पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित हुई गोल्डन गर्ल अवनि लेखरा (Success story of Padmashri Avni Lekhara)
सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से खेल के क्षेत्र में पैरा ओलंपिक (Paralympics) 2020 में देश के लिए एक गोल्ड और एक ब्रोंज मेडल जीतने वाली अवनी लेखरा (Avani Lekhara) को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया हैं। सम्मान मिलने के बाद ना ही सिर्फ अवनी के परिवार में जश्न का माहौल है बल्कि साथ ही खेल प्रेमियों में भी खुशी की लहर दौड़ उठी है।
कौन हैं अवनि लेखरा…?
भारतीय पैरालंपिक निशानेबाज अवनि लेखरा जयपुर की रहने वाली है। इनके पिता का नाम प्रवीण लेखरा एवं माता का नाम श्वेता लेखरा है। अवनि के पिता प्रवीण लखेरा रेवेन्यू विभाग में आरएएस के पद पर गगांनगर में कार्यरत है। सन् 2012 मे अवनि को एक हादसे का शिकार होना पड़ा। छोटी सी उम्र में व्हील चेयर पर होने के बाद भी उन्होने हार नही मानी। अवनि ने उस दौरान अभिनव बिन्द्रा के बारे में पढ़ा तथा उनके प्रेरणा पाकर आगे की प्रेरणा मिली। अपाहित होते हुए भी निशानेबाज अवनि ने लगातार सघंर्ष किया एवं आज टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है।
2012 का वह दर्दनाक दिन (Life journey of Padmashri Avni Lekhara)
अवनि लखेरा का जीवन साल 2012 से मानो बिलकुल बदल कर रह गया हो, 2012 अवनि पहले कुछ और थी। उनके सपने कुछ और थे। जीवन में कामयाब होने के लिए खुला आसमान था। हर रोज वो एक नई ऊर्जा के साथ अपने कदम घर से बाहर निकालती थीं। पर साल 2012 का वो एक दर्दनाक दिन न जिसने अवनि का जीवन बदल कर दिया.
जब अवनि 11 साल की थी तो अपने पिता के साथ जयपुर से धौलपुर जाते समय उनका एक्सीडेंट हो गया। इस दुर्घटना में अवनि के पिता तो ठीक हो गए परन्तु अवनि की रीढ़ की हड्डी टूट गई और दोनों पांव दुर्घटना में जा चुके थे। इस दुर्घटना के बाद अवनि के जीवन का एक नया अध्याय शुरू होगा था। अवनि खुले आसामान में दूर तलक दौड़ लगाने की चाहत रखती थीं पर उनके लिए सिर्फ चाहत बनकर रह गई।
फिर भी अवनि ने हार नहीं मानी। अवनि की जिंदगी बदल देने वाले दर्दनाक दुर्घटना को मात देते हुए अवनी ने राइफल को अपने सपने पूरे करने का जरिया बनाया। 2017 में शूटिंग की शुरुआत करने वाली अवनि को आज पूरा विश्व उनके हुनर के कारण पहचानता है।
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अवनी लेखरा खेल रत्न से भी सम्मानित हुईं (Avni Lekhara awarded with Khel Ratna)
पिछले दिनों देश के राष्ट्रपति ने अवनी को खेल रत्न देकर उन्हें सम्मानित किया था। अब पद्मश्री से सम्मानित होने के बाद अवनी ने एक बार फिर से राजस्थान का गौरव बढ़ाया है।
पद्मश्री मिलने के बाद अवनी का कहना हैं कि ” यह सम्मान मिलना गौरव की बात है। इस सम्मान के लिए मैं अपने परिजनों के साथ ही मेरे शुभचिंतकों को धन्यवाद देना चाहूंगी। जिनकी वजह से मैं यहां तक पहुंची हूं। एक खतरनाक दुर्घटना के बाद मेरा जीवन बदल गया था।
President Kovind presents Padma Shri to Ms Avani Lekhara for Sports. She is the first Indian woman to win two medals in the same Paralympics and the first Indian woman to win Paralympics gold. pic.twitter.com/KlfNMM4Z4e
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 21, 2022
जब मैंने शूटिंग की शुरुआत की थी तो उस समय मेरे से राइफल भी नहीं उठाई जाती थी, लेकिन उस समय मेरे मम्मी पापा और मेरे भाई ने मेरा हौसला बढ़ाया। पिछले दिनों मुझे खेल रत्न मिला है और अब पद्मश्री अवार्ड से सम्मनित किया गया हैं। यह मेरे लिए गर्व की बात है। इसके साथ ही देश में खेलों को लगातार बढ़ावा मिल रहा है जिसके लिए मैं केंद्र सरकार का बहुत आभार व्यक्त करती हूं। युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के बहुत अवसर मिल रहे हैं। इसलिए सभी को अपने लक्ष्य पर फोकस करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
अवनी की उपलब्धिया (Achievements of Avni Lekhara)
गोल्डन गर्ल जिसे अब पुरी दुनिया अवनि लखेरा ने के नाम से जानती हैं। अवनि ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कई मैडल जीते है इसके साथ उनकी कुछ और उपलब्धिया भी शामिल हैं।
साल 2015 में जब अवनि ने अपनी ट्रेनिंग शुरुवात की थी तो उसके कुछ समय बाद ही उन्हें राजस्थान स्टेट चैपिंयनशिप में गोल्ड मैडल जीता था।
साल 2016 एक नेशनल चैंपियनशिप जो की पुणे में आयोजित हुई थी उसमे अवनि ने मैडल अपने नाम किया था।
सन् 2018 में अवनि ने 61वीं नेशनल शूटिंग चैपिंयनशिप में मैडल जीता था।
हाल ही में अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हुए 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 में स्वर्ण पदक जीत अपने नाम किया था।
इस शानदार प्रदर्शन और जज्बे के लिए The Logically की तरफ से हम अवनी लेखरा को शुभकामनाएं देते हैं।
The Logically के लिए इस लेख को मेघना ने लिखा है