ऐसे तो गार्डेनिंग करना ज्यादातर लोगों की शौक होती है, लेकिन इस भाग दौर भरी जिंदगी में किसी के पास इतना समय नहीं है कि वह अपने दैनिक दिनचर्या को छोड़ कर गार्डनिंग पर ध्यान दे। इन सभी बातों के अलवा हमलोगों ने यह महसूस किया होगा कि लॉक डाउन के समय ज्यादतार नौकरी-पेशा वाले व्यक्ति घर पर अपना समय पास करने के लिए गार्डनिंंग किया करते थे। कई लोग तो इस घरेलू गार्डनिंंग को बिज़नेस में भी तब्दील कर लिए हैं।
आज हम बात करेंगे इन्हीं में से एक ऐसे शख्स और उनके पत्नी के बारे में, जिसने अपने छत पर उगाये गए गार्डेन को बिज़नेस का रुप दिया है।
तो आइए जानते हैं उन दंपति तथा उनके गार्डेन से जुड़ी सभी जानकारियां:-
कौन है वह दंपति?
हम बात कर रहे हैं रेवती रमन सिन्हा (Rewati Raman Sinha) और उनकी पत्नी अंशु सिन्हा (Anshu Sinha) के बारे में, जो कि पटना के कंकड़बाग के रहने वाले हैं। शुरुआत के दिनों में वह गुड़गांव में रहते थे लेकिन वर्ष 2017 में पत्नी का शिक्षक के तौर पर पटना में नौकरी लग जाने के कारण उनके पत्नी को बिहार लौटना पड़ा। कुछ समय बाद पति भी वापस पटना लौट आए और उन्होंने अपना बिजनेस शुरु किया।
लॉकडाउन का किया सदुपयोग
खास बात यह कि इन दंपति ने लॉक डाउन का सही सदुपयोग करते हुए अपने टाईम पास का अच्छा विकल्प खोज निकाला। इस कार्य से उन्हें दो तरह से फायदे है, पहला कि उनका समय पास हो जाता है और दुसरा की वे इसे कमर्शियल व्यू से इस्तेमाल करने में लगे हैं।
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यूट्यूब से सिखा गार्डनिंंग का गुण
लौक डाउन के समय जब रेवती रमन सिंह और उनकी पत्नी ने बताया कि वह खाली समय में यूट्यूब पर कुछ-कुछ देखा करते हैं। उसी कार्यक्रम के दौरान गार्डेन का बारे में भी बताया जाता था। वहीं से इन दोनों ने गार्डनिंंग करने का मन बनाया। वह यूट्यूब के जरिए गार्डनिंग की बारीकी सीखकर अलग-अलग किस्म के सजावटी और फूलों के पौधों को लगाने की शुरूआत कर दिए।
उन्होंने अपने 1500 वर्गफीट के छत के ऊपर हीं गार्डन लगाने की शुरुआत कर दी। आज के समय में उनके पास करीब 200 किस्मों के पौधे उप्लब्ध हैं।
गार्डनिंंग को बिजनेस में किया तब्दील
शिक्षक पत्नी तथा बिज़नेस मैन पति ने बेकार पड़े समय का सदुपयोग करते हुए घरेलू गार्डन को कमर्शियल गार्डेन में बदलने का मन बना लिया। धीरे-धीरे जब उनके छत पर जब पौधे ज्यादा हो गए तो उन्होंने कटिंग करके उनसे मदर प्लांट तैयार करना शुरू कर दिया और अपने छत पर हीं एक नर्सरी की शुरुआत कर दिया। उसके बाद वे काफी कम कीमत में पौधों को बेचना शुरू किया।
खास बात यह कि उनके गार्डेन में 200 से ज्यादा का एक भी पौधा उप्लब्ध नहीं है। उन्होंने अपने ग्राहक को बुलाने के किये सोशल मीडिया को माधय्म बनाया है। वे सोशल मीडिया के सहारे हीं अपने ग्राहकों तक पहुंच बनाते हैंं।
लोगों के लिए बने प्रेरणा
आज के समय में वे दोनों पति और और पत्नी समाज के अन्य लोगों के लिये प्रेरणा बने हुए हैं। वे दोनों अपने मेहनत के बदौलत सफलता हासिल करते हुए आज के समय में अपने घर के छत के ऊपर हीं गार्डेन बना चुके हैं, जिससे उन्हें अच्छी-खासी आमदनी हो जाती है। उन्होंने बताया कि गार्डनिंंग से जुड़ी इन कार्यों में उनके घर के लोगों का भी काफी सहयोग मिला है।