Wednesday, December 13, 2023

Patna: मात्र 500 M की दूरी पर टेम्परेचर में 10° का बदलाव, पटना के इस जगह में हुआ अजीबोगरीब परिवर्तन

जलवायु एक ऐसा पहलू है जो दुनिया के हर इंसान के जीवन से जुड़ा हुआ है और जलवायु की दशा का हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करती है। (Climate change) इस तथ्य को इसी बात से समझा जा सकता है कि अनुकूल जलवायु के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया। लेकिन मानवीय और कुछ प्राकृतिक गतिविधियों के कारण जलवायु की दशा अब बदल रही है। हाल के वर्षों और दशकों में गर्मी के कई रिकॉर्ड टूट गए हैं।

भारत के जलवायु में भी अलग-अलग रिकॉर्ड दर्ज किए जाते हैं। जहां जलवायु अच्छी है वहां के तामपान कम होते हैं और जहाँ जलवायु अच्छी नही है वहां तापमान अधिक रिकॉर्ड किए जाते हैं। बिहार की राजधानी पटना इसका एक उदाहरण है। जी हां, पटना के अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तापमान दर्ज किए गए हैं। पटना में मात्र पांच सौ मीटर पर तापमान में 10 डिग्री का बड़ा अंतर पाया गया है (Temperature change in Patna)। एक ही जगह पर तामपान में इस कदर गिरावट साफ यह बताता है कि जहां हरियाली की कमी है वहां का तामपान काफी अधिक है और जहां हरियाली है वहां के तामपान में काफी गिरावट है।

तापमान में काफी अंतर (temperature change)

दरअसल, बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद द्वारा पिछले साल सेटेलाइट से पटना के तापमान को लेकर सर्वे कराया गया था। अध्ययन में यह पाया गया कि बिहार की राजधानी पटना में महज पांच सौ मीटर की दूरी पर तामपान में 10 डिग्री का बड़ा अंतर है। इस सर्वे का परिणाम यह साफ दिखलाता है कि तापमान को कम करने में पेड़-पौधों का महत्व कितना अधिक है। क्योंकि पटना के जिन इलाकों में हरियाली है वहां तापमान में काफी कमी देखी गई है और जहाँ बड़ी-बड़ी इमारतें हैं वहां के तामपान में काफी वृद्धि दर्ज की गई है।

इन इलाकों में तापमान अधिक (temperature change)

बिहार की राजधानी पटना की अगर बात करें तो पटना के एयरपोर्ट के कंक्रीट (concrete)
के रनवे पर 40 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया है। उसी दिन एयरपोर्ट के बाहरी भाग वेटनरी कालेज के पास तापमान 37 डिग्री दर्ज किया गया। मतलब साफ है कि इन जगहों पर जहां कंक्रीट है वहां हरियाली न होने के कारण तामपान में वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं जहां जल-जीवन-हरियाली है, वहां गर्मी से काफी राहत है। पटना के उन इलाकों में जहाँ बड़ी-बड़ी इमारतें हैं वहां भी तापमान में वृद्धि पाई गई है।

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इन इलाकों में तामपान कम (temperature change)

पटना में कम तामपान वाले जगहों की अगर बात करें तो पेड़-पौधों और जलाशयों से भरपूर संजय गांधी जैविक उद्यान में एक ही समय पर तापमान 30 डिग्री हो जाता है। यह एक बड़ा अंतर आपको देखने को मिलेगा। इसका कारण यह है कि संजय गांधी जैविक उद्यान में काफी पेड़ -पौधें हैं। यहां जलाशय भी है जो तामपान को कम करने में अलग भूमिका निभाता है। वहीं पटना में अगर आप राजभवन के इधर आते हैं तो वहां भी आपको कम तामपान देखने को मिलेगा। यहां भी तामपान में कमी दर्ज की गई है। इन इलाकों में भी अधिक पेड़-पौधे हैं।

परिषद ने रिपोर्ट सौंपी (temperature change)

बिहार राज्य जैव विविधता परिषद ने पटना नगर निगम को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें यह साफ तौर पर कहा गया है कि तामपान के वृद्धि में कंक्रीट (concrete) एक बड़ा कारण है। ग्लोबल वार्मिंग के प्रसार को तब ही रोका जा सकता है जब शहर के सघन इलाकों में अधिक से अधिक वृक्ष लगाए जाएं, बागवानी की जाए। इसका सबसे बड़ा उदाहरण पटना साबित हो रहा है। पटना में अलग-अलग जगह पर केवल पेड़ों के होने या न होने से आसपास में ही तीन-चार स्तर का तापमान मिला। आपको बता दें कि रिपोर्ट में गांधी मैदान के आसपास जहाँ अभी भी वृक्ष हैं वहां 37 डिग्री तथा गंगा किनारे वाले भाग में 36 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया। अलग-अलग वार्ड में अलग-अलग तामपान दर्ज किया गया है।

जलवायु परिवर्तन बड़ा खतरा (temperature change)

पटना के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के इस दौर में बढ़ते तापमान के कारण पूरी दुनिया परेशान है। पूरी दुनिया में कई प्रकार की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं जीवों की प्रजातियां लुप्त होती जा रही हैं तो कहीं कचरा और प्लास्टिक बड़ी समस्या बन रही है। तापमान वृद्धि का असर जलीय जीवों पर भी पड़ रहा है। समुद्र का तापमान बढ़ने से जलीय जीवों में आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इस कदर तापमान बढ़ने से रोकने के लिए जरूरी है अधिक से अधिक पेड़ लगाया जाए। क्योंकि हरियाली ही तापमान को कम कर सकती है। यह हमारे आने वाले भविष्य के लिए काफी हितकर साबित होगा।

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