अच्छी नौकरी हर किसी की चाहत होती है। सभी युवा अपनी ज़िंदगी में अच्छी नौकरी चाहते हैं ताकि जीवन में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो। करियर किसी भी मनुष्य के जीवन के लिये महत्वपूर्ण भूमिका रखता है।करियर ही हमारा अच्छा जीवन सुनिश्चित करता है।
हमारी नई पीढ़ी अच्छे भविष्य की चाह में पर्यावरण से दूर हो रही है परंतु आज भी हमारे समाज मे कुछ ऐसे लोग है जो अच्छी नौकरी के साथ-साथ पर्यावरण से भी जुड़े हैं। कुछ लोग तो अपनी नौकरी छोड़कर खेती भी कर रहे हैं। आज हम ऐसे ही तीन दोस्तों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने पढ़े-लिखे होने के बावजुद भी खेती का मार्ग चुना।
श्वेतांक पाठक (Shwetank Pathak), रोहित पाठक (Rohit Pathak) और मोहित पाठक (Mohit Pathak) नामक किसान की कहानी!
श्वेतांक, रोहित और मोहित वाराणसी के चिरईगांव ब्लॉक के चौबेपुर क्षेत्र के गांव नारायनपुर (Narayanpur) के रहने वाले हैं। पढ़े-लिखे होने के बावजूद ये युवा किसान सीप से मोती निकालने की खेती कर रहे हैं। ये तीनो दोस्त खेती के साथ-साथ मधुमक्खी और बकरी पालन भी करते हैं।

श्वेतांक ने सीप से मोती निकालने की ट्रेनिंग ली
श्वेतांक ने एमए-बीएड किया है परंतु उनकी रूचि सीप की खेती में आ गई थी। श्वेतांक को सीप की खेती के बारे में ज्यादा अनुभव नहीं था। इसके लिये उन्होंने इंटरनेट की मदद से सीप की खेती के बारे में पूरी जानकारी ली। उसके बाद और अधिक जानकारी के लिये ट्रेनिंग भी लिया। आज वो सीप की खेती में सफल हो चुके हैं। उनका कहना है कि सीप से मोती निकालने के काम में 3 गुना ज्यादा लाभ मिल रहा है। अब बहुत से लोग हर रोज श्वेतांक से जुड़ रहें हैं।
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युवा सफल किसान मोहित पाठक
मोहित पाठक बीएचयू से बीए किये हैं। वह पारंपरिक खेती से कुछ अलग करना चाहते थे, इसके लिये उन्होंने दिल्ली गांधी दर्शन से प्रशिक्षण भी लिया है। इसके बाद उन्होंने खेती की शुरुआत की। अब मोहित वाराणसी में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। मोहित से शहद बेचने वाली कंपनियां और औषधालय भी शहद खरीदते हैं। इसके अलावा वह बकरी पालन भी करते हैं। आज वो अपने इस कार्य में सफल हो चुके हैं, अब वह दूसरे किसानों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं।
अच्छी नौकरी छोड़कर शुरूआत की खेती
रोहित ने कोरो’ना काल में एक बड़ी कंपनी के रीजनल हेड की नौकरी छोड़ दी और वाराणसी वापस आ गए। रोहित अपने मित्र मोहित और श्वेतांक के साथ मिलकर कृषि के विकास कार्य में जुट गए। वह खुद खेती करने के साथ-साथ दूसरों को भी नई तकनीक सीखा रहे हैं।

कोरो’ना काल में परिवेश
तीनों युवा मित्रों ने बताया कि कोरो’ना काल के इस महामारी से बहुत कुछ नया सीखने को मिला। रोहित का मानना है कि इन दिनों परिवेश काफी तेजी से बदल रहा है। खेती को इन तीनो दोस्तों ने अपने लिये आमदनी का एक जरिया बनाया है। इनका लक्ष्य इस साल दो सौ लोगों को रोजगार से जोड़ने का है।
ये तीन दोस्त सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है क्योंकि ये गांव के लोगों को नए युग की कृषि सीखा रहे हैं। उनके इस मुहिम से यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और इलाके के विधायक काफी खुश हैं।
The logically इनके इस नए विचार की बहुत प्रशंसा करता है और उनके कामयाबी पर बधाई भी देता है।
