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पति की मौत के बाद कभी की 1500 नौकरी की तो कभी चाय बेची, अब बनी UP रोडवेज की पहली महिला बस ड्राइवर

Priyanka Sharma, The First Woman Bus Driver of UP Roadways

किसी ने बहुत सुन्दर बात कही है, कठिन परिस्थितयों में इन्सान निखर जाता है या फिर बिखर जाता है। ऐसे में जो व्यक्ति मुश्किल समय में भी अपना धैर्य नहीं खोता है और हिम्मत के साथ आगे बढ़ते है वहीं कुछ कर गुजरता है। कुछ ऐसी ही कहानी एक महिला की है जिसने जीवन में तमाम कठिन चुनौतियों का सामना किया लेकिन हार नहीं मानी और आज UP रोडवेज की पहली महिला बस ड्राइवर बनकर मिसाल पेश की है।

महिलाओं का बाइक, कार, ऑटो चलाना आम बात हो गई है लेकिन अब महिलाएं बस और भारी वाहन भी चलाने लगी हैं। इसी कड़ी में कुछ समय पूर्व दिल्ली में महिला को बस ड्राइवर नियुक्त किए जाने के बाद अब उत्तरप्रदेश में भी UPSRTC के द्वारा बस ड्राइवरों की भर्तियां की गई जिसमें 26 महिलाओं का चयन किया गया। उन्हीं में से एक महिला ड्राइवर का नाम प्रियंका शर्मा (Priyanka Sharma) है।

शराब की लत ने ले ली पति की जान

प्रियंका शर्मा (Priyanka Sharma), बिहार (Bihar) के बांका जिले के हरदौड़ी गांव की रहनेवाली हैं जिनकी शादी साल 2002 में विवेक नामक युवक से हुई थी। आप सभी जानते हैं कि शराब की लत लोगों को इस कदर लगी हुई है कि उन्हें न अपनी जान की परिवार है और न घरवालों की चिन्ता है। प्रियंका के पति को शराब की बुरी लत थी जिससे उन्हें जानलेवा बिमारी हो गई थी। ऐसे में पति की इलाज के लिए प्रियंका ने अपने सारे गहने बेच दिए थे। पति की इलाज में काफी पैसा खर्च करने के बाद उनकी जिंदगी नहीं बच पाई और वे स्वर्ग सिधार गए।

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पति की मौत बाद प्रियंका के कंधों पर आ गई घर की जिम्मेदारी

पति की मौत के बाद प्रियंका के उपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घर-परिवार और दो बच्चों की जिम्मेदारी प्रियंका के कंधों पर आ गई। पैसों की तंगी के कारण घर की स्थिति काफी दयनीय होने लगी ऐसे में नौकरी की तलाश में प्रियंका ने दिल्ली आने का फैसला किया। उसके बाद आजीविका के लिए उन्हें नौकरी की तलाश थी उसी दौरान एक कम्पनी में 1500 रुपये मासिक वेतन पर उनकी नौकरी लग गई। Priyanka Singh, The First Woman Bus Driver of UP Roadways.

बनी ट्रक ड्राइवर

एक छोटी राशि पर कम्पनी में काम करने के बाद उन्होंने खुद का कुछ करने के लिए चाय की दुकान शुरु की। लेकीन चाय की दुकान से कमाई बहुत कम होती थी जिससे खुद का और परिवार का जीवनयापन करना काफी मुश्किल काम था। इसी तरह जीवन में अनेकों चुनौतियों का सामना करने के बाद उन्होंने ट्रक चलाने का निर्णय लिया। ट्रक चलाने के लिए सबसे पहले ड्राइवरी सीखना जरुरी होता है। ऐसे में उन्होंने पहले बतौर हेल्पर काम किया और फिर आगे चलकर वह खुद ट्रक ड्राइवर बन गईं।

अपनों ने छोड़ा साथ

हालांकि, प्रियंका (Truck Driver Pariyanka Sharma) का यह सफर आसान नहीं था। वह बेशक ट्रक ड्राइवर बनकर अपना और अपने परिवार का जीवनयापन करने लगीं लेकिन उनके हाथ से अपने कुछ रिश्तों की डोर छुट गई। दरअसल, उनका ट्रक चलाना उनके माता-पिता औए भाइयों को राश नहीं आई जिसके कारण उन्होंने प्रियंका शर्मा से बातचीत करना बंद कर दिया।

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बेहतर शिक्षा के लिए बच्चों को डाला हॉस्टल में

ट्रक ड्राइवर की जिंदगी कभी स्थिर नहीं होती है, काम के सिलसिले में उसे अक्सर एक जगह से दूसरे जगह जाना पड़ता है और कभी-कभी तो दूर का सफर भी तय करना पड़ता है। प्रियंका भी काम के सिलसिले में कभी महाराष्ट्र तो कभी बंगाल जाती थी। अक्सर काम के सिलसिले में बाहर जाने के कारण उन्हें अपने बच्चों के लिए कम समय मिलता था। ऐसे में उन्होंने अपने दोनों बेटों को बेहतर शिक्षा के लिए हॉस्टल में डाल दिया है। उनके दोनों बेटे बिहार के भागलपुर स्थित सेंट कोलम्बस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

नौकरी पाकर खुश हैं प्रियंका

हाल ही में UPSRTC द्वारा भर्ती किए बस ड्राइवरों की लिस्ट में शामिल होने के बाद प्रियंका (Bus Driver Priyanka Sharma) काफी प्रसन्न हैं। ट्रक ड्राइवर की नौकरी करने के बाद उनका जीवन अब अच्छे से व्यतीत हो रहा है। अब वह चाहती हैं कि उनके दोनों बेटे पढ़-लिखकर जीवन में ऊंचाईयों के छुएं और हमेशा खुश रहें।

प्रियंका शर्मा ने जिस तरह जीवन में एक के बाद एक आई सभी मुसीबतों का सामना करने के बाद भी हार नहीं मानी और UP रोडवेज की पहली महिला ट्रक ड्राइवर (Priyanka Sharma, The First Woman Bus Driver of UP Roadways) बनकर दूसरे लोगों के लिए मिसाल पेश की है। The Logically उन्हें UP रोडवेज में सरकारी नौकरी मिलने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता है।

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