प्रशासनिक अनियमितता और भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस महकमा को देखकर अक्सर पुलिस के बारे में लोगों का अच्छा ख्याल नहीं रहता है। पुलिस जनता का कार्य भी सही समय से और शीघ्र नहीं करता है जिसकी वजह से लोगों के मन में पुलिस के लिए खराब छवि बनी हुई है परंतु यह कतई जरुरी नहीं है कि सभी पुलिस एक जैसे हों या उनका व्यव्हार एक जैसा हो।
आज इस कहानी के माध्यम से हम पुलिस का एक ऐसा चेहरा आपके सामने लेकर आए हैं जिसके बारे में जानकर आप भी कह उठेंगे कि पुलिस हो तो ऐसी ! तो आईए जानते हैं पूरी कहानी…
एक बुजुर्ग महिला जिनकी उम्र 70 वर्ष है, महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। उस बुजुर्ग महिला का एक पोता है जो कुछ दिन से बाल सुधारगृह में है। 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला काफी बिमार थीं जिसकी वजह से वह खाना नहीं बना पा रही थी। खाना नहीं खाने की वजह से वह और अधिक कमजोर हो गई थी। उनके घर उनकी देखरेख करनेवाला कोई नहीं था।
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ऐसे में पुलिस को जैसे हीं जानकारी मिली कि एक 70 वर्षीय बूढ़ी महिला घर में अकेली रहती है और वह बहुत बीमार है और उसने 3 दिन से भोजन ग्रहण नहीं किया है तो पुलिस फौरन ही हरकत में आ गई और मौके पर पहुंचकर उस महिला की सहयता की। पुलिस ने महिला को अस्पताल पहुंचाया, उनका इलाज करवाया और भोजन भी खिलाया। उसके बाद उस बुजुर्ग महिला को वृद्धाआश्रम में भेज दिया।
उस बुजुर्ग महिला के रिशतेदारों के बारे में पुलिस जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। बुजुर्ग महिला के पोते को चाइल्ड लाइन टीम ने बाल समिति के सामने पेश किया, जिसके आदेश पर कोविड-19 टेस्ट हुआ और वह बाल निकेतन भेज दिया गया है।
वाकई पुलिस द्वारा उठाया गया यह कदम बेहद प्रशंसनीय है। The Logically पुलिस के इस कार्य की सराहना करता है।
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