कुछ लोगों के मन का ये भ्रम होता है कि जो इंसान अनपढ़ होता है वही खेती या मवेशी पालन करता है। लेकिन आज के युवा उच्च शिक्षा हासिल करने के उपरांत भी अपने आय का जरिया फार्मिंग को बना रहे हैं। आज की हमारी यह कहानी ऐसे दो युवाओं की है जिन्होंने इंजीनियरिंग जैसी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत कोई मोटी रकम की नौकरी नहीं की बल्कि उन्होंने मवेशी पालन का क्षेत्र चुना और आज वे उससे लाखों रुपए कमाकर अन्य युवाओं को इसके लिए जागरूक कर रहे
हैं।
आईए जानते हैं उनके विषय में…
यह कहानी नीमा (Neema) जिले के खोर (Khor) गांव की है जहां दो किसान भाइयों ने मात्र कुछ रूपए तथा मात्र 1 गाय से अपने कार्य को प्रारंभ किया जो आज बड़े डेयरी फार्म का रूप ले लिया है। इससे आज लाखों रुपए की आमदनी हो रही है। ये दोनों युवा पंकज धाकड़ (Pankaj Dhakad) और दीपक धाकड़ (Deepak Dhakad) हैं। अपनी प्रारंभिक शिक्षा सम्पन्न कर ये यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे परन्तु कोरोना के कारण उन्हें घर लौटना पड़ा।
लोन के 1 गाय से शुरू किया कारोबार
जब ये घर लौटे तो उन्होंने निश्चय किया वह फार्मिंग का कार्य प्रारंभ करें जिसके लिए उन्होंने ई-मुद्रा लोन के लिए अप्लाई भी किया। उन्होंने लोन के तौर पर 50 हजार अकाउंट में आ भी गए। इसी राशि से उन्होंने एक गाय खरीदी जिसका दूध वह डेयरी पर देने लगे। एक वक्त की बात है जब ये दोनों एक साथ बैठे थे तब उन्होंने विचार किया कि अब कोरोना के कारण एग्जाम नहीं हो रहा तो क्यों ना हम कुछ ऐसा करें जो हमारे आय का जरिया बन जाए। एक वीडियो साझा कर रहें हैं जिससे सझने में आप को आसानी होगी
वीडियो यहाँ देखें:-👇👇
कांच की बोतल में दूध की पैकिंग
अब उन्होंने ये निश्चय किया कि वह डेयरी फार्म का कार्य तो करेंगें परन्तु सबसे अलग। अधिकतर लोग दूध सप्लाई करने के लिए बाल्टी का उपयोग करते हैं लेकिन हम बोतल का उपयोग करेंगे और दूध का कीमत भी हम तय करेंगे। तब उन्होंने कांच की बोतल दिल्ली से मंगवाई और इसमे दूध पैक होने लगा। सप्लाई के बाद इन बोतलों को अच्छे से क्लीन कर फिर दूध पैक किया जाता है। अब उनका दूध डेयरी पर 28 से 30 रुपए लीटर जाने लगा।
दूध का मूल्य है 65 रुपए प्रति लीटर तक
आज उनके फार्म से क्विंटल में दूध सप्लाई हो रहा है। उन्होंने अपनी दूध की क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा है जिस कारण उनका दूध 45 रुपए प्रति लीटर बिकता है। आज उनके फार्म में 25 गायें हैं जिनकी बछियां भी हैं। धीरे-धीरे दायरा बढ़ता गया और फिर दूध निकालने के लिए मशीन भी मंगवाई गई ताकि ये कार्य सरल हो सके। उनके फार्म से 2 कीमतों से दूध सप्लाई होता है जिसमें से एक 45 रुपए प्रतिलीटर है तो दूसरा 65 रुपए। उनके फार्म में देशी गायें हैं जिनके देखभाल में ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है और इनकी दूध में ए टू होती है जिससे ये जल्द ही पच जाता है, इसमे फैटनेश नहीं होता जिस कारण इसे बच्चों को अवश्य पिलाना चलाना। इसके अतिरिक्त यहां नॉर्मल गायें भी हैं जिनका दूध भी सप्लाई होता है।
दीपक के भाई पंकज ही यहां पशुओं का ध्यान रखते हैं। वह बताते हैं कि शुरुआती दौर में उनकी मदद उनके फैमिली वालों ने किया और आज उन्होंने आदमी रखा हुआ जो पशुओं के देखभाल में उनकी मदद करता है। वह यहां के मौसम के अनुसार ही गायें रखते हैं ताकि उनका देखभाल किया जा सके।