आज 21वीं सदी की महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कदम-से-कदम मिलाते हुए अग्रसर हो रही हैं। वह अपने सूझ-बूझ समझदारी तथा कार्य से स्वयं को सिद्ध करने में लगी हैं। आज महिलाएं सिर्फ घर की चारदीवारी तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि जल सेना, वायु सेना तथा थल सेना में भी सफलता का परचम लहरा रही हैं।
कई महिलाएं गृहणी बनकर घर सम्भालते हुए आत्मनिर्भर बनकर जॉब कर रहीं हैं तो कई महिलाएं गार्डेनिंग तथा अन्य क्षेत्रों में अपना पहचान बनाने में कामयाब हो रही हैं। आज की हमारी यह कहानी एक ऐसी महिला की है जिन्हें समाज द्वारा उनके कार्य के लिए प्रताड़ित किया, लोगों ने खूब खड़ी-खोटी सुनाई। कभी अपने घर की जिम्मेवारी पूरी करने के लिए उन्होंने ऑटो ड्राईविंग की और लोगों की बातों को अनसुना करते हुए आगे बढ़ती रहीं।
आज उन्होंने सफलता हासिल कर समाज के उन लोगों के मुंह पर जोड़दार तमाचा जड़ा है जो उनकी आलोचना किया करते थे। ये वही महिला है जो कभी अपने जीविकोपार्जन के लिए ऑटो चलाया करती थी परन्तु आज वही अन्य महिलाओं के लिए रोल मॉडल बनकर उन्हें प्रशिक्षण दे रही हैं। आईए अपनी सफलता से अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं इस महिला की कहानी जानते हैं…
ऑटो चालक महिला प्रमिला
वह साहसी महिला प्रमिला (Pramila) हैं जिन्होंने अपने परिवार की वित्तिय स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऑटो चालक का कार्य प्रारंभ किया। उन्होंने ये रास्ता इसलिए चुना ताकि वह अपने परिवार की जिम्मेदारी बखूबी निभा सके। प्रमिला लगभग 6 वर्षों से एक ऑटो चालक के तौर पर कार्य कर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर परिवार में खुशियां बिखेर रही हैं।
ये वही प्रमीला हैं जिन्हें लोग ताना मारते थे, उनके कार्य की निन्दा करते थे, जिसे सौ लोगों की सौ बातें सुनने को मिलती थी। आज वही लोग उसी प्रमिला की तारीफों के पुल बांधते नहीं थक रहे। प्रमिला हमारे देश की राजधानी दिल्ली में स्थित हरियाणा (Hariyana) में अपने परिवार के साथ रहती हैं।
शशांक आनन्द ने किया प्रोत्साहित
प्रमिला ने जब ये देखा कि उनके घर की जिम्मेदारी उन्हीं के ऊपर है क्योंकि परिवार में पैसे की कमी थी। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि उचित जीवन व्यतीत करने हेतु पैसा कमाना बहुत जरूरी रखता है क्योंकि पैसा के बिना यहां संसार में कोई भी कार्य अच्छी तरह से सम्पन्न नहीं होता। इसलिए उन्होंने पैसा कमाना जरूरी समझा और ऑटो चालक बनने का निर्णय लिया। जब उन्होंने ऑटो चलाना प्रारम्भ किया तो उनको प्रोत्साहित करने के लिए यहां के पुलिस अधीक्षक जिनका नाम शशांक आनन्द है वह आगे आएं।
मात्र 3 दिनों में सिख सकते हैं ऑटो चलाना
प्रारम्भिक दौर में उनके टीम में 20 महिलाएं थी और आगे ये संख्या बहुत बढ़ चुका है। उन्होंने जिम्मेदारी निभाने के लिए अब गुलाबी ऑटो चलाना प्रारम्भ किया। परन्तु जब वह बीमार हो गईं तो उन्होंने इसे छोड़ दिया। परन्तु आज वह महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षित कर रहीं हैं। जिस किसी को ऑटो चालक बनना है वह प्रमिला से कॉन्टेक्ट कर उनसे प्रशिक्षण ले सकते हैं। प्रमिला मात्र 3 दिनों के प्रशिक्षण में ही लोगों को ऑटो चलाना सीखा देती हैं।
यह वाक्या वर्ष 2019 की है जब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी चुनावी रैली में रोहतक गईं थी, तब प्रमिला ने उनको वहां का दौरा अपने ऑटो से कराया था। प्रियंका ने भी इसके लिए प्रमिला की बहुत सराहना की थी। प्रमिला तथा उनकी टीम पानीपत, झज्जर तथा हिसार के महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें ऑटो चालक बनाती हैं ताकि वह आत्मनिर्भर बनकर खुशहाल जीवन बिता सके।