अब महिला हो या पुरुष हर कोई इंडिपेंडेंट बनना चाहता है। जिस प्रकार से आए दिन महंगाई बढ़ती जा रही है एक साधारण मनुष्य के लिए घर चलाना तक काफी कठिन हो चुका है। ऐसे में घर की महिलाएं भी चाहती हैं कि वह भी कुछ करें जिससे घर की आर्थिक स्थिति बेहतर बनी रहे। इसी उद्देश्य से माछीवाड़ा के गांव लक्खोवाल वासी परमिंदर कौर (Parminder Kaur)भी अपनी पढ़ाई और योग्यता के अनुसार कुछ करना चाहती थी। उनके इस फैसले में उनके मामा डा. संतोख सिंह ने उनका साथ दिया। – Parminder Kaur from Ludhiana herself became self-reliant and gave employment to ten other women.
परमिंदर के मामा ने दिया आइडिया
परमिंदर के मामा ने उन्हें समराला में गुरु अर्जुन सेल्फ हेल्प ग्रुप चला रही चरणजीत कौर (Charanjit Kaur) से मिलने को कहा। परमिंदर कौर अपने पति गुरजीत सिंह के साथ चरणजीत कौर से मिली और उनका ग्रुप ज्वाइन की। यहां से परमिंदर सेल्फ हेल्प ग्रुप से स्कूली बैग, पिठू बैग, लगेज बैग, टिफिन बैग जैसी बेस्ट चीजें बनानी सीखी। परमिंदर कौर साल 2016 में आरडब्ल्यूटी यानि रामेश्वर वेलफेयर ट्रस्ट ग्रुप की शुरुआत की।
परमिंदर दस अन्य महिलाओं को दी रोजगार
परमिंदर आरडब्लयूटी की संचालिका ने घर पर ही विभिन्न प्रकार के बैगों और अन्य चीजें बनाने का सामान इकट्ठा की ओर अपने आस-पास की दस महिलाओं को प्रशिक्षण देकर अपने ग्रुप में शामिल कर लिया। परमिंदर कौर अपने साथ-साथ और भी दस महिलाओ को रोजगार दे चुकी हैं। आपको बता दें कि वह गली-गली या दुकानों पर जाकर अपना समान नहीं बेचती। दरअसल वह अपने गांव लक्खोवाल में लक्खी बैग स्टोर नामक दुकान खोल ली है और वहीं अपने प्रोडक्ट बेचती हैं।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु कार्य करना है
परमिंदर बताती हैं कि हमारे ग्रुप की हर एक महिला को पीस के अनुसार पैसे दिए जाते हैं। आज यह महिलाएं अपने हुनर की वजह से किसी पहचान की मोहताज नही है क्योंकि अब यह माछीवाड़ा अकेले ही बैग तैयार करती है। अब परमिंदर का लक्ष्य है कि वह अपने हुनर को अन्य महिलाओं को और प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाए और इसके लिए वह बड़े स्तर पर काम करना चाहती है। परमिंदर के इस काम में उनके पति गुरजीत सिंह और उनके दोनों बच्चों ओमवीर सिंह और धर्मवीर सिंह भी मदद करते हैं। – Parminder Kaur from Ludhiana herself became self-reliant and gave employment to ten other women.