अक्सर हमलोगों ने एक बात को महसूस किया होगा कि, जब कोई भी आदमी एकदम से गुमशुदा होकर सोच में डुबा रहता है तो उस समय उसके दिमाग में काफी अच्छी-बुरी बातें चल ही होती है। कभी-कभी इन्हीं बातों में से पॉजिटिव बातों को ध्यान में रखते हुए अगर अमल किया जाता है तो उसका सही निष्कर्ष निकलता है। आज हम बात करेंगे एक ऐसी महिला की, जिसने बेकार पड़े समय में सोचते-सोचते खुद की जिंदगी को कामयाब करने का काम किया है।
कौन है वह महिला?
हम पूनम सहरावत (Poonam Sehrawat) की बात कर रहे हैं, जो मूल रूप से दिल्ली (Delhi) की रहने वाली है। उनकी उम्र 38 साल है। वर्ष 2000 में उन्होंने 12वीं पास किया, इसके बाद उनकी चाहत डॉक्टर बनने की थी। तब तक परिवार वालों ने उनकी शादी कर दी। शादी के कुछ सालों बाद वह माँ बन गई तथा इसके बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई। इसके बाद वे अपने बच्चों के परवरिश में लग गई।
समय का किया सही सदुपयोग
धीरे-धीरे उनके (Poonam Sehrawat) दोनों बच्चे बड़े हो गए तब उन्होंने अपने दोनो बच्चों का दाखिला बोर्डिंग स्कूल में करवाया। बच्चों के घर से दूर जाने के कारण घर पर उनका मन नहीं लगता था, इसी कारण वह डिप्रेशन की चपेट में आने लगीं। तब उनकी परेशानियों को देखते हुए उनकी माँ ने उन्हें मंदिर जाने की सलाह दी और फिर हर सुबह उन्होंने मंदिर जाना शुरू कर दिया।
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बेकार पड़े फूलों का किया इस्तेमाल
वह (Poonam Sehrawat) हर दिन मन्दिर जाती थी। एक समय उनका ध्यान मंदिर में बर्बाद होते हुए फूलों पर गया। इसके बाद उन्होंने काफी सोचा और यह निर्णय किया की क्यूँ न इस बेकार पड़े फूलो का सही कामों में उपयोग किया जाए। तब उन्होंने जून 2019 में अपनी दोस्त पिंकी यादव के साथ मिलकर ‘आरुही एंटरप्राइजेज’ की शुरुआत की। इसमे उन दोनों ने मिलकर बेकार फूलों का रीसायकल्ड करके नया प्रोडक्ट बनाना शुरु किया। आज के समय में वे दीया, मूर्ति जैसे आठ तरह के सामान बनाती हैं। अपने उत्पादों को बेचने के लिए वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी करती हैं।
महिलाओं को कर रही प्रशिक्षित
उन्होंने (Poonam Sehrawat) बेकार पड़े फूलों के इस्तेमाल से आठ तरह के प्रोडक्ट्स का निर्माण शुरु कर दिया है। इसके अलावे वह अभी तक लगभग 500 से अधिक महिलाओं को इस काम को करने के लिए ट्रेनिंग भी दे चुकी हैं।
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कैसे बनाती है अपना प्रोडक्ट्स
पूनम सहरावत (Poonam Sehrawat) ने सबसे पहले मंदिरों से फूल उठाना शुरु किया। इसके बाद वह उस बेकार पड़े फूलों से गंदगी हटाकर अच्छी तरह से सूखा देतीं हैं। फूलों को सूखाने के बाद, उसका मशीन से पाउडर बनाया जाता है। फिर कुछ इंग्रेडिएंट्स मिलाकर उसे मोल्ड किया जाता है। तब फिर उसे एक निश्चित आकार देकर धूप में सुखाया जाता है।
अच्छी है आमदनी
पूनम सहरावत (Poonam Sehrawat) बेकार फूलों से कई तरह के सामान बनाकर अच्छी कमाई कर रही हैं। उनके उत्पादों की रेंज 50 रुपए से लेकर 120 रुपए के बीच है। इस बिजनेस को उन्होंने जीरो इनवेस्टमेंट से शुरू किया था और आज के समय में वह हर महीने लगभग 60 हजार रूपये की कमाई कर रहीं हैं। इसके साथ हीं साथ उन्होंने पांच-छह लोगों को अपने फ़र्म में रोजगार भी दिया है।
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लोगों के लिए बनी प्रेरणा
अपने प्रयासों से कभी हिम्मत नहीं हारने वाली महिला पूनम सहरावत (Poonam Sehrawat) ने एक बहुत हीं अच्छा मुकाम हासिल किया है। उन्होंने अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत सफलता हासिल करते हुए बेकार पड़े फूलो का जिस तरह से सही उपयोग किया है, जो काबिले तारीफ है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं सूझ-बुझ या किसी भी मामले में किसी से कम नहीं है। आज के समय में वह हजारों लोगों के लिए प्रेरणा बनीं हुई हैं।
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