मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में एक दूसरे के पारस्परिक सहयोग से हम आसानी से अपना जीवन व्यतीत कर पाते हैं। हम सभी एक-दूसरे की सहायता करनेवालों के बारे में कई दफा सुन चुके हैं। सभी अलग-अलग तरह से दूसरों की मदद करतें हैं। जैसें कुछ लोग भूखे को भोजन देकर सहायता करतें हैं तो कुछ लोग गरीब छात्रों की मदद करतें हैं। कुछ दिन पहले हमने एक ऐसे पुलिस अधिकारी के बारें में जाना जो कुछ ग्रामीणों को बाढ़ के पानी से बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किये बिना उफनते नदी में कुद गये। ऐसे ही आपने कई अलग-अलग प्रकार की कहानियां सुनी और पढ़ी हैं।
आज की कहानी बहुत ही दिलचस्प और अनोखी है। आज हम आपको एक ऐसे मिसाल कायम करने वाले शख्स के बारे में बताने जा रहें है, जिसने मालगाड़ी के नीचे फंसे मासूम की जान बचाकर बहादुरी की एक नई और अनोखी कहानी लिख दी है। पूरा देश उनके साहसिक कार्य और सूझ-बुझ की तारिफ कर रहा है।
बुधवार के दिन एक विडियो वायरल हुआ था। उस वायरल विडियो में देखा गया कि रेलवे के लोको पायलट दिवान सिंह और असिस्टेंट लोको पायलट अटल आनंद ने मालगाड़ी के नीचे 1 या 2 साल के मासूम बच्चे की जान बड़े ही होशियारी और अपनी समझदारी से बचाई। 21 सितंबर को दोनों पायलटों ने मासूम की जान बचाई थी।
जब एक किशोर ने चलती आ रही मालगाड़ी के नीचे जैसे ही एक मासूम को फेंका, तब ट्रेन के लोको पायलट दिवान सिंह और असिस्टेंट लोको पायलट अतुल आनंद ने गाड़ी में ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोक दिया। उसके बाद बहुत ही समझदारी से उस मासूम बच्चे की जान बचाई। मासूम की जान बचाकर दोनों पायलट आज पूरे देश में चर्चा का विषय बने हुयें हैं।
ये वीडियो देखकर ही रोंगटे खड़े हो गए। वायरल वीडियो आगरा-वल्लभगढ़ रुट का बताया जा रहा है। कुछ लोगों ने शरारत में छोटे से बच्चे को रेलवे ट्रैक पर लाकर खड़ा कर दिया। लेकिन ट्रेन पायलट की सूझबूझ से बचा हादसा… बच्चा इंजन में फंस गया था…#viralvideo@Uppolice please check… pic.twitter.com/lKrkg2xfnu
— Naval Kant Sinha | नवल कान्त सिन्हा (@navalkant) September 23, 2020
आपको बता दें कि मासुम की जान बचाने वाले अतुल आनंद ने इससे पहले भी सैकड़ो लोगों की जान बचाकर उनके जीवन की रक्षा कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई ट्रेन से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका है। अतुल आनंद अपनी बहादुरी और सुझबुझ के लिये कई दफा सम्मानित भी हो चुके हैं।
सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट बिहार (Bihar) के पटना (Patna) के रहनेवाले हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में रेलवे की नौकरी ज्वाइन किया है। इसके बाद असिस्टेंट लोको पायलट अतुल आनंद की पोस्टिंग आगरा (Agra) में हो गईं। अतुल आनंद ने सिर्फ 3 साल में ही 3 बार अपनी साहसिक कार्यों से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर चुके हैं और अपनी बहादुरी का परचम भी लहरा चुके हैं। कई सालों से ट्रेन चलाने वाले दिवान सिंह भी कई घटनाओं को रोकते आ रहे हैं।
The Logically अतुल आनंद और दिवान सिंह के साहस को सलाम करता है और उनके द्वारा किये गयें कार्यों की सराहना करता है।