प्लास्टिक से होने वाले नुकसान को हम बहुत अच्छे से जानते हैं। प्लास्टिक हमारे पृथ्वी और पर्यावरण को कितना प्रदूषित करता है, इससे हम सभी भली-भांति अवगत हैं। प्लास्टिक के विघटन में बहुत समय लगता है जो हमें और आने वाली पीढ़ी के लिए बेहद नुकसानदायक है। इसलिए जितना हो सके, हम प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें। प्लास्टिक के कम यूज के लिए पश्चिम् बंगाल ने “प्लास्टिक बैंक” का निर्माण किया है। इस कोरोना काल में यह बैंक लोगों से 5 किलो प्लास्टिक और पौधे के बदले आपको 1 लिटर सैनिटाइजर के साथ 2 मास्क रिटर्न कर रही है।
यह कार्य जो पश्चिम बंगाल (West Bengal) की “प्लास्टिक बैंक” ( Plastik Bank) कर रही है उससे वह इको-ब्रिक बनाएगी और पौधों को नदी के किनारे लगाया जाएगा जिससे पर्यावरण संतुलन कुछ हद तक ठीक रहे। इस मुहिम में लगभग बहुत से लोगों ने भाग लिया है। यह बैंक आर्थिक स्थिति से कमजोर लोगों के लिए बनाया गया है जिनके पास इस कोरोना काल मे मास्क और सैनिटाइजर खरीदने के लिए पैसे नहीं है वह इस बैंक की मदद से मास्क और सैनिटाइजर ले जा सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति के पास प्लास्टिक या का पौधा नहीं है वह व्यक्ति मात्र 49 रुपये मे प्लास्टिक बैंक से सैनिटाइजर और मास्क ले जा सकता है।
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प्लास्टिक बैंक (Plastik bank) के कार्य से लोग बहुत प्रसन्न है। लोग जिस तरह से कोरोना वायरस से परेशान हैं, उनके लिए इस बैंक की स्थापना ने उनके चेहरे पर मुस्कान ला दी है। ज़्यादातर लोगों के घरों में प्लास्टिक पड़े हैं जिसे लेकर लोग प्लास्टिक बैंक के पास जा रहे हैं और कोरोना से लड़ने के लिए मास्क और सैनिटाइजर लेकर आ रहें है।
प्लास्टिक बैंक समिति के जनरल सेक्रेटरी “संदीपन सरकार” (Sandeepan Sarkar) ने बताया है कि यह पौधे और प्लास्टिक लेकर सैनिटाइजर के साथ मास्क रिटर्न करने का काम कोरोना महामारी तक चलता रहेगा। जब तक यह महामारी खत्म नहीं होगा तब तक लोग इसका एक्सचेंज औफर के तौर पर इस्तेमाल करेंगे। हमारी इस पहल से इको-फ्रेंडली होने के साथ-साथ कोरोनावायरस से लड़ने में लोगों को सहायता मिलेगी।
इस प्लास्टिक बैंक (Plastik Bank) का कुछ ही दिनों में लगभग 100 से अधिक ग्राहक लाभ उठा चुके हैं। जो कार्य प्लास्टिक बैंक ने किया है वह सराहनीय है इसके लिए The Logically उन्हें सलाम करता है।