Sunday, December 10, 2023

पिता करते थे ढाबे पर काम, बेटी ने खुद की व्यवसाय शुरू कर सुधारी घर की हालत: 12 अन्य लड़कियों को दे चुकी है रोजगार

परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिये परिवार के सदस्य हमेशा कोशिश में लगे रहते हैं। सभी चाहते है कि घर की स्थिति बेहतर हो और सभी अच्छे से रह सकें। यदि घर की परिस्थिति सही नहीं होगी तो पूरे परिवार का गुजारा करना बहुत कठिन हो जाता है तथा कई सारी परेशानियां होने लगती है। घर की दशा बदलने के लिये बेटे और बेटियां दोनों आगे आते हैं। इतना ही नहीं स्थिति के अनुसार कई बेटे और बेटियां सहयोग करतें है तो कई अपने कंधों घर-परिवार पर पूरी जिम्मेदारी भी ले लेते हैं।

आज हम ऐसी ही एक बेटी के बारें में बताने जा रहे है जो परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिये स्वरोजगार करने लगी और परिवार में सबसे अधिक आय वाली सदस्य बन गईं। आइये जानते हैं ऐसी काबिल और होनहार बेटी के बारे में जिसपर सभी गर्व महसूस कर सकतें हैं।

इस बेटी का नाम पूनम है। पूनम के पिता एक ढाबे पर नौकरी करतें हैं। उनकी मासिक आय सिर्फ 8 हज़ार रुपये है। पूनम की मां गृहिणी है। पूनम अपने परिवार की सबसे छोटी सदस्य है। पुनम के दो भाई हैं और दोनों भाई शादीशुदा हैं। एक भाई पंचर के दुकान पर काम करता है तो वहीं दूसरा भाई सीट सिलाई का कार्य करता है। 4 हज़ार रुपये मासिक आमदनी कमाता है। ऐसे में ये सब रुपये इतने अधिक नहीं है जिससे घर को अच्छे से चलाया जा सके। ऐसे में परिवार में कई सारी परेशानियां आनी शुरु हो गईं। घर-परिवार की आर्थिक दिक्कतों को देख कर पूनम ने कुछ अलग कर स्वरोजगार करने का निश्चय किया।

Punam

पूनम स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं। पूनम अभी से 2 वर्ष पहले घर का काम करने में मदद करती थी और साथ ही छोटा-मोटा सिलाई का कार्य भी करती थी। पूनम ने वर्ष 2018 के जुलाई माह में एक संस्था के परिधान उत्पादन प्रशिक्षण केंद्र में अपना नामांकन कराया। उस केंद्र में पूनम ने 3 महीने तक कारखाने वाला कपड़ा उत्पादन का शिक्षण लिया तथा जेन्ट्स शर्ट बनाने का गुण सीखा। प्रशिक्षण खत्म होने के बाद पूनम ने केंद्र पर ही जेन्ट्स शर्ट बनाने का कार्य आरंभ किया। उन्होंने 10 अन्य महिलाओं को भी अपने साथ सम्मिलित किया और उन्हें भी कपड़ा बनाने का प्रशिक्षण दिलवाया। कहते है न, “बड़े काम की शुरुआत छोटे काम से होती है।” ऐसा ही हुआ पूनम के साथ। धीरे-धीरे पूनम के पास सीकरी की कारखानों से शर्ट बनाने का कार्य आने लगा जिससे पूनम का काम भी अच्छा चलने लगा।

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पूनम की परिश्रम और काम के प्रति लगन को देख कर वर्ष 2019 में एक संस्था ने पूनम और अन्य 11 महिलाओं के लिये 50% अनुदान पर आधुनिक जैक सिलाई मशीन मुहैया कराई। हर मशीन की कीमत 18 हज़ार रुपये है। इस मशीन की सहयता से काम में गति आई और यह अधिक अच्छे से होने लगा। वर्तमान में इनके कारण 18 महिलाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। इस काम से प्रत्येक महिला महीने के 6 से 7 हज़ार रूपये की आमदनी कर लेती हैं। पूनम हर माह 12 से 14 हज़ार रुपये की कमाई कर रही है। पूनम शर्ट के बाद कुर्ती बनाने में भी निपुण हैं।

वर्तमान में पूनम अपने परिवार मे सबसे अधिक कमाई करने वाली सदस्य है। इनके काम से पूरा परिवार बहुत खुश हैं तथा इनकी शादी के लिये भी पैसे जुड़ गये हैं।

The Logically पूनम को अपने परिवार की स्थिति में सुधार लाने के लिये उठाये गये कदम की सराहना करता है।