भारतीय सेना ने अपनी बहादुरी का परचम हमेशा लहराया है। दूसरें शब्दों में कहा जाये तो भारतीय सेना अपनी पराक्रम, शक्ति और वीरता के लिये जानी जाती है। भारतीय सेना के बलिदान और संघर्ष से हम सभी भली-भाँति परिचित हैं। भारतीय सेना को उसके त्याग के लिये पूरा देश नमन करता हैं।
एक बार फिर से भारतीय सेना ने अपनी बहादुरी दिखाई है। हम आपको ऐसी ही बहादुरी दिखाने वाले CRPF के डिप्टी कमांडेट के बारें में बताने जा रहें हैं, जो गोली लगने के बाद भी लड़ते रहें और 2 आतंकियों को मार गिराए।
यह घटना जम्मू-कश्मीर (Jammu-kashmir) की है। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर (Srinagar) के बटमालू इलाके में गुरुवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ (Encounter) हुआ था। इस मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के 3 आतंकवादी (Terrorist) मारे गये थे। इसके साथ ही CRPF के डिप्टी कमांडेंट राहुल माथुर समेत 2 सुरक्षाकर्मी भी घायल हुयें थे।
अधिकारियों ने बताया कि राहुल माथुर (Rahul Mathur) को जैसे ही वहां आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली, उन्होंने बुधवार-गुरुवार की रात ढाई बजे अपने दस्ते के साथ बटमालू (Batamaloo) के फिरदौसाबाद के क्षेत्र में घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरु कर दिया। उनका कहना है कि आतंकवादी सुरक्षाबलों पर गोलीबारी करने लगें जिसके बाद सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरु हो गई। दोनों के बीच मुठभेड़ में आतंकवादियों द्वारा चलाई गईं गोलियां डिप्टी कमांडेंट राहुल माथुर को लग गईं जिससे वह जख्मी हो गयें। उनके साथ उनका एक साथी भी घायल हो गया।
“भारतीय सेना की वीरता की गाथा बहुत अनोखी है। हमारे देश की सेना घायल होने के बावजूद भी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटती है।” राहुल माथुर ना तो मुठभेड़ से पीछे हटे और ना ही अपने इलाज के लिये डॉक्टर के पास गये। उन्होंने अपने जख्मी साथी को उस मुठभेड़ से सुरक्षित बाहर निकाला और खुद आतंकवादियो को मुहतोड़ जवाब देने के लिये डटे रहें।
इतना ही नहीं देश के घायल सेना राहुल माथुर अपने साथियों का मनोबल भी बढ़ाते रहें। उन्होंने अपने साथी सैनिकों से कहा, ‘घबराओं मत, मैं ठीक हूं। यह बहुत ही मामूली जख्म हैं। आप सभी मेरी तरफ नहीं बल्कि आतंकियों की तरफ देखो। पहले मुझें अपना टास्क पूरा करना हैं। इलाज तो कभी भी हो जायेगा।’ ऐसे बोल सिर्फ हमारे देश के सैनिक ही बोल सकतें हैं। सच.. सैनिक देश के लिए अपने कर्तव्य को ही सर्वोपरि मानते हैं।
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राहुल माथुर (Rahul Mathur) गोली लगने के बावजूद भी 2 आतंकियों को ढ़ेर कर दिए। इतना ही नहीं यह वीर सिपाही अपने टीम के साथ वहां घरों में फंसी महिलाएं और बच्चों को भी सही सलामत निकालें। उसके बाद जाबांज सैनिक माथुर अचेत हो गयें। जब उन्हें होश आया तो उन्होंने देखा कि वह बादामी बाग स्थित सेना के 92 बेस हॉस्पिटल में भर्ती हैं। हालांकि खुशी की बात यह है कि वह अभी वह खतरे से बाहर हैं।
एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सभी मारे गयें आतंकियों की पहचान जाकिर अहमद पॉल, उबैर मुश्ताक और आदिल हुसैन भट्ट के रूप में की गई है। इसके अलावा पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि ये सभी आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए हैं। मारे गयें सभी आतंकी श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर हुयें अनेकों हमलों में भागीदार थे।
जम्मू-कश्मीर के DGP (Director General of Police) दिलबाग सिंह के अनुसार मुठभेड़ में मारे गयें सभी आतंकीवादी दक्षिण कश्मीर के बाशिंदे थे। DGP ने बताया, “शांति के संदर्भ में, 2019 के अपेक्षा 2020 अधिक बढ़िया हैं। इस साल 2020 में 72 अभियान चलाए गयें। इस अभियान में कुल 177 आतंकवादी को ढ़ेर किया गया। इसमें से 12 आतंकीयों को जम्मू-कश्मीर में मर गिराया गया था।” उन्होंने यह भी बताया कि 177 आतंकियों में से 22 आतंकी पाकिस्तान के थे। इससे यह साफ जाहिर होता हैं कि पाकिस्तान आतंकवादी क्रियाकलापों में सीधा शामिल है।
The Logically को अपने देश के जवानों पर गर्व है और वह राहुल माथुर के अच्छे स्वास्थ्य के लिये इश्वर से प्रार्थना करता है।