कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित होने वाले राज्यों में से महाराष्ट्र (Maharashtra) अब धीरे-धीरे उभर रहा है। इस कठिन समय में मुंबई पुलिस की कांस्टेबल रहाना शेख (Rahena Sheikh) मानवता की मिसाल बन कर उभरी। रहाना रायगढ़ जिले के 50 गरीब आदिवासी बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले लिया। इस वजह से उन्हें मुंबई की ‘मदर टेरेसा’ कहा जाता है। -Rahena Sheikh from Maharashtra
गरीब बच्चों की मदद करने का किया फैसला
बेटी के जन्मदिन के मौके पर रहाना को रायगढ़ के वाजे तालुका में ज्ञानी विद्यालय के बारे में पता चला। अधिक जानकारी के लिए उन्होंने प्रिंसिपल से संपर्क किया और बच्ची की मदद करने की इच्छा व्यक्त की। प्रिंसिपल ने रहाना शेख को व्यक्तिगत रूप से स्कूल जाने और मदद करने के लिए कहा। उसके बाद उनके परिवार ने तुरंत उन बच्चों के लिए कुछ चीजें खरीदीं।
50 बच्चों की शिक्षा की ली जिम्मेदारी
रहाना कहती हैं, “मैंने अपने बच्चों से कहा कि हम ईद की कोई खरीदारी नहीं करेंगे और ना ही मेहमानों को आमंत्रित करेंगे।” उनकी बातों को बच्चों ने समझा और उनके परिवार ने पूरा दिन वहां के बच्चों के साथ बिताया। इसके बाद ही रहाना ने 50 बच्चों की शिक्षा को गोद लेने का फैसला किया।
रहाना शेख (Rahena Sheikh) के अनुसार शिक्षा ही परिवर्तन की चाभी है। उन्होंने कोरोनो वायरस से अनुबंधित लोगों और वित्तीय संकट के कारण उचित चिकित्सा उपचार तक ना पहुंच पाने वाले लोगों में से 54 लोगों को प्लाज्मा, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य अस्पताल सेवाएं भी उपलब्ध कराया है। -Rahena Sheikh from Maharashtra adopts 50 tribal children
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कई सम्मानों से हो चुकी सम्मानित
रहाना के पास मदद के लिए कई फोन भी आ चुके हैं। वे बताती हैं, “एक दिन मुझे कैंसर रोगी के लिए ए+ रक्त समूह के लिए एक कॉल आया, जिसके लिए मैं काफी चिंतित थी। मेरी चिंता देख मेरे पति ने मुझे रोगी के अस्पताल में ले गए, जहां उन्होंने स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए कहा।”
कांस्टेबल रहाना शेख को विभाग ने 40 वर्षीय के सामाजिक कार्यों के लिए मान्यता दी है। इसके अलावा उन्हें मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले द्वारा उत्कृष्टता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है।
रहाना वॉलीबॉल खिलाड़ी भी रह चुकी हैं
रहाना शेख (Rahena Sheikh) पिछले 21 सालों से पुलिस बल में जनता की सेवा करने के साथ-साथ के एक एथलीट और वॉलीबॉल खिलाड़ी भी रह चुकी हैं। उनका कहना है कि अपने आदर्शों को कार्यों के साथ लागू करना चाहिए और एक दूसरे की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने सुविधाओं से संपन्न लोगों से बिना किसी अनुस्मारक के भोजन, आश्रय, दवा आदि के साथ कमजोर लोगों की मदद करने के लिए आग्रह किया। -Rahena Sheikh from Maharashtra adopts 50 tribal children
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