सोचिए कितना बढिया होगा अगर किचन के कचड़ों से खाद बनाकर उसे सही तरीके से साग-सब्जियों को उगाने में उपयोग किया जाय। तो आज हम इस आर्टिकल में यह तरीका आपको बताने वाले हैं।
अक्सर लोग किचन वेस्ट को कचरा समझकर फेंक देते हैं लेकिन ये बहुत ही लाभकारी हो सकता है। इस लेख में आप जानेंगे किचन वेस्ट से ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर यानी उर्वरक बनाने का तरीका।
किचन वेस्ट द्वारा ऑर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र का निर्माण होता है, जिसका उपयोग फल और सब्जियों के उत्पादन के लिए होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।
पड़ेगी कुछ मटकों की आवश्यकता
किचन वेस्ट से उर्वरक बनाने के लिए आपको कुछ मटकों की आवश्यकता है, जिसका ऊपरी हिस्सा ज्यादा खुला हो। अपने आवश्यकता अनुसार मटके लेने के बाद उसमें चार-पांच होल बनाना होना चाहिए। इसे किसी भी कील की मदद से सरलता से बनाया जा सकता है।
उर्वरक निर्माण के लिए जरूरी सामान
उर्वरक के निर्माण के लिए किचन वक्त के साथ-साथ सूखी पत्तियों को ले सकते हैं। अगर आप किसी सिटी में रहते हैं और वहां आपको पत्तियां ना मिले, तो इसके अतिरिक्त कोकोपीट या नारियल के छिलके का भी उपयोग किया जा सकता है।
माइक्रो ऑर्गनाइजम करते हैं अपना काम
इसके उपरांत आपको पहले से ही तैयार की हुई उर्वरक का उपयोग करना होगा। अगर आपके पास पहले से बनी हुई उर्वरक नहीं है, तो आप मिट्टी का भी उपयोग कर सकते हैं। इन सारी चीजों का उपयोग आवश्यक है क्योंकि मिट्टी या कंपोस्ट में पहले से ही माइक्रो ऑर्गेनिजम शामिल होते हैं, जो decomposing करते हैं।
रखे कुछ बातों का ध्यान
कंपोस्ट क्लीयरिंग करने से पूर्व इसमें सूखी पत्तियां अवश्य डालें। अगर आप पतियों को डाल रहे हैं तो इस बात का अवश्य ही ध्यान रखें कि उसमें कोई टहनीयां ना हो। अगर टहनियां होगी तो वे बहुत ही छोटी होनी चाहिए।
इसके उपरांत उसमें मिट्टी या कमपोस्ट डाल दे और किचन वेस्ट डालना प्रारंभ करें। अगर आपके पास में भरा हुआ मटका है, तो आप किचन वेस्ट के ऊपर सुखी चीजें डालना ना भूलें।
इन सब चीजों को डालने के उपरांत पहले से निर्मित मिट्टी या कमपोस्ट डालें एवं दूसरे मटके को उसके ऊपर रख दें।
घर के कचड़े और सूखे पत्तों कम्पोस्ट खाद बनाने की पूरी प्रक्रिया वीडियो में देखें –
मटके को रखें एक दूसरे के ऊपर
सारी चीजों को ठीक तरह से मिलाने के उपरांत सारे मटकी को एक दूसरे के ऊपर खड़ा कर दें एवं इसके नीचे कोई बर्तन अवश्य रखें ताकि पानी नीचे गिर सके क्योंकि पानी भी बहुत ही लाभदायक होता है।
मटके को ढककर अवश्य रखें क्योंकि बारिश के पानी को इसमे गिरने की वजह से कमपोस्ट खराब भी हो जाएगा।
लग सकता है दो माह का वक्त
कंपोस्ट को तैयार होने में लगभग 2 माह का वक्त लग जाता है। हालांकि यह हमारे क्षेत्र के तापमान पर निर्भर करता है। कंपोस्ट का निर्माण उस मटके में सबसे पहले होगा जो नीचे रखा गया।