एक बार फिर से देश की बेटी ने विश्व में भारत का नाम रोशन किया है। दरअसल, हाल ही में थाइलैंड के पटाया में इन्टरनेशनल महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता के 38वें संस्करण का आयोजन किया गया था। उस प्रतियोगिता में भारत की बेटी प्रिया सिंह (Body Builder Priya Singh) ने गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतकर इतिहास रच दिया है।
लेकिन इस सफलता के पीछे प्रिया का बहुत संघर्ष भरा जीवन व्यतीत हुआ है जिसे पढ़कर हर किसी के भीतर जुनून की लहर दौड़ पड़ेगी। इसी कड़ी में चलिए जानते हैं देश के लिए सोना जीतकर लाने वाली प्रिया सिंह के संघर्ष भरे जीवन के बारें में-
महज 10 वर्ष की उम्र मे हो गई थी शादी
राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) की रहनेवाली प्रिया सिंह (Priya Singh) एक दलित परिवार से सम्बंध रखती हैं। इनकी शादी महज 10 वर्ष की उम्र में हो गई जो बहुत ही छोटी उम्र होती है। यह उम्र बच्चों की खेलने की होती है और इस उम्र के बच्चों में अधिक समझ भी नहीं होती है। लेकिन फिर भी उनके घरवालों ने खेलने-कूदने की उम्र में उनका विवाह कर दिया।
यह भी पढ़ें:- बेटी पैदा होने पर ठेलेवाले ने जाहिर की खुशी, 500 लोगों को फ़्री में खिलाया मंगोड़े
आर्थिक तंगी से उभरने के लिए किया जिम में नौकरी करने का फैसला
उम्र और समय के साथ प्रिया में समझने की क्षमता का विकास हुआ जिससे वह अपने पक्ष को दूसरों के सामने काफी मजबूती के साथ रखने लगीं। हालांकि, आरम्भ में परिवार ने साथ नहीं दिया लेकिन समय के साथ उनका सपोर्ट मिलना शुरु हो गया। उनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी।
घर की आर्थिक तंगी मे सुधार लाने के लिए प्रिया ने जिम में काम करने का फैसला किया। जिम में काम करने के लिए उनकी पर्सनालिटी सही थी इसलिए उन्हें नौकरी भी मिल गई। एक महिला के लिए घर-परिवार और नौकरी दोनों को सम्भालना काफी मुश्किल होता है लेकिन फिर भी प्रिया ने इस काम में बैलेंस बनाकर रखा। हालांकि, इस काम में उनके पति ने उनका काफी साथ दिया।
कैसे आया बॉडी बिल्डर बनने का विचार?
जिम में नौकरी के दौरान वह भी ट्रेनिंग लेती थीं और इस तरह वह एक सफल जिम ट्रेनर बन गईं। वह बताती हैं कि, जिम में काम करने के दौरान उन्हें बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता के बारें में जानकारी मिली। इसी के साथ उन्हें यह भी पता चला कि राजस्थान से अभी तक कोई भी महिला बॉडी बिल्डर नहीं बनी है। बस फिर क्या था प्रिया ने महिला बॉडी बिल्डर बनने का फैसला किया।
यह भी पढ़ें:- यह महिला डॉक्टर महज 10 रुपये में करती हैं मरीजों का इलाज, कहती हैं दूसरों की मदद करना हमारा कर्तव्य है
स्टेट लेवल पर जीत चुकी हैं गोल्ड मेडल
बॉडी बिल्डर बनने के सपने को पूरा करने के लिए प्रिया कड़ी मेहनत करने लगीं। कहते हैं मेहनत कभी बेकार नहीं जाती और प्रिया (Body Builder Priya Singh) की कठिन मेहनत ने भी रंग लाना शुरु कर दिया। वह बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में भाग लेनी लगीं और राज्य स्तर पर तीन बार साल 2018, 2019 और 2020 में गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी हैं।
अब इन्टरनेशनल लेवल भी जीता गोल्ड
राज्य स्तर पर विजेता बनने के बाद अब उन्होंने 17-18 दिसंबर 2022 को थाइलैंड के पटाया में आयोजित 39वें अन्तर्राष्ट्रीय महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता (International Female Body Building Competition 2022) गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है।
नहीं मिला लोगों का भरपुर प्यार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रिया कहती हैं कि उन्हें इस बात का मलाल है कि विजेता बनकर जब वह अपने देश लौटीं तो उनका स्वागत करने के लिए महज कुछ ही लोग वहां मौजूद थे। इसके विपरीत उन्हें लगा था कि इस जीत के बाद उन्हें लोगों का काफी प्यार मिलेगा और लोग उनका वेलक करेंगे, लेकिन वह जयपुर एयरपोर्ट से अकेली घर लौंटी।
प्रिया सिंह (Body Builder Priya Singh) ने जिस तरह विदेश में भारत का डंका बजाया है वह काबिले तारिफ है। The Logically गोल्ड मेडल जीतने के लिए उन्हें ढेर सारी बधाई देता है।