अपने फसलों पर छिड़काव के लिए आप 10 लीटर पानी में लगभग ढाई सौ ग्राम पंचगव्य को डालकर छिड़काव कर दें। इसके छिड़काव से फसलों और मिट्टी को भी लाभ मिलेगा। –Panchagavya is very necessary for crop and soil