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यह किसान ऐसा खेती करता है जिसपर मौसम का प्रभाव नही पड़ता, आम तुलना में मुनाफ़ा कई गुना अधिक

कुछ ऐसी बातें होती हैं जिन्हें सुनकर लगता है कि यह बात शत-प्रतिशत झूठी है। उन बातों पर निरीक्षण करने के बाद ही विश्वास होता है कि सच्चाई क्या है। एक अच्छी नौकरी हासिल करना हर इंसान की ख़्वाहिश होती है। हर इंसान चाहता है कि वह सफ़लता की ऐसी ऊंचाई पर पंहुचे जहां से उसे एक अलग पहचान मिले जिससे वह सबके लिए प्रेरणा बनें। आज की हमारी यह कहानी ऐसे शख्स की है जिन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ ‘खेती’ करना प्रारंभ किया। इनका नाम है “R.P. Singh”. आईये पढ़ते हैं इनके बारे में।




R. P. Singh

R. P. सिंह धार (Dhar) स्थित “कृषि विज्ञान केंद्र” में कार्यरत थे, लेकिन उन्हें अपनी जन्मभूमि से बेहद लगाव होने के कारण उन्होंने यह नौकरी छोड़ खेती करने की ठान ली। खेतों में हल चलाकर उन्होंने फल उगाने के बारे में सोंचा और खेतों में नारियल के साथ अमरूद के पौधे लगाये। आरपी सिंह को खेतों मे काफी लगाव होने के कारण उनकी मेहनत रंग लाई जिससे उन्हें खूब लाभ हुआ। इनका मनना है कि बाकी फसलें गर्मी, बरसात और ठंडी के कारण बर्बाद हो जाती हैं, लेकिन फलों के उत्पादन में मुझे ऐसी कोई परेशानी नहीं होती।

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शुरुआत में ही 85 हजार रुपये का मुनाफा हुआ

आरपी सिंह अपने परिवार के साथ मानपुर (Manpur) में निवास करते हैं। साल 2013 से यह अपने 5 बीघा की जमीन में फलों की खेती कर रहें हैं। इन्होंने अपने खेतों में अमरूद, अनार और सफेदा जैसे पौधें लगाएं हैं। शुरुआती दौर में ही इन्हें काफी मुनाफा हुआ और 85 हजार रुपये की आमदनी हुई। अगर इनके 5 बीघा की खेती में अच्छी फसलों की उपज हुई तो लगभग 2 लाख की आमदनी ज़रूर होगी। अब बात करते हैं फलों के पेड़ों की, कौन सा पेड़ कितने महीनों में फल प्रदान करने के लिए तैयार हुआ। अनार का फल 36 महीने में फल देने लायक होता है और वही अमरूद का पेड़ 18 महीने में।

फलों के अतिरिक्त खेतों में सब्जियां भी उगाई है

आरपी सिंह ने अपने खेतों में हल्दी के पौधे भी लगाए हैं। साथ ही कुछ जगहों में हरी साग-सब्जियां भी उगा रहे हैं। यह सब कार्य वह अपने किसान भाइयों को लिए कर रहे हैं कि इनकी खेती देख हर कोई जागरूक हो और वह भी खेती करें। इनकी खेती पर रिसर्च करने के लिए जबलपुर और ग्वालियर समेत अन्य इलाक़े से “कृषि छात्र” भी आते हैं।




संयुक्त संचालक कृषि मायाराम जाटव का कथन आरपी सिंह के लिए

आरपी सिंह चाहते हैं कि हर किसान फल उत्पादन सब्जी उत्पादन और औषधि उत्पादन की खेती करें। संयुक्त संचालक कृषि मायाराम जाटव ने आरपी सिंह के लिए बहुत विनम्रभाव से कहा कि- जब इनके जैसा नौजवान व्यक्ति सरकारी नौकरी छोड़ खेती करने लग गया और इससे आमदनी भी अच्छी हो रही है, इसलिए इनसे हर किसान को सीख लेकर चलना चाहिए और खेती से जुड़ना चाहिए।

एक सरकारी नौकरी छोड़ अपनी जन्मभूमि से प्यार के कारण खेती शुरू करना, आश्चर्यजनक है। इसके लिए The Logically, R. P. Singh को सलाम करता है और उम्मीद करता है कि अन्य किसान भी इनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे।

Khushboo loves to read and write on different issues. She hails from rural Bihar and interacting with different girls on their basic problems. In pursuit of learning stories of mankind , she talks to different people and bring their stories to mainstream.

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