आमतौर पर हमारे देश में पुलिस की छवि उतनी अच्छी नहीं है। उनपर अक्सर घूस लेने, ईमानदारी से काम न करने और समय पर कार्यवाई न करने के इल्जाम लगते रहते हैं। इसके अलावा लोगों में पुलिस के नाम का खौफ भी रहता है जिस वजह से पुलिस को देखते ही लोग डर जाते हैं। इन सबसे अलग कभी-कभी पुलिस की एक और छवि उभरकर सामने आती है जिसमें वे अपने सामजिक कार्यों और दरियादिली से लोगों का दिल जीत लेते हैं।
पुलिस की कुछ ऐसी ही छवि एक बार फिर से सामने निकलकर आई है। दरअसल, एक पुलिस अधिकारी देश की सेवा करने के साथ-साथ देश के आनेवाले भविष्य को भी उज्जवल बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। उनकी देशभक्ति और दरियादिली को देखकर हर किसी को पुलिस का यह रुप दिल जीत रहा है। इसी कड़ी में चलिए जानते हैं उस दरियादिल पुलिस अधिकारी के बारें में-
गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षित कर रहे हैं कांस्टेबल विकास
यह कहानी है सहारनपुर के कुरलकी गांव निवासी विकास कुमार (Police Constable Vikas Kumar) की, जो बिजनौर पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब विकास महज 18 वर्ष के थे तभी से अपने गांव में गरीब और जरुरतमन्द बच्चों में बिना किसी शुल्क के शिक्षा की लौ जा रहे हैं। उनके पास शिक्षा ग्रहण करने के लिए वैसे बच्चे आते हैं जिनके माता-पिता दयनीय आर्थिक स्थिति की वजह से बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ हैं।
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नौकरी से समय निकालकर बच्चों में जाला रहे हैं शिक्षा की लौ
किसान परिवार में जन्मे विकास कुमार (Constable Vikas Kumar) की नौकरी साल 2016 में पुलिस विभाग में हो गई, जिसके बाद उन्हें पहली बार बिजनौर में तैनात किया गया जहां कोतवाली शहर के आवास विकास चौकी में अपना पदभार सम्भाला। वहां कार्य करने के दौरान एक बार उनकी नजर कुछ बच्चों पर गई जिनका भविष्य गरीबी के अंधकार में डूब रहा था। बेहद गरीब होने के कारण वे बच्चे शिक्षा से वंचित थे।
आजकल शिक्षा इतनी महंगी हो गई है कि गरीब तबके के बच्चे चाह कर भी अच्छी और उच्च शिक्षा हासिल करने में असमर्थ हैं। हालांकि, सरकारी स्कूल खुलने के बाद भी गरीब तबके के बच्चे उस स्कूल में पढ़ने मे सक्षम नहीं है। ऐसे में विकास ने वहां भी गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का जिम्मा उठाया और लगभग 30 से 35 बच्चों को शिक्षित करने लगे। वे अपनी पुलिस की ड्यूटी से समय निकालकर गांव में भी सैकडों बच्चों को लगातार पढ़ाने के कार्य कर रहे हैं।
आसान नहीं था सफर
किसी भी नेक कार्य की शुरूआत अकेले ही करनी पड़ती है और फिर धीरे-धीरे कारवां बनते जाता है। विकास ने भी जब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का कार्य शुरु किया था तो कई समस्याएं सामने आई थी। लेकिन धीरे-धीरे जब लोगों को उनके इस कार्य के बारें में सुचना मिलती गई अन्य लोग भी इस मुहिम से जुड़ने लगे और देखते-देखते पढ़ने वाले बच्चों की भीड़ भी बढ़ने लगी। बता दें कि, विकास ने बच्चों को फ्री में पढ़ाने की मुहिम की शुरूआत साल 2014 में की थी।
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अधिक से अधिक बच्चों को करना चाहते हैं शिक्षित
अभी विकास की पोस्टिंग नांगल थाने में PRB 112 पर को गई है। वहां जब भी काम से फुर्सत नहीं मिलने पर बिजनौर स्थित रामजी वाला छकड़ा, मोहनपुरी, ढोलापुरी, किशनपुर, सुन्दरपुर बेहड़ा गाँव में सैकड़ो बच्चों की शिक्षित करते हैं। इसके अलावा वे लोगों में शिक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करने के साथ-साथ शिक्षा का महत्व भी बता रहे हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान विकास (Constable Vikas Kumar) ने बताया कि, वह अधिक से अधिक के बच्चों को शिक्षित करना चाहते हैं ताकि गरीबी के वजह से कोई भी बच्चा शिक्षा से दूर ना रह पाए। गरीब का बच्चा भी शिक्षा ग्रहण करके अपने बेहतर भविष्य का निर्माण कर सके।
नेक कार्य के लिए सम्मानित भी हो चुके हैं विकास
विकास कुमार (Vikas Kumar) के अलावा उनके ग्रुप से जुड़े साथी अलग-अलग जगहों पर गरीब बच्चों को पढ़ाने की पाठशाला चला रहे हैं जहां अधिकाधिक सन्ख्या में बच्चे पढ़ने आते हैं। बता दें कि, कांस्टेबल विकास कुमार द्वारा किए जा रहे इस नेक कार्य के लिए उन्हें मुरादबाद के DIG शलभ माथुर द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।
शिक्षा में बढ़ रही महंगाई के वजह से गरीब तबके के अनेक बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं ऐसे में विकास कुमार द्वारा उन्हें शिक्षित करने की यह पहल बेहद प्रशंशनीय है। The Logically इस कार्य के लिए कांस्टेबल विकास कुमार की सराहना करता है।