Home Environment

चित्रकूट के भैयाराम ने अकेले ही लगा दिए 40 हजार से ज्यादा पेड़ और बसा दिया जंगल, देखिए तस्वीरें

देश में प्रति वर्ष लाखों पौधे लगाए जाते हैं, मगर लगाकर लोग उसे भुल जाते हैं। आम आदमी को यह जानकारी भी नहीं रहती कि लगाए गए पौधे में से कितने पेड़ बनते हैं अथवा नहीं बनते। पौधे लगाने के बाद उसका ध्यान रखना पड़ता है, तब जाकर एक पौधा पेड़ बनता है।

कई लोग पर्यावरण की संजीदगी को बहुत ही बेहतरीन ढंग से समझते हैं और प्रयास करते हैं कि धरती पर हरियाली के साथ-साथ स्वच्छ वायु भी मिले। इन्हीं में से एक पर्यावरण प्रेमी हैं, जिनका नाम भैयाराम है। उन्होंने वर्ष 2007 से पौधे लगाने (Plantation) का कार्य आरंभ किया था। आज उनके द्वारा एक जंगल बसा दिया गया है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चित्रकूट ज़िले के भरतपुर गांव में जब सभी ओर सुखा नज़र आता है, तो गांव से बाहर एक पहाड़ के पास हरियाली नज़र आती है। यह हरियाली भैयाराम यादव (Bhaiya Ram Yadav) के कई वर्षों के परिश्रम का फल है। जब उन्होंने पेड़ लगाने (Plantation) की शुरुआत की, तो सभी लोग उन्हें पागल कहने लगे थे।

Plantation by Bhaiya Ram Yadav of chitrakut who has made a tree

भैयाराम (Bhaiya Ram) बताते हैं, “जब मैं छोटा था तब मेरे माता-पिता मुझसे कहते थे, भैयाराम तुमको तो हम नहीं पढ़ा पाए, लेकिन हम तुमको पढ़ाई बता देते हैं, महुआ का 5 पेड़ लगा लेना उसी से तुम्हारा नाम चलता रहेगा।” वे आगे बताते हैं, ” मेरे 3 बच्चे हुए लेकिन तीनों में से कोई बच नहीं पाया फिर पत्नी भी चल बसी। तब से मैंने यह शपथ ली कि मैं खुद के लिए नहीं दूसरों के लिए जिऊंगा। तभी से मैंने पेड़ लगाने (Plantation) का कार्य शुरू कर दिया। यब पेड़ दूसरों के लिए ही है, यह वृक्ष ही मेरे पुत्र हैं और इन्हीं के लिये जी रहा हूं।”

भैयाराम (Bhaiya Ram) जंगल को छोड़कर जल्दी कहीं नहीं जाते हैं। कोई पेड़ ना काटे इसलिए उन्होंने जंगल में चेतावनी बोर्ड भी लगा रखा है। भैयाराम ने गांव से बाहर खाली पड़ी जमीन पर एक झोपड़ी बनाई और उसी में रहने लगे। भूमि वन विभाग की थी लेकिन वहां कोई पेड़ नहीं था। वहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण भैयाराम प्रतिदिन सुबह-शाम गांव से पानी भरकर लाते और पौधों में डालते। भैया राम ने बताया जब पेड़ लगाना (Plantation) आरंभ किया तो गांव के लोग पागल कहने लगे, पहाड़ को खोदता रहता है, पहाड़ पर पेड़ लगाता है।

वन विभाग की खाली पड़ी जमीन पर हरियाली लौट आई है। भैयाराम की अपनी मेहनत से वहां आम, महुआ, बबूल, बरगद, पीपल जैसे हजारों पेड़ों का जंगल बस गया है। गांव के कई युवा भैयाराम की मदद के लिए आते हैं लेकिन कई बार लोग चोरी से पेड़ काट भी लेते हैं। भैयाराम बताते हैं, “दिन में किसी की हिम्मत नहीं होती, लेकिन कई बार लोग रात में चोरी से पेड़ काट लेते हैं, जिसके वजह से मैं रात में भी जगता हूं।” भैयाराम (Bhaiya Ram) सुखी लकडियों के लिये किसी को मना नहीं करते, लेकिन हरा पेड़ किसी को नहीं काटने देते हैं।(Plantation)

भैया राम द्वारा बसाए गए इस जंगल में अब सरकारी हैंडपंप भी लग गया है, जिससे पौधे को पानी देने में काफी सहायता मिलती है। भैयाराम ने बताया, “मैं शासन से यही कहना चाहूंगा, प्रतिवर्ष जीतने सरकारी पेड़ लगाए जाते हैं, यदि उनकी देखभाल हो तभी वे बच पाएंगे। मैं अकेला इतने सारे पेड़ बचा सकता हूं, तो वे भी यह कर सकते हैं।” (Plantation)

2 COMMENTS

Comments are closed.

Exit mobile version